पूर्णिया जिले में बदलो बिहार न्याय यात्रा

पूर्णिया जिले में बदलो बिहार न्याय यात्रा 18 अक्टूबर को श्रीनगर के ओरेला गांव से खाना खाने के बाद 11बजे दिन से आरंभ हुई. न्याय यात्रा का नेतृत्व जिला सचिव का. विजय कुमार, का. मोख्तार, का. सुलेखा देवी, का. वासुदेव शर्मा, का. इस्लामुद्दीन, का. चतुरी पासवान, का. अविनाश पासवान आदि सभी जिला कमेटी सदस्यों के अलावा स्थानीय साथियों – का. चन्द्र शेखर राय, का. संजय महलदार, का. रंजना देवी, का. महावती देवी, का. अख्तर, का. ईमानी, का. फुरकान आदि के साथ 52 साथियों का काफिला निकला जिसमें 12 महिलायें और 25 नौजवान थे.

बांका जिले में बदलो बिहार न्याय यात्रा

बांका जिले में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ 16 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 21 अक्टूबर 2024 तक 6 दिनों चली. इसने 72 गांवो में 81 किलोमीटर की दूरी तय की.

बदलो बिहार न्याय पदयात्रा को जनता का भारी समर्थन व प्यार मगध में जनउभार

कई पदयात्रियों के पैरों में अब छाले पड़ चुके थे लेकिन हर दिन की तरह आज भी जहानाबाद के गोडिहा से उसी ताजगी के साथ पदयात्रा निकली थी. उमस व गर्मी अधिक थी, फिर भी बिहार में बदलाव के जोशीले नारों के साथ कारवां जहानाबाद शहर की ओर बढ़ा चला जा रहा था. आगे, रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे पानी व कीचड़ जमा था. बिना किसी परवाह के पदयात्रियों ने उस कीचड़ को पार किया. कुछ देर बाद सभी जहानाबाद शहर में थे.

तिरुहुत : गांधी की कर्मभूमि से जुब्बा सहनी के शहादत स्थल तक

तिरुहुत में भाकपा(माले) की बदलो बिहार न्याय पदयात्रा 16 अक्टूबर को प. चंपारण जिले के भितिहरवा आश्रम (गौनाहा) से सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हुई.

सुबह 8 बजे केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, भाकपा(माले) केन्द्रीय कमिटी सदस्य और रसोईया संघ की महासचिव का. सरोज चौबे और अन्य भाकपा(माले) सहित पदयात्रा में शामिल सैकड़ों लोगों द्वारा माल्यार्पण किया. वहां एक सभा भी आयोजित हुई जिसमें 500 से अधिक महिला-पुरुष शामिल हुए.

मिथिला : कोशी-कमला की बाढ़ से मुक्ति का सवाल

16 अक्टूबर 2024 को बेनीपट्टी में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की मूर्ति पर पोलिट ब्यूरो सदस्य का. धीरेंद्र झा, केंद्रीय कमिटी सदस्य का. मंजू प्रकाश, दरभंगा जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, मधुबनी जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण, समस्तीपुर जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह तथा मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर जिलों के कई राज्य कमिटी और जिला कमिटी सदस्यों तथा जनसंगठनों के नेताओं द्वारा माल्यार्पण किया गया.

सारण में दिखी नई उथल-पुथल की कसमसाहट

सारण क्षेत्र की बदलो बिहार यात्रा 16 अक्टूबर को भोरे, मैरवां, दरौली, एकमा, दरौंदा होते हुए 23 अक्टूबर को छपरा पहुंची. 16 अक्टुबर को गोपालगंज जिले के कटेया में जनसंवाद को सारण जोन की न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे भाकपा(माले) केंद्रीय कमेटी के सदस्य दरौली विधायक सत्यदेव राम, जिरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता का. अमरनाथ यादव , ऐपवा राज्य सचिव सोहिला गुप्ता,  गोपालगंज के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया, सिवान के जिला सचिव हंसनाथ राम, आरवाइए के राज्य अध्यक्ष जीतेन्द्र पासवान ने संबोधित किया.

उत्तर प्रदेश : महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के विरोध में विधानसभा मार्च

24 अक्टूबर को लखनउफ में महिलाओं ने पुलिस प्रशासन द्वारा रोकने की कोशिश को धता बताते हुए विधानसभा मार्च निकाला. कई बार रोकने के बावजूद महिलाएं आगे बढ़ती गई और अंततः प्रशासन के नाक के नीचे केकेसी तिराहे पर सभा की. वे उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ऊपर बढ़ते बलात्कार, हत्या, अपहरण और लूट की शर्मनाक घटनाओं के खिलाफ आवाज बुलंद करने आयी थीं. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने इस प्रदर्शन का के आह्वान किया था.

आशा वर्कर्स यूनियन का पहला उत्तरप्रदेश राज्य सम्मेलन


आशा वर्कर्स यूनियन (संबद्ध-ऐक्टू) का पहला उत्तरप्रदेश राज्य सम्मेलन एक अक्टूबर को लखनऊ के नेहरू युवा केंद्र (चौक) में संपन्न हुआ.

आवारा गोवंश पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग

भाकपा(माले) ने लालकुआं तहसील में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर आवारा गोवंश से टकराकर हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की.

भाकपा(माले) के बिंदुखत्ता एरिया सचिव पुष्कर दुबड़िया ने कहा कि ये हादसे आवारा गोवंश के टकराने से हो रहे हैं. गोवंश के आवारा होने का कारण शासन-प्रशासन की नीतियां है. इसलिए शासन-प्रशासन को गोवंश के कारण हो रहे हादसों में घायलों व मृतकों को मुआवजा देना चाहिए. जैसा कि 18 सितम्बर के दिए ज्ञापन में भी मुआवजे की मांग की गई थी.

शहीदे आजम भगत सिंह के जन्म दिवस पर देशव्यापी कार्यक्रम

 

शहीदे आजम भागत सिंह के जन्म दिवस के मौके पर जालौन में भाकपा(माले) नेताओं ने भगत सिंह पार्क पर पहुंचकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के चित्रों पर माल्यार्पण करने के बाद भगत सिंह और फासीवाद विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की.

लखनऊ विश्वविद्यालय में आइसा ने सदस्यता अभियान चलाया जिसमें बड़ी संख्या में जुटे छात्रों ने देश में बदलाव की क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.