इंत्जिनाइटिस जिसे मुजफ्फरपुर वो स्थानीय लोग ‘चमकी बुखार’ है कहते हैं, ने एक वार फिर से कहर ढाया है. यह अजीब संयोग है कि 2014 में जब केंद्र में पहली बार नरेन्द्र मोदी की सरकार आई थी, इस बीमारी से 300 से अधिक बच्चों की मौतें हुई थी. इस बार फिर से जब मोदी सत्ता में दुबारा लौटे हैं, तो मौतों की संख्या अब तक 150 के पार कर गई है. अपना शपथ ग्रहण के बाद मोदी ने सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास का नारा दिया था, लेकिन मुजफ्फरपुर की घटना ने केंद्र व राज्य सरकार के इस दावे की पोल खोल कर रख दी है. अव्वल दर्जे की सुस्ती व घोर लापरवाही बतलाती है कि भाजपा-जदयू के नेता सत्ता के मद में चूर हैं.