शर्म उनको मगर नहीं आती

-- इंद्रेश मैखुरी

जम्मू कश्मीर में धारा 370 को खत्म किए जाने और इससे जुड़े अन्य मामलों पर उच्चतम न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई. इस सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने माकपा के महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी को जम्मू कश्मीर के पार्टी नेता और पूर्व विधायक मोहम्म्द युसुफ तारीगामी से मिलने की अनुमति दी. कानून के स्नातक मोहम्म्द अलीम सईद को भी कश्मीर में अपने परिवार से मिलने की अनुमति कोर्ट ने दी.

रिजर्व बैंक के आरक्षित फंड का हस्तांतरण और बैंकों का विलय: लूट या ‘बूस्ट’

बिमल जालान के नेतृत्व वाली समिति की अनुशंसाओं के मुताबिक सरकार को अपने आरक्षित कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के रिजर्व बैंक के फैसले, और सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का आपस में विलय करने के मोदी सरकार के निर्णय के ठीक बाद एक सार्वजनिक बहस संगठित की गई जिसका विषय था – रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष का हस्तांतरण और बैंकों का विलय: लूट या ‘बूस्ट’ (प्रोत्साहन)? ‘फायनेंशियल अकाउंटबिलिटी नेटवर्क इंडिया’ की ओर से यह बहस संगठित की गई थी.

मजदूरी कोड बिल : श्रमिकों को मालिकों की दया पर छोड़ देना

वी. शंकर

काॅरपोरेटों ने कानून बनाया

मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद की स्थायी समिति की कई अनुशंसाओं (2018) को दरकिनार करते हुए एक सप्ताह के अंदर मजदूरी कोड बिल को पेश कर पारित करवा लिया. मौजूदा कानूनों और इस नए बिल में सबसे बड़ा फर्क यह है कि कोड में परिभाषा के स्तर पर संदिग्धता, अस्पष्टता और विसंगतियों के लिए पर्याप्त जगह है और इसमें काॅरपोरेट-परस्ती साफ झलकती है.

उत्तराखंड में जमीन बिक्री को हरी झंडी

उत्तराखंड में भाजपा की डबल इंजन की सरकार का यदि किसी बात पर सर्वाधिक जोर नजर आ रहा है तो वह है, जमीनों की बिक्री को सुगम बनाने में. ज़मीनों की बिक्री सुगम-सरल और खुली हो सके, इसके लिए बीते 8-9 महीनों में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार ने कानून में निरंतर बदलाव किए हैं.

कश्मीर के पक्ष में खड़े हों, संघवाद और लोकतंत्र के लिये लड़ें

धारा 370 को खारिज करने और भूतपूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य का खात्मा करने के साथ मोदी-शाह सरकार ने हमें ‘मिशन कश्मीर’ की सुनियोजित साजिश की पर्याप्त झलक दिखला दी है. धारा 370 को खारिज करना आरएसएस के एजेंडा में बहुत पहले से मौजूद लक्ष्य रहा है और भाजपा दावा कर रही है कि जम्मू और कश्मीर की जनता उसे खारिज किये जाने से खुश है. अगर वहां जनता सचमुच इतनी खुश है तो फिर सरकार ने वहां कर्फ्यू क्यों लगा रखा है? वहां संचार के सारे साधन क्यों काट दिये हैं और राज्य के तमाम विपक्षी नेताओं को नजरबंद क्यों कर रखा है?

पहलू खान को किसी ने नहीं मारा?

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व वेला में अलवर की अपर जिला अदालत द्वारा पहलू खान हत्या मामले में सभी आरोपियों को बरी कर देने का फैसला आया है. पहलू खान को 1 अप्रैल 2017 को बहरोड़ में गाय के नाम पर गुंडागर्दी कर रहे अनेक लोगों ने पकड़ कर बूरी तरह पीटा जब वह हटवाड़ा रामगढ़, जयपुर जिला से 45 हजार रूपये में दो गायें खरीदकर अपने बेटे व अन्य साथियों के साथ अपने गांव जयसिंहपुर, तहसील नूह, जिला मेवात, हरियाणा लौट रहे थे. उनके साथ अजमत भी थे जिन्होंने 70 हजार में दो गायें खरीदी थी. उनके साथ रफीक, इर्शाद व आरिफ भी थे.

कैद में कश्‍मीर

हमने कश्‍मीर में पांच दिन (9 से 13 अगस्‍त तक) यात्रा करते हुए बिताये. भारत सरकार द्वारा अनुच्‍छेद 370 और 35 ए को रद्द करने और जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य को समाप्‍त करके इसे दो केन्‍द्र शासित प्रदेशों में बांटने के चार दिन बाद 9 अगस्‍त को हमने यात्रा की शुरुआत की.

कानूनों में दानवी और अलोकतांत्रिक संशोधन

मोदी-2 शासन ने ढेर सारे दानवी ‘आतंक-विरोधी’ कानून पारित कर दिये हैं. गृह मंत्री अमित शाह इन कानूनों पर सवाल उठाने वालों को ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार देते हैं, उन्हें मुस्लिमों का ‘तुष्टिकरण’ करने वाला बताते हैं; और मुस्लिमों को तो बेधड़क आतंकवादी ही बता दिया जाता है. लेकिन वही अमित शाह कहते हैं कि ‘समझौता बम विस्फोट’ के आरोपियों को झूठमूठ आतंकवादियों के बतौर फंसाया जा रहा है, क्योंकि वे तो हिंदू हैं.

असम की प्रलयंकारी बाढ़

असम में, शुरूआती मानसून की वर्षा से आई भीषण बाढ़ के कहर के पहले ही चरण में राज्य के 33 जिलों के 57 लाख लोग उसका शिकार बन गये, और 36 लोग मौत का शिकार हुए. इसके अलावा सैकड़ों जानवर, जिसमें घरेलू पोसे गये पशु और जंगली जानवर भी शामिल हैं, मारे गये. अभी बाढ़ की दो और किश्तें या चरण आना बाकी है.

सोनभद्र जनसंहार में सीधे योगी सरकार का हाथ है

19 जुलाई को पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में एक ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त भुर्तिया बंदूकधारियों को साथ लेकर कई ट्रैक्टरों में भरकर उम्भा गांव पहुंचा और उसने अपनी जमीन जोत रहे गोंड आदिवासियों पर गोली चलाना शुरू किया. इस जनसंहार में 10 आदिवासी मारे गये.