‘आधार’ को वोटिंग से जोड़ना मताधिकार पर हमला है

लोकसभा में निर्वाचन कानून (संशोधन) बिल 2021 को पारित करवाना भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में एक खतरनाक कदम है. इस प्रस्तावित संशोधन के जरिये मताधिकार को ‘आधार’ जांच से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. अनेक जन-विरोधी कानूनों की तरह इस संशोधन को भी ध्वनि मत से लोकसभा में पारित करवा लिया गया; और कई विपक्षी नेताओं की इस मांग को नजरअंदाज कर दिया गया कि इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजा जाए जो इसके फलाफल पर विचार करेगी और विशेषज्ञों से सलाह लेगी.

भारत के ऐतिहासिक किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर


26 नवंबर, 2021 को ऐतिहासिक किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा. अपने लगभग एक साल के जीवन काल में इस आंदोलन ने अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में जनता की अपार ताकत की विलक्षण क्षमता को दिखाया है. व्यापक सामाजिक और विविध वैचारिकी की विस्तृत  श्रेणियों  का प्रतिनिधित्व करने वाले सैकड़ों किसान संगठन लगातार उकसावे, दुष्प्रचार और योजनाबद्ध हिंसक हमलों के बाबजूद अभूतपूर्व एकता, अदम्य साहस और सामूहिक अनुशासन के साथ संघर्षरत हैं.

टीकाकरण से जुड़े मोदी के दावे की सच्चाई


अपने एक भाषण और अखबार के एक लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व में भारत ने 21 अक्टूबर 2021 तक कोविड 19 के टीके की 100 करोड़ खुराक पूरी कर, टीकाकरण से जुड़ी एक प्रभावशाली और ‘ऐतिहासिक’ जीत हासिल की है.

दरांग नरसंहार के जिम्मेदार असम के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें


इन दिनों भारत में भीड़-हिंसा (माॅब लिंचिंग) गैर-न्यायिक हिंसा का शायद सबसे भयावह रूप बनकर उभरा है. असम में दरांग जिले के धौलपुर गांव के वीडियो ने हमें दिखाया है कि हिंसा कितनी अकल्पनीय रूप से  कंपकंपा देने वाली और अमानवीय हो सकती है, जब भीड़ और राज्य के सशस्त्र बलों के बीच पहले से ही धुंधला पड़ता फर्क पूरी तरह से गायब हो जाता है, जब सशस्त्र पुलिसकर्मी खुद भीड़ की तरह व्यवहार करते हैं और एक निहत्थे व्यक्ति की हत्या का जश्न मनाते हैं और उसका बेजान शरीर एक पुलिस फोटोग्राफर के लिए जश्न मनाने, छलांग लगाने और कूद-कूद कर लात मारने का एक प्लेटफाॅर्म बन जाता है.