(23 जनवरी 2024 को जगजीवन राम संस्थान, पटना में आयोजित समाजवादी समागम में का. दीपंकर भट्टाचार्य का वक्तव्य)
सबसे पहले कर्पूरी जी को नमन करता हूं. यह अच्छा लग रहा है कि हम उनके विचारों और आज के संदर्भों पर बात कर रहे हैं. अक्सर दिक्कत यह रहती है कि व्यक्तियों को तो याद कर लेते हैं, उनकी पूजा भी कर लेते हैं, लेकिन उनके विचारों-संघर्षां व विरासत से सरोकार नहीं रखते.