टिहरी-नैनबाग प्रकरण : बलात्कार और दलित उत्पीड़न की हकीकत

गत 30 मई 2019 को उत्तराखंड के टिहरी जिले के नैनवाग क्षेत्र में 9 वर्षीय बालिका के साथ गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा बलात्कार किए जाने का घटना सामने आई. इस मामले में पुलिस और अस्पताल का पीड़िता के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया भी चर्चा का विषय बना. सवर्ण पुरुष द्वारा दलित बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोप ने इस मामले को और संवेदनशील बना दिया. इस मामले में भाकपा(माले) की ओर से देहारादून के सरकारी अस्पताल में पीड़िता और उसकी मां से मैंने तथा वर्गीश बमोला ने मुलाकात की.

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में हमारा प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश में भाकपा(माले)-लिबरेशन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. यहां प्रस्तुत है हर सीट का चुनावी हाल :

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने की छंटनी

दिसंबर 2014 में चेन्नै स्थित सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) उद्योग के कर्मचारियों ने बड़े पैमाने की छंटनी के फैसले को चुनौती दी. उन लोगों ने प्रदर्शन किया और प्रबंधन तथा कर्मचारियों के बीच समझौता वार्ता कराने के लिए श्रमायुक्त को याचिका सौंपी. इस प्रतिवाद ने इस मिथक को तोड़ दिया कि अपेक्षाकृत ऊंची तनख्वाह पाने वाले आइटी कर्मियों को यूनियन में संगठित नहीं किया जा सकता है. यह पहलकदमी शीघ्र ही अन्य शहरों - पुणे, बंगलोर, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और भुवनेश्वर - में भी फैल गई.

एनआरसी और ‘विदेशियों के लिए ट्रिब्यूनल’ के नाम पर असम में उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की प्रक्रिया में ऐसे अनेक उदाहरण मिले हैं जिनमें लोगों को उन व्यक्तियों के खिलाफ ‘आपत्ति आवेदन’ देने के लिए बाध्य किया जा रहा है जिनके नाम एनआरसी में दर्ज पाए जा रहे हैं.

सीजेपी (मुख्य न्यायिक अभियोजक) के पास असम के कोकराझाड़ जिले से कुछ लेागों ने शिकायतें भेजी हैं, जो दावा कर रहे हैं कि ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) के कुछ सदस्यों ने ऐसे दस ‘आपत्ति आवेदनों’ पर उनसे जबरन दस्तखत करवाए हैं.