कामरेड हरिनंदन सिंह

बिहार के ट्रेड यूनियन के कद्दावर नेता कामरेड हरिनंदन सिंह का 1 जुलाई 2019 को निधन हो गया. वे करीब 90 वर्ष के थे. का. हरिनंदन 1949 में मैट्रिक पास करने के बाद से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका लेने लगे थे. सन् 1952 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी गोदानी सिंह के पक्ष में सक्रियता से काम किया. 1955 में नौसेना में उनकी नौकरी लगी, लेकिन उन्होंने ज्यादा दिनों तक यह नौकरी नहीं की. बिहार सरकार के कृषि विभाग में नौकरी करते हुए वे कर्मचारी आंदोलन में सक्रिय हुए और 1970 में का.

कामरेड चोरटा बेदिया व कामरेड किशोर बेदिया

झारखंड के रामगढ जिले के वरिष्ट कामरेड चोरटा बेदिया का 12 जून 2019 को निधन हो गया. पिछले महीने बुमरी ग्राम के कामरेड किशोर बेदिया का निधन हुआ था. दोनों आजीवन पार्टी सदस्य रहे और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के बतौर हमेशा आंदोलनों में जनता को गोलबंद करने से लेकर संगठन को मजबूत करने में अपनी जिम्मेवारी निभाई. का. चोरटा बेदिया की जनवादी मजदूर किसान समिति (जमकिस) संगठन को खड़ा करने में अहम भूमिका रही है.

कामरेड सुबोध कुमार सिन्हा

sssविगत 16 जून 2019 को शाम में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कामरेड सुबोध कुंभार सिन्हा (देबाशीष बोस) का निधन हो गया. पिछले कुछ वर्षों से उनका स्वास्थ्य गिरता जा रहा था, किंतु यह उम्मीद न थी कि इस तरह अचानक उनकी मौत हो जाएगी .

नाटककार, निर्देशक, विवेकवान नागरिक गिरीश कर्नाड

नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, सार्वजनिक ख्यातिप्राप्त बुद्धिजीवी और साम्प्रदायिकता-विरोधी अभियान के कार्यकर्ता गिरीश कर्नाड का 81 वर्ष की उम्र में 10 जून 2019 को बेंगलुरु स्थित उनके निवास पर निधन हो गया.

गिरीश कर्नाड सांस्कृतिक प्रतिरोध के प्रतीक थे : लखनऊ में ‘स्मरण गिरीश कर्नाड’ का आयोजन

प्रसिद्ध रंगकर्मी, नाटककार, निर्देशक, अभिनेता गिरीश कर्नाड की स्मृति में ‘स्मरण गिरीश कर्नाड’ कार्यक्रम का आयोजन 11 जून 2019 को इप्टा कार्यालय, लखनऊ में किया गया जिसमें शहर के लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने उन्हें याद किया, अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये तथा कहा कि वे हमारे समय के सांस्कृतिक प्रतिरोध के प्रतीक थे. 2014 हो या 2019 गिरीश कर्नाड उन कलाकारों में शामिल थे जिन्होंने मोदी सरकार को हटाने की जनता से अपील की थी. असहिष्णुता के खिलाफ चले आंदोलन में भी वे शरीक थे. उनकी यह भूमिका प्रेरित करने वाली है.

कामरेड ललित मोहन

com Lalitभाकपा(माले) के भूमिगत जीवन से घनिष्ठ सहयोद्धा रहे कामरेड ललित मोहन का 61 वर्ष की उम्र में गत 9 अप्रैल 2019 को निधन हो गया. वे हृदय व फेफड़े की बीमारी से पीड़ित थे और यद्यपि हाल में वे स्वस्थ होकर फिर से सक्रिय जीवन में लौट आए थे. पर अचानक उन्हें तेज कमजोरी महसूस होने लगी. उन्हें पटना एम्स के इमर्जेंसी में तुरंत भर्ती किया गया जहां उन्होंने अंतिम सांसें लीं.

देश भर में डा. भीमराव अम्बेडकर जयंती मनाई गई

डा. भीमराव अम्बेदकर की जयंती पर 14 अप्रैल 2019 को भाकपा(माले) व ऐक्टू ने भागलपुर में लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के संकल्प के साथ श्रद्धा के फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य एस.के. शर्मा व ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने स्थानीय स्टेशन चौक स्थित बाबा साहेब डा. अम्बेदकर के प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर कर ‘डा.

का. राम स्वरूप मांझी

का. राम स्वरूप मांझी (फुलवारीशरीफ, पटना) का लकवा की बीमारी से विगत 23 फरवरी 2019 की रात में निधन हो गया. वे 65 वर्ष के थे. उनका जन्म पलंगा गांव के एक भूमिहीन परिवार में हुआ था. वे 1982 में ही पार्टी के साथ जुड़ गए थे और आजीवन पार्टी के प्रति वफादार बने रहे. 24 फरवरी को उनके अंतिम संस्कार में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए.