[आज हिंदू वर्चस्ववादियों के हाथ में भारत का शासन है, और वे भारत के स्वतंत्रता आन्दोनल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिशों में मशगूल हैं और साथ ही, वे इस आन्दोलन की मुख्य श्क्तियों की भूमिका को विकृत करने का भी प्रयास कर रहे हैं. इस आलेख में हम दो सर्वप्रमुख हिंदू वर्चस्ववादी संगठनों, हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जन्म से लेकर भारत की आजादी और इसके ठीक बाद तक उनके गतिपथ की जांच-पड़ताल करेंगे.