आइलाज का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन उड़ीसा के कटक में सफलतापूर्वक संपन्न

ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस (आइलाज) ने 21 और 22 दिसंबर के बीच उड़ीसा के कटक में अपना दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न किया. इसमें असम, त्रिपुरा, प. बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, आदि समेत 16 राज्यों के 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए. आइलाज का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन मई, 2022 में कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित किया गया था.

किसान महासभा के नेतृत्व में हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन

23 दिसंबर 2024 को उत्तराखंड के हलद्वानी स्थित बुध मार्क में किसान महासभा के बैनर तले एक प्रदर्शन किया गया और आम सभा का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शन में बागजाला गांव के के ग्रामीणों ने भारी तादाद में हिस्सा लिया जिन्होंल के दिनों में सरकारी नोटिस थमाकर गांव खाली करने का आदेश दिया गया है. सभा के माध्यम से चेतावनी दी गई कि अगर एक माह में सरकार ने बागजाला से नोटिस वापस नहीं लिए और विकास कार्यों पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो आंदोलन को तेज करते हुए लालकुआं विधायक का घेराव किया जायेगा. इसके साथ ही बागजाला की मांगों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा.

भाकपा(माले) व खेग्रामस के बैनर तले बिहार के प्रखंड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन

ताजपुर अंचल कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन

23 दिसंबर 2024 को समस्तीपुर के ताजपुर अंचल कार्यालय पर भाकपा(माले)-खेग्रामस ने जोरदार प्रदर्शन किया.

30 दिसंबर को वामदलों का प्रतिवाद दिवस

राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ देश भर में व्यापक गुस्सा है. जगह-जगह विरोध हो रहे हैं. लेकिन न तो अमित शाह और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने और उपचारात्मक कार्रवाई करने को तैयार हैं. इसलिए वाम दलों ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर 30 दिसंबर को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का निर्णय किया है.

वामपंथी नेताओं की मुलाकात हुई

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आरएसपी और ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के नेताओं ने विगत 22 दिसंबर 2024 को दिल्ली के अजय भवन में मुलाकात की और चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम का जायजा लिया. बाबा साहेब अंबेडकर पर अमित शाह की अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ पांचों पार्टियां 30 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगी.

पीलीभीत एनकाउंटर कांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो

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लखनऊ, 25 दिसंबर. 2024 : भाकपा(माले) ने पीलीभीत एनकाउंटर की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि पुलिस के दावे और मृतकों के परिजनों के कथन में काफी विरोधाभास होने से पीलीभीत मुठभेड़ संदेहास्पद हो गया है, लिहाजा जांच जरुरी है.

बलात्कार पीड़िता के लिए न्याय की मांग : बगोदर की सड़को पर उतरी सैकड़ों छात्रायें

बगोदर में 23 दिसंबर 2024 (सोमवार) को मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की एक घटना घटी. अगले दिन 24 दिसंबर, मंगलवार को सैकड़ों छात्राएं इसके प्रतिवाद में स्वतः ही सड़क में उतर गई. दोपहर ढाई बजे बगोदर बस पड़ाव में घाघरा साइंस कॉलेज के सैकड़ों छात्राएं जुटीं और फिर समूचे बगोदर बाजार में बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मार्च में शामिल छात्राएं ‘बलात्कार पीड़िता को न्याय दो’, ‘बलात्कारी को फांसी दो’, ‘महिला हिंसा पर रोक लगाओ’, ‘वी वांट जस्टिस’ आदि नारे लगा रही थी.

मिड डे मील वर्कर्स का प्रथम उत्तर प्रदेश राज्य सम्मेलन

उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन सम्बद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) का राज्य सम्मेलन 22 दिसंबर 2024 को लखनऊ में एपी सेन रोड स्थित श्रम विधि सलाहकार परिषद सभागार में संपन्न हुआ.

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य का. रमेश सेंगर ने कहा कि यह सम्मेलन एक ऐसे दौर में हो रहा है जब मेहनतकशों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को ही नहीं छीना जा रहा है, बल्कि भाजपा सरकार संविधान को ही खत्म करने में जुटी हुई है. आज मजदूर वर्ग के सामने संविधान बचाने की लड़ाई प्रमुख हो गई है.

जोहार झारखंड संकल्प अभियान

ना गोडसे और ना सावरकर चाहिए! भारत को बिरसा-भगत सिंह-अंबेडकर चाहिए! 
झारखंड के नवनिर्माण के वास्ते - का. गुरुदास-का. महेंद्र के रास्ते!

उपरोक्त नारे के साथ भाकपा(माले) ने 18 दिसंबर 2024 से लेकर 22 अप्रैल 2025 तक पूरे झारखंड में जोहार झारखंड अभियान चलाने का संकल्प लिया है. विदित हो कि 2025 जननायक कामरेड महेन्द्र सिंह की शहादत का 20वां साल भी होगा. यहां प्रस्तुत है अभियान का पर्चा.

बस्ती जिले में नाबालिग दलित छात्र के साथ हुई बर्बरता शर्मनाक

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 17 साल के नाबालिग बच्चे को जो कक्षा दसवीं का छात्र था, बेरहमी से मारने पीटने, नंगा कर वीडियो बनाने तथा थूक चटवाने के मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न किये जाने के कारण नाबालिग ने आत्महत्या कर ली. यह न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि वर्तमान योगी सरकार के दलित विरोधी चरित्र को उजागर करता है.