आज जब देश भर में महिलायें ‘निर्भया से अभया’ अभियान चला रही हैं, बिहार के आरा और औरंगाबाद में दलित बच्चियों के साथ बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर देने की दो अलग-अलग घटनायें सामने आई हैं.
9 दिसम्बर 2024 को औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड अंतर्गत माली थाना के खम्भा कोल मंझौली गांव में दबंग अपराधियों ने दिन-दहाड़े घर मे घुसकर एक 15 वर्षीय दलित बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी. इससे भी शर्मनाक यह कि स्थानीय माली थाना ने इसे आत्महत्या के रूप में दर्ज किया और शव को जलवा देने का प्रयास किया. कुछ ग्रामीणों द्वारा तुरत ही भाकपा(माले) जिला सचिव का. मुनारिक राम को इसकी सूचना दी गई और उनकी त्वरित पहल पर न केवल शव को पोस्टमार्टम हुआ बल्कि मृतका के परिजनों के बयान के आधार इस घटना की प्राथमिकी भी दर्ज हुई.
अगले दिन भाकपा(माले) की एक टीम ने मंझौली गांव पहुंचकर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और आरक्षी अधीक्षक से मुलाकात कर उन्हें सारी घटना की जानकारी देते हुए मांगों का ज्ञापन सौंपा.
प्रतिनिधि मंडल ने आरक्षी अधीक्षक से घटना में शामिल अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा कि यदि सप्ताह भर के अंदर भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो इसके खिलाफ आंदोलन तेज होगा.
16 दिसम्बर 2024 को भाकपा(माले) व ऐपवा के बैनर तले औरंगाबाद जिला मुख्यालय में इस घटना के खिलाफ प्रतिवाद मार्च निकाला गया और जिलाधिकारी से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा गया. प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलायें और ग्रामीण शामिल हए. जिलाधिकारी ने शिष्टमंडल को बताया कि अपराधियों की शिनाख्त कर ली गई है और दो दिनों के अंदर गिरफ्तारी हो जाएगी.
16 दिसंबर 2024 की रात आरा शहर के हनुमान टोला में महादलित बच्ची के साथ जघन्य बलात्कार व हत्या की घटना घटित हुई. इसकी सूचना मिलते ही भाकपा(माले) व इंसाफ मंच की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर इसकी जांच-पड़ताल की और मृतका के परिजनों को साहस दिया.
जांच टीम ने इस जघन्य घटना में स्पीडी ट्रायल चला कर इसके दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की. टीम ने पुलिस प्रशासन पर मृतका के पोस्टमार्टम व जांच में देरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता के परिवार को 11 बजे रात को कड़ाके की ठंड मे सदर अस्पताल में ठिठुरने के लिए छोड दिया गया.
जांच टीम में इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी, भाकपा(माले) के नगर सचिव सुधीर कुमार सिंह, आइलाज नेता अधिवक्ता अमित कुमार बंटी, अधिवक्ता सुबास यादव, भाकपा(माले) नेता राजेन्द्र यादव व वार्ड पार्षद मो. राजन उर्फ फैज, इनौस नेता हिम्मत यादव और आइसा नेता विकास कुमार शामिल थे.
जांच टीम ने पीड़ित परिवार को दस लाख रूपये का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा अपराधियोंको अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है.