आर्थिक पुनर्जीवन व जनता की रोजी-रोटी की गारंटी मांगों के साथ विश्वासघात : बजट 2021 कम्पनी राज को बढ़ाने वाला


कोविड महामारी के बाद आये मोदी सरकार के पहले बजट में खतरनाक रूप से नीचे गिर रही अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में कोई कोशिश नहीं की गई है. न ही इसमें नौकरियां खो चुके और आय व जीवनयापन के स्तर में भारी गिरावट से परेशान लोगों के लिए कोई तात्कालिक राहत दी गई है. उल्टे इसमें संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के बोझ को जनता के कंधों पर डाल बड़े काॅरपोरेटों के लिए अकूत सम्पत्ति जमा करने के और अवसर बना दिये गये हैं.

देश की जनता और किसानों से धोखे का देश बेचू बजट!


यह बजट देश के बड़े कर चोरों को तीन साल बाद कर चोरी की माफी देता है. जबकि यह बजट रोजगार सृजन के बड़े क्षेत्रों को निराश करता है. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का भी बजट में कोई जिक्र तक नहीं है. जबकि ग्रामीण गरीबों के लिए यह मनरेगा योजना आशा की अंतिम किरण है. कोरोना संकट के समय भूखे-प्यासे वापस गांव लौटे मजदूरों को भी इससे कुछ राहत मिली थी.

बिहार विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन तेज करने की तैयारी


विगत 2 फरवरी 2021 को पटना में संपन्न हुई भाकपा(माले) की बिहार राज्य स्थायी समिति की एकदिवसीय बैठक ने जिसमें भाकपा(माले) महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य व पोलित ब्यूरो सदस्य व वरिष्ठ नेता का स्वदेश भट्टाचार्य सहित कई शीर्षस्थ नेता शामिल थे, बिहार में किसान आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया गया.

अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसान ट्रैक्टर परेड को ऐतिहासिक बताया


अखिल भारतीय किसान महासभा ने दिल्ली में आज हुई किसान ट्रैक्टर परेड को ऐतिहासिक बताते हुए तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की कानूनी बाध्यता का कानून लाने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है. दिल्ली के नागरिकों द्वारा किसानों के इस ट्रैक्टर परेड का दिल खोल कर स्वागत करना दिखाता है कि इस आंदोलन को न सिर्फ किसानों मजदूरों का समर्थन प्राप्त है, बल्कि शहरी मध्यवर्ग की भी किसानों के इस आंदोलन के साथ गहरी सहानुभूति जुड़ी हुई है.

ट्रैक्टर परेड की सफलता पर किसानों को बधाई! आन्दोलन पर दमन के लिए मोदी राज की भर्त्सना हो!


देश के सभी कोने कोने से आये लाखों किसानों ने अश्रु गैस के गोले, पुलिसिया लाठीचार्ज समेत भारी दमन के बीच अपने ट्रैक्टरों पर सवार हो शान से तिरंगा लहराते हुए सड़कों पर आ कर भारत गणराज्य की लोकतांत्रिक भावना का उत्सव मनाया है. इस हिम्मत और दृढ़ निश्चय के लिए देश के किसान बधाई के पात्र हैं. हम पुलिस दमन की भर्त्सना करते हैं जिसमें एक किसान की जान चली गई.

टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा


20 जनवरी 2021, भाकपा(माले) के राज्य सचिव कामरेड कुणाल ने गर्दनीबाग धरनास्थल पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर भाजपा-जदयू सरकार द्वारा बर्बर लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर स्कूलों में योगदान की गारंटी करवाने की बजाए सरकार लाठी-गोली की भाषा बोल रही है. हम सबको याद है कि विगत विधानसभा चुनाव में जब एनडीए गठबंधन को अपनी हार सुनिश्चित दिखलाई पड़ने लगी थी, तो उसने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन सत्ता पाते ही उस वादे को भुला कर पहले की ही तरह दमन का रूख अख्तियार कर लिया है.

रीगा चीनी मिल को चालू करने मांग : मुख्यमंत्री व गन्ना मंत्री को लिखा पत्र


भाकपा(माले) के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने सीतामढ़ी जिले में अवस्थित रीगा चीनी मिल को अविलंब चालू कराने की मांग बिहार सरकार से की है. उन्होंने कहा कि जनवरी का महीना बीत रहा है लेकिन अभी तक पेराई सत्र आरंभ नहीं हो सका है. मिल बंद पड़ा है. इसके कारण इलाके के करीब 40 हजार ईख काश्तकार और करीब 700 कामगारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

किसान आन्दोलन के बारे में सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले पर संयुक्त किसान मोर्चा और भाकपा(माले) के बयान


जिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग किसान कर रहे हैं उन पर सर्वाेच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया है, और साथ ही केन्द्र सरकार एवं किसानों के बीच वार्ता करने के लिए एक चार सदस्यीय पैनल की घोषणा की है.

नए विरोध कार्यक्रमों की घोषणा


एआईकेएससीसी ने विरोध कर रहे किसानों पर बढ़ रहे दमन की निन्दा की और व्यापक व बड़े विरोधों की चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसान विरोधी, संवेदनहीन तथा अलोकतांत्रिक है. इससे लोगों में गुस्सा तेजी से भड़क रहा है और अगर यह नहीं रुका तो आन्दोलन और तेज कर दिया जाएगा. कल जो किसान शाहजहांपुर से शांतिपूर्वक ढंग से दिल्ली की ओर आ रहे थे उन्हें आगे बढ़ने से रेवाड़ी में रोका गया, उन पर आंसू गैस के गोले दागे गये और मिर्च का पाउडर छिड़का गया. इससे कई किसानों की आंखों व चमड़े में जलन की शिकायत बन गयी है.

केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय खाद्य असुरक्षा को बढ़ाने वाला


पटना, 31 दिसंबर 2020, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप के सदस्य का. राजाराम सिंह ने मोदी सरकार के केंद्रीय कैबिनेट के उस निर्णय को खाद्य असुरक्षा, भुखमरी को बढ़ाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय बताया है जिसमें गन्ना के अलावा चावल, गेहूं, मक्का, जौ और ज्वार से इथेनाॅल बनाने को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया गया है.