समस्तीपुर के सरसौना-ताजपुर में स्थित डयूराटन सीमेंट फैक्ट्री में विगत 12 दिसंबर की रात सूर्यकांत कुमार (22 वर्ष) नामक मजदूर की मौत हो गई. उनकी मौत कच्चे माल से लदे ट्रक को आगे-पीछे कराने के क्रम में दीवार व ट्रक के बीच दबकर हो गई. वे पलामू (झारखंड) के चेचनिया कलां निवासी भोला राम के पुत्र थे. घटना के बाद सुरक्षा मैनेजर ने जब शव को वैशाली जिले के डभैत चौर में फेंक देने की कोशिश की. मृतक के चचेरे भाई समेत अन्य मजदूरों ने विरोध किया. उनको पीटा गया. लेकिन वहां बहुत सारे लोग जुट आए. मजबूरन शव को पुनः फैक्ट्री लाया गया.
इस फैक्ट्री में पहले भी कई मजदूरों की मौत हुई है और प्रबंधन ने हमेशा मामले को दबाने का काम किया है. इससे अगल-बगल की बस्तियों के लोगों में पहले से ही आक्रोश था.इस घटना के बाद लोगों ने इसकी एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर हंगामा किया. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने और लोगों को शांत करने के बजाय विरोध प्रदर्शन का विडियो बनाने और इसका विरोध करने पर लाठीचार्ज करने का काम किया. इससे वहां जमा हुई भीड़ में कुछ असामाजिक तत्वों को शरारत करने का अवसर मिला और उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस पत्थरबाजी में आधे दर्जन पुलिसिये और कई ग्रामीण घायल हुए. इसके बाद अगल-बगल के पांच-छह थानों की पुलिस को बुला ली गई और रात्रि में ही लोगों के घरों में घूस कर महिला-पुरूषों की बेरहमी से पिटाई की गई, साथ ही, आधे दर्जन से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया.
14 दिसंबर को भाकपा(माले) के ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम ने जिसमें ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, आसिफ होदा, मो. क्यूम और प्रभात रंजन गुप्ता शामिल थे, इस पुरे मामले की जांच की. जांच टीम ने फैक्ट्री व आसपास की बस्तियों का दौरा कर दर्जनों ग्रामीणों का बयान लिया.
ग्रामीणों के अनुसार सरसौना स्थित सीमेंट फैक्ट्री में 12 दिसंबर की रात्रि घटित कद घटना के बाद मृतक के चचेरे भाई नागेंद्र कुमार व अन्य मजदूरों ने मैनेजर से उसको अस्पताल पहुंचाने को कहा और उसकी इजाजत से अस्पताल लेकर गए भी. वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. मैनेजर ने मृतक के भाई नागेंद्र पर कुछ ले-दे कर मामला रफा-दफा करने का दबाव बनाने लगा. लेकिन नागेंद्र ने उससे शव को फेक्ट्री ले चलने के लिए कहा. उसने कहा कि मृतक के पिता को फोन से सूचना दे दी गई है और जो भी बात होगी, उनके आने के बाद ही होगी. मैनेजर ने उस वक्त तो शव लदे वाहन को फैक्ट्री में ले जाने की बात मान ली लेकिन बीच रास्ते उसे गलत रास्ते पर ले जाने लगा. संदेह होने पर जब नागेंद्र ने पर पूछा कि कहां ले जा रहे हो, हम इसे वहां नहीं ले जाने देंगे तो मैनेजर ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. नागेन्द्र के रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर कुछ लोग इकट्ठा हो गये और उन्होंने इस मारपीट का विडियो बना लिया. लोगों ने ही बताया कि यह वैशाली जिला के डभैच गांव है. वहां जुटे लोगों ने शव को फैक्ट्री ले जाने के लिए बाध्य कर दिया जबकि मैनेजर शव को किसी सुनसान जगह पर फेंक देना चाहता था. यह खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग फैक्ट्री के पास पहुंच गये और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस भी वहां पहुंच गई. किसी पुलिसिये ने हंगामा कर रहे लोगों का जब विडियो बनाने को कहा तो लोगों ने पुलिस का भी विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया. इसके बाद ही पथराव शुरू हो गया जिसमें दर्जनों ग्रामीणों को चोटें आई और साथ ही बंगरा थानाध्यक्ष मनीषा कुमारी समेत कई पुलिस कर्मी भी घायल हो गये. कई थानों की पुलिस बुलाकर मामले को शांत किया गया.
देर रात्रि में बंगरा पुलिस ने मुर्गियाचक, बहादुरनगर, नूराचक आदि जगहों से आधे दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और इस घटना से बेखबर घर में सोये लड्डूलाल सिंह और ममता देवी समेत कई महिला-पुरूषों की बेरहम पिटाई की. कई मुहल्लों के लोग पुलिस के डर से अब भी घर छोड़कर भागे हुए हैं.
लोगों ने उक्त फेक्ट्री में आधे दर्जन से अधिक मजदूरों की मौत की घटनाओं और उनके शवों को छुपाकर फेंके देने की बात बतायी. लोगों ने कहा कि 2 अक्टूबर 2023 को मुजफ्फरपुर के मनियारी निवासी ट्रक चालक मो. यूसूफ की मौत हुई थी. इस घटना के पुलिस की मौजूदगी में बाद सेफ्टी मैनेजर को हटाने व मृतक के आश्रितों को 6 लाख रूपये का मुआवजा देने पर सहमति बनी थी. लेकिन, बाद में न तो मैनेजर हटा और न ही मुआवजे की राशि मिली.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा जेनरल मैनेजर एवं मालिक को चूना लगाकर सरसौना में जमीन, मकान एवं अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा है, वह अपने साथ बाउंसर भी रखता है. इस फैक्ट्री से इलाके में भारी प्रदूषण फैला रहा है. पर्यावरण सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है और सुरक्षा मानक नाम की कोई भी चीज फैक्ट्री के अंदर और आसपास में नहीं है. जांच दल ने पाया कि फैक्ट्री मैनेजर की मनमानी और पुलिसिया दमन के खिलाफ भारी आक्रोश है.