वर्ष - 33
अंक - 51
14-12-2024


राजधानी पटना में 11 दिसंबर 2024 को भाकपा(माले) के बैनर तले एकजुट हुए सबरी नगर, बुद्ध मूर्ति मुसहरी सहित दर्जनों स्लम बस्तियों के गरीबों ने पटना में अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों पर लगातार ढाए जा रहे पुलिसिया जुल्म और की झोपड़ियों को उजाड़ने की लगातार चल रही जनविरोधी कार्रवाइयों के खिलाफ पटना जिलाधिकारी कार्यालय का आक्रोशपूर्ण घेराव किया. घेराव में सैकड़ो की तादाद में शहर के विभिन्न हिस्सों से आये फुटपाथ दुकानदारों तथा शहरी गरीबों की भागीदारी थी.

प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार विधान परिषद सदस्य का. शशि यादव, रसोइया संघ की नेता का. सरोज चौबे, पटना महानगर सचिव अभ्युदय, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, विनय कुमार, मुर्तुजा अली, फुटपाथ दुकानदारों के नेता शाहजादे आलम, सत्येंद्र शर्मा, विभा गुप्ता, जितेंद्र कुमार, तपेश्वर मांझी आदि नेताओं ने किया. प्रदर्शनकारी छज्जूबाग से अपनी मांगों की तख्तियों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे थे. विधान पार्षद शशि यादव सहित सभी नेता घेराव करते हुए काफी देर तक रोड पर ही बैठे रहे और लगातार नारे लगाते रहे.

बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की. जिलाधिकारी महोदय ने मामले में गंभीरता दिखलाते हुए सभी मसलों पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया. उसके बाद घेराव का कार्यक्रम समाप्त किया गया.

शशि यादव ने कहा कि जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद आज का घेराव खत्म हो रहा है. लेकिन प्रशासन यह समझ ले कि गरीबों व फुटपाथ दुकानदारों के जीविका और आवास के संवैधानिक अधिकारों पर हमला हम बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर पर दिए गए सख्त निर्देश के बावजूद गरीबों की झोपड़ियां तोडी़ जा रही हैं. नीतीश कुमार कहते हैं कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी की झोपड़ी नहीं तोड़ी जाएगी, लेकिन आज सत्ता की नाक के ठीक नीचे ही यह क्या हो रहा है? हकीकत यह है कि भाजपा-जदयू सरकार ने आज तक एक शहरी गरीब कॉलोनी को मान्यता नहीं दी है उनको आवास देने की बात तो दूर है. उनका प्रशासन ठंड के मौसम में भी गरीबों की झोपड़ियां तोड़ने में कोई परहेज नहीं करता. डबल इंजन की तथाकथित बीस बरसों की सरकार घोर गरीब विरोधी सरकार साबित हुई है. इसके खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा.

फुटपाथ दुकानदारों के नेता का. शाहजादे ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों को कानूनी अधिकार है कि वे अपनी जीविका के लिए सड़क किनारे रोजगार कर सकते हैं. ऐसा वेंडिंग एक्ट सरकार ने ही बनाया है. हम लोगों का पहचान पत्र भी बना है. इसके बावजूद अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन हमें हमेशा परेशान करता है और पुलिस की जब भी मर्जी होती है, वह हमारी दुकानों को तहस-नहस कर देती है, हमारे साथ गाली-गलौज करती है और यहां तक कि हमारी जमा-पूंजी भी लूट लेती है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह कहां का न्याय है? हम इस अन्याय के खिलाफ आज यहां एकत्रित हुए हैं. कानून द्वारा हासिल अधिकारों पर ऐसा हमला हम किसी भी सूरत में नहीं सहेंगे.

का. रणविजय ने कहा कि पटना-दिल्ली की सरकार गरीबों की दुश्मन हैं. गरीबों के आवास और रोजी-रोटी की चिंता मोदी-नीतीश की सरकार को रत्ती भर भी नहीं है. बिना सीजर लिस्ट के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी वासियों का सामान लूटना गैर कानूनी है. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार को बुलडोजर राज में तब्दील कर देने के खिलाफ गरीबों का संघर्ष तेज किया जाएगा.

का. अनिता सिन्हा ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा गरीबों को उजाड़ने से सबसे ज्यादा गरीब महिलाओं को परेशानी होती है. इस जुल्म के खिलाफ गरीबों की बड़ी गोलबंदी होगी और शासन-प्रशासन को मांगें मानने के लिए मजबूर किया जाएगा. सभा का संचालन राज्य कमेटी सदस्य का. जितेंद्र ने किया.