पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं के नफरतभरे भाषणों और उनकी धमकियों के खिलाफ कदम उठाने में निर्वाचन आयोग नाकाम रहा

 

लगता है कि पश्चिम बंगाल में जो एक माह व्यापी चुनावी कार्यक्रम आजकल जारी है, उसमें केन्द्रीय सशस्त्र बलों, निर्वाचन आयोग और भाजपा के बीच चिंताजनक गठजोड़ उसकी मुख्य विशिष्टता बन गया है.

दांव पर लोकतंत्र: भाजपा के फासिस्ट आक्रमण को मुंहतोड़ जवाब दें!

 

पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव ज्यों-ज्यों अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं, अनेक घटनाएं आज के अत्यंत जरूरी राजनीतिक सरोकारों को सामने ला रही हैं.

मोदी शासन के बढ़ते हमले के साथ ही किसान आन्दोलन मजबूत होता जा रहा है!


भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में दिल्ली की सड़कों पर लाखों किसानों की भागीदारी हुई जो कृषि-विरोधी तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे. दिल्ली निवासियों ने अपनी बाहें खोलकर उनका अभिनंदन किया. बहरहाल, मोदी हुकूमत ने लाल किले में इससे बिल्कुल अलग-थलग हुई एक घटना (ऐसी घटना जिसमें खुद सरकार द्वारा प्रायोजित होने के तमाम निशानियां मिलती हैं) का इस्तेमाल करते हुए किसान आन्दोलन पर चौतरफा दमन शुरू कर दिया.