आजादी की 75वीं वर्षगांठ: भारत किधर?

भारत का उपनिवेशवाद-विरोधी संघर्ष, अथवा स्वतंत्रता आन्दोलन, भारत के इतिहास में एक दीर्घकालीन और वैविध्यपूर्ण अध्याय रहा है. यह अनेकानेक संघर्षों से गुंथा हुआ चित्रपट है जिसने आधुनिक भारत की खोज को गहरा और समृद्ध बनाया है. विभिन्न कालखंडों और विभिन्न अंचलों में तात्कालिक मुद्दे और संदर्भ भिन्न-भिन्न थे – सामंतवाद और सूदखोरी के खिलाफ संघर्ष, स्थानीय राजाओं के खिलाफ संघर्ष, जातीय व लैंगिक उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ संघर्ष, तथा भाषाई अधिकारों व सांस्कृतिक विविधता के लिए संघर्ष, इन सब ने मिलकर स्वतंत्रता आन्दोलन को आवेग प्रदान किया और उसके कैनवास को विस्तृत बनाया.

खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी: महंगाई और बेरोजगारी के जख्मों पर नमक लगाना

मोदी राज ने पहले से पैक्ड और लेबल लगे दाल, गेहूं, चावल, आंटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी, दूध और दही/लस्सी पर 5 प्रतिशत का जीएसटी लगाने का फैसला किया है. इससे पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा महंगाई और बेरोजगारी दर से जूझते आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

योगी राज में गरीबों पर चौतरफा मार पड़ी है

लखनऊ की शहरी व ग्रामीण गरीब महिलाओं के बीच चलाये गए अभियान के कुछ अनुभव

‘अच्छे दिन’ लाने का वादा करके सत्ता में आई मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार के राज में गरीबों के मुंह का निवाला भी छीना जा रहा है. शहरी व ग्रामीण गरीबों को रोजगार के लाले पड़ गए है. ग्रामीण क्षेत्र में खासतौर पर महिलाओं के लिए कोई रोजगार नहीं है. पुरुषों के लिए भी कोई खास काम नहीं है. रही-सही कसर योगी जी के तथाकथित रामराज्य में छुट्टा घूमते जानवरों ने पूरी कर दी है.

सरायकेला-खरसावां गोलीकांड: आजाद भारत में जालियांवाला बाग

रांची से पूरब-दक्षिण 135 किलोमीटर दूरी एवं टाटा स्टील, जमशेदपुर से 60 किलोमीटर की दूरी पर सरायकेला-खरसावां स्थित है. सरायकेला-खरसावां पहले पश्चिम सिंहभूम में था. 2001 में यह स्वतंत्र जिला बना.

बिहार में जहरीली शराब से लगातार होती मौतें


बिहार में सत्ता के संरक्षण व पुलिस तंत्र के सहयोग से चल रहे शराब के गैरकानूनी तंत्र से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. केवल इस साल लगभग 100 जानें जा चुकी हैं. बिहार में शराबबंदी लागू है लेकिन भोजपुर, अरवल, गया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सिवान, गोपालगंज और पश्चिम चंपारण के देवराज क्षेत्रा और नौतन में दिवाली पर जहरीली शराब से 62 लोगों की मौत हो गई.

जहरीली शराब पीने से हुई मौत की घटनाओं को हत्याकांड बताते हुए भाकपा(माले) ने विगत 7 नवंबर को पूरे राज्य में प्रतिवाद मार्च निकालकर सरकार का पुतला दहन किया.

उत्तर प्रदेश में विकल्प का सवाल: कुछ मुद्दे, कुछ बातें


- लाल बहादुर सिंह

उत्तर प्रदेश में चुनावी हलचल समय से पहले ही तेज हो गयी है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक सप्ताह में पूर्वांचल के दो केंद्रों –कुशीनगर और वाराणसी – में चुनावी रैलियां की हैं और अमित शाह ने 29 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचकर भाजपा का मिशन 22 लांच कर दिया है. अरविन्द केजरीवाल मंत्रिमंडल समेत अयोध्या दर्शन कर रहे हैं. ममता बनर्जी वाराणसी पहुंचने वाली हैं. बैरिस्टर ओवैसी लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं. पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों और नवजोत सिद्धू का भी किसान आंदोलन के बहाने दौरा हुआ.

सरदार उधम


- दृप्ता सारंगी

सुजीत सरकार की 2021 की बायोपिक फिल्म सरदार उधम (2 घंटा 44 मिनट) में उधम (विक्की कौशल अभिनीत) से उनके ब्रिटिश साथी एलीन ने पूछा कि वह सबकी आजादी की लड़ाई न लड़कर केवल अपने ही मुल्क के लोगों की आजादी के लिए क्यों लड़ रहे हैं? इसका जवाब देते उधम कहते हैं कि अंग्रेजी शासन से आजाद होने के बाद ही वह खुद को एलीन के बराबर होने का दावा कर सकते हैं, जो हर किसी की आजादी की मांग कर सकता है, लेकिन उधम को पहले अपने मुल्क के लोगों के लिए स्वतंत्रता की मांग करनी होगी.

सड़ती रही मलवे के नीचे दबी लाशें, सोयी रही पुष्कर धामी व नीतीश सरकार

 

उतराखंड भूस्खलन में करीब 42 मजदूरों की दबने की और अभी तक 16 मजदूरों के मौत की खबर है. मरनेवालों में सबसे अधिक बिहार के प्रवासी मजदूर हैं. अबतक 12 बिहारी मजदूरों के शव मिले हैं. 2 का अभी भी पता नहीं है.