भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में दिल्ली की सड़कों पर लाखों किसानों की भागीदारी हुई जो कृषि-विरोधी तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे. दिल्ली निवासियों ने अपनी बाहें खोलकर उनका अभिनंदन किया. बहरहाल, मोदी हुकूमत ने लाल किले में इससे बिल्कुल अलग-थलग हुई एक घटना (ऐसी घटना जिसमें खुद सरकार द्वारा प्रायोजित होने के तमाम निशानियां मिलती हैं) का इस्तेमाल करते हुए किसान आन्दोलन पर चौतरफा दमन शुरू कर दिया.