रोजगार के अधिकार के लिए यात्रा

उत्तर प्रदेश में आगामी 28 सितंबर जो शहीदे आजम भगत सिंह का जन्मदिन भी है, इलाहाबाद के चंद्रशेखर आजाद पार्क से बेराजगारी के खिलाफ ‘रोजगार के लिए पदयात्रा’ शुरू होगी जो दो अक्टूबर को रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुंचेगी. इस पदयात्रा की तैयारी में गांव से लेकर शहर तक छात्रों-युवाओं से जनसंपर्क कर पर्चे बांटे जा रहे हैं और पोस्टर लगाया जा रहा है.

माले महासचिव काॅ. दीपंकर का संबोधन

 

[ विगत 18 जुलाई 2020 को भाकपा(माले) के महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने मुख्यतः विहार के पार्टी कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों के उद्देश्य से एक वीडियो संदेश दिया.

मई दिवस 2020 : अंगड़ाई ले रहा है देश का मजदूर वर्ग, किसान भी साथ खडे़ हुए

चाय बागान मजदूर मांग पत्र जारी, आंदोलन की तैयारी

असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल और तमिलनाडु में चाय क्षेत्र की मजदूर यूनियनों ने चाय मजदूरों के बीच कोरोना के संभावित संक्रमण को नजरअंदाज करते हुए चाय बागानों के प्रचालन की और साथ ही सरकार व बागान प्रबंधन के “मुनाफा पहले, जनता अंत में” रवैये की भर्त्सना की है.

पार्टी शिक्षा : जेंडर उत्पीड़न-भेदभाव-हिंसा के मामलों में जवाबदेही का सवाल

हमारी कोशिश है कि प्रगतिशील और क्रांतिकारी संगठन और पार्टियां पितृसत्ता, जेंडर आधारित उत्पीड़न और हर तरह के उत्पीड़न से संघर्ष करने और उन्हें खत्म करने की सामूहिक जिम्मेदारी लें. इसके लिए जरूरी है कि संगठन के भीतर जेंडर और अन्य तरह के उत्पीड़न और हिंसा के लिए सामूहिक जवाबदेही के सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को मजबूत करें. हमारे समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक आचरण और सोच हमारे साथियों और संगठन के भीतर भी जड़ जमा लेते हैं. इन सीखे हुए आचरणों और सोचने के तरीकों को बदलने की सचेत कोशिशों की जरूरत है.

केन्द्रीय कमेटी का सर्कुलर

25 से 27 सितंबर 2019 को राजस्थान के झुंझुनू में केन्द्रीय कमेटी की बैठक हुई. बैठक की शुरूआत 25 सितंबर की सुबह ही गुजरे उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी के सदस्य और वयोवृद्ध ट्रेड यूनियन नेता कामरेड हरि सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. साथ ही भोजपुर के बड़गांव पंचायत के लोकप्रिय मुखिया कामरेड अरुण सिंह को भी श्रद्धांजलि दी गई. कामरेड अरुण की हत्या भाजपा समर्थित सामंती ताकतों ने कर दी थी. महाराष्ट्र में लंबे समय की साथी कामरेड संध्या, पश्चिमी चंपारण के कामरेड भोला उरांव को भी श्रद्धांजलि दी गई.

गांव बैठक अभियान: भोजपुर – समान मजदूरी के लिए जरूरी है महिला खेत मजदूरों का राज्यव्यापी आंदोलन

– कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा(माले), बिहार

विगत लोकसभा चुनाव में पार्टी आधार के एक हिस्से का वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हो जाने से परेशान व चिंतित साथियों ने राहत की सांस ली जब चुनाव रिजल्ट के तुरत बाद रेपुरा की महिला खेत मजदूरों ने समान मजदूरी की मांग पर भाजपा समर्थक भूस्वामियों-किसानों के खिलाफ हड़ताल की घोषणा कर दी. चुनाव में गरीबों का एक हिस्सा इन्हीं भाजपाइयों के साथ खड़ा हो गया था. यह बेमेल एकता तुरत ही दरकने लगी.

सोनभद्र आदिवासी जनसंहार पर आक्रोश, राज्यव्यापी प्रतिवाद की घोषणा

17 जुलाई को सोनभद्र के घोरावल में दबंगों ने जनसंहार की एक बर्बर को अंजाम देते हुए 3 महिलाओं समेत 10 आदिवासीयों की हत्या कर दी. भाकपा(माले) की उप्र राज्य कमेटी ने घटना पर गहरा आक्रोश जाहिर करते हुए इसके खिलाफ आगामी 22 जुलाई को राज्यव्यापी प्रतिवाद करने की घोषणा की है. पार्टी के राज्य सचिव का. सुधाकर यादव के नेतृत्व में एक आठ सदस्यीय दल सोनभद्र घटनास्थल उभ्भा गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिला.

गिरोहबंद भीड़-हत्या बंद करो! तबरेज को न्याय की गारंटी करो!

मोदी सरकार सत्ता में वापस आ गई है. गिरोहबंद भीड़-हत्यारे भी अपनी कार्रवाइयों में मशगूल हो गये हैं. पहले की ही तरह गिरोहबंद भीड़-हत्याओं की वीडियोग्राफी की जा रही है ताकि और अधिक लोगों को इस किस्म की वारदात करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके और संभावित शिकारों को और भी साफ तौर पर पता चल जाय कि आगे उनका अंजाम क्या होना है.

पुदुच्चेरी की राज्यपाल किरण बेदी को बर्खास्त करो

एक तरफ चेन्नै भयानक जल संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर पुदुच्चेरी की राज्यपाल किरण बेदी तमिलनाडु और चेन्नै की जनता की तकलीफों का मजाक उड़ा रही हैं. उन्होंने हिंदी में ट्वीट करके कहा कि चार वर्ष पूर्व भयावह बाढ़ का प्रकोप झेलने वाला चेन्नै “कमजोर प्रशासन, भ्रष्ट राजनीति, उदासीन नौकरशाही तथा स्वार्थी व कायराना/कमजोर जनता की वजह से आज देश का पहला सूखा शहर बन गया है.”

राजकुमार यादव - जिनके खिलाफ भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद को नहीं, एक दलबदलू को खड़ा किया

झारखंड के कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से भाकपा(माले) के उम्मीदवार कामरेड राजकुमार यादव वर्तमान में धनवार विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक और एक लोकप्रिय जन नेता हैं. और 1995 में तत्कालीन बिहार राज्य के धनवार विधानसभा क्षेत्र में भाकपा(माले) के उम्मीदवार के बतौर चुनाव लड़ने के बाद से हर चुनाव में - चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का - उनके वोट लगातार भारी तादाद में बढ़ते रहे हैं.