राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा

आइसा ने 11 दिसंबर 2024 को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के 6ठे दीक्षांत समारोह में पहुंचे बिहार के राज्यपाल को मांग पत्र सौंप कर  छात्रहित के कई मुद्दों पर सकारात्मक पहल करने की मांग की. प्रतिनिधि मंडल में आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार व जिला सचिव विकास कुमार समेत अन्य आइसा नेता शामिल थे.

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्राओं को सुरक्षा का सवाल

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, रांची में छात्रा के साथ छेड़छाड़ हुई  जो बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स की एक छात्रा के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के प्रयास की आइसा और ऐपवा ने जोरदार विरोध् करते हुए राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.

पीड़िता ने चार अज्ञात युवकों पर उसका मोबाइल फोन छीन लेने, पीछा करने और घटना का विडियो रिकार्ड करने की केशिश करने जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं.

बिजली बिल के मुद्दे पर उपभोक्ता का अनिश्चितकालीन अनशन

खपत से ज्यादा बिजली बिल भेजने और दर्जनों बार संबंधित अधिकारियों से मिलकर सुधार करने की मांग के बाबजूद इसमें सुधार नहीं किए जाने के विरोध में जितवारपुर के कन्हैया चौक निवासी दिव्यांग सुरेश ठाकुर 10 दिसंबर 2024 से समस्तीपुर के चीनी मिल चौक स्थित विद्युत कार्यालय पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं.

कामरेड उमेश बैठा को श्रद्धांजलि दी

8 दिसंबर 2024 को बेगूसराय जिले के सुजानपुर में भाकपा(माले) के प्रखंड सचिव का. उमेश बैठा की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई.

बदलो बिहार कार्यकर्ता कन्वेंशन का ऐलान : बदलेंगे बिहार, बदलेंगे हिन्दुस्तान

भाकपा(माले) द्वारा संपूर्ण बिहार में  विगत लगभग चार महीनों से चलाये जा रहे ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान, जो ‘बदलो बिहार’ के नारे व संकल्प के साथ चलाया जा रहा है, के अगले चरण की शुरूआत करने के लिए 13 दिसंबर 2024 को बिहार की राजधानी पटना स्थित रविन्द्र परिषद सभागार में ‘बदलो बिहार कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन हुआ.

सामंती वर्चस्व व पुलिस की लापरवाही का परिणाम है शिवधनी निषाद की हत्या

उत्तर प्रदेश शासन की मंशा दलितों पिछड़ों को न्याय देने की नहीं है

3 दिसंबर 2024 को जिला मुख्यालय गोरखपुर से 18 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम गीडा थाना अंतर्गत ग्राम अमटौरा  में दबंग राजपूतों द्वारा दिनदहाड़े 12 बजे निषाद परिवार के मुखिया 55 वर्षीय शिवधनी निषाद की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गयी. उनकी पत्नी भी गोली से घायल हैं और मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती हैं. राजपूतों ने गोली मारने के बाद उनके घर में आग लगा दिया.

बाथे में शहादत की 27वीं बरसी

1 दिसंबर 1997 की मध्य रात्रि में अरवल जिले के लक्ष्मणपुर-बाथे गांव में रणवीर सेना के द्वारा 58 गरीबों को हत्या कर दी गई थी. रात के अंधेरे में एक माह से लेकर के 70 वर्ष के उम्र के लोगों को बेरहमी से मारा गया था. बाथे जनसंहार में श्हीद हुए लोगों की 27वीं बरसी पर लोगो को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) विधायक और पार्टी नेता कामरेड महानंद सिंह ने कहा कि गरीबों की आवाज को दबाने के लिए यह जनसंहार किया गया था. भाकपा(माले) इन जनसंहारियों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ते रही है.

गरीबों-किसानों को उजाड़ने की साजिश बंद करो

बागजाला गौलापार (जिला नैनीताल) के ग्रामीणों को वन विभाग के नोटिस दिए जाने और विकास कार्यों पर रोक लगाए जाने के विरुद्ध अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा 24 नवंबर 2024 को किसान पंचायत का आयोजन किया गया. किसान पंचायत में सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा को व्यक्त किया और घोषणा की कि यदि वन विभाग के नोटिस वापस नहीं लिए गए और विकास कार्यों पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो 23 दिसंबर को हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.

कटिहार के पिंडा में भाजपा संरक्षित दबंगों ने किया सिकमी बटाईदारों पर जानलेवा हमला

कटिहार जिले के मनसाही थानातंर्गत पिंडा गांव में विगत 30 नवंबर को जमीन जोतने के दौरान महेन्द्र उरांव व रघुनाथ उरांव पर गोविंद सिंह और अन्य दबंग-अपराधियों ने जानलेवा हमला किया. गोलीबारी के क्रम में वैद्यनाथ उरांव के पेट में गोली लगी और घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई. जबकि जबना उरांव को जांघ व हाथ में गोली लगी. वे फिलहाल भागलपुर में इलाजरत हैं. एक महिला भी घायल है. दो ट्रैक्टर को आग के हवाले करके पूरे इलाके में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश की गई. स्थानीय थाना चार घंटे तक इस भयावह घटना को बस देखते रहा.

योगी सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ शारदा नदी कटाव पीड़ितों का राहुल नगर में जारी है अनशन

पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के गांव राहुलनगर (मजदूर बस्ती) में शारदा नदी के बाढ़-कटाव पीड़ितों का 5 अक्टूबर 2024 से अनिश्चतकालींन धरना शुरू हुआ था जो 19 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन क्रमिक भूख हड़ताल के रूप में आज भी जारी है. अनशन कारियों की मांग है कि धनारा घाट से खिरकिया तक पक्का तटबंध बनाया जाए, नदी कटान से कटी जमीन के बदले जमीन ढ़ी जाए व बाढ़-कटाव से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए, साथ ही, चैनलाइजेशन मशीन से कम से कम 5 किलोमीटर तक शारदा नदी के शिल्ट को साफ कर नदी को पुरानी धार में पहुंचाया जाए.