स्त्री द्वेषी और इस्लामोफोबिक ‘ड्रेस कोड’ लागू करने के किसी भी प्रयास का प्रतिरोध करें

हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को निशाना बनाने और बहिष्कृत करने पर नारीवादी, लोकतांत्रिक संगठनों और व्यक्तियों का बयान

केन्द्रीय बजट 2022-23 पर भाकपा(माले)का वक्तव्य

नई दिल्ली, 1 फरवरी

मोदी सरकार के बार-बार दुहराये जाने वायदों के अनुसार वर्ष 2022 के आने तक किसानों की आमदनी को दुगुना हो जाना था. दुख की बात है कि बजट 2022-23 इस पर बिल्कुल चुप है. इस बजट में कृषि पर निवेश में कोई इजाफा नहीं दिखा, ऊपर से किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रमुख मांग के बारे में यह कोई संकेत नहीं दे रहा है.

ऐपवा का जिलाधिकारियों के नाम पत्र

 

कोरोना के कारण चिंताजनक ढंग से हो रही मौतों एवं मेडिकल अव्यवस्था की ओर घ्यान दिलाने और साथ ही, इस विषम परिस्थिति में कोरोना के उपचार सम्बन्धी मांगों व सुझावों के साथ ऐपवा ने उत्तर प्रदेश के कई जिलाधिकारियों को पत्र भेजा.

सीतलकुची जनसंहार पर भाकपा(माले) का बयान

 

कूच बिहार (पश्चिम बंगाल) के सीतलकुची में वोट डालने के लिए पंक्ति में खड़े चार मतदाताओं को सीआइएसएफ के केंद्रीय जवानों ने फायरिंग कर मार डाला.

खबर है कि ये चारों गरीब परिवारों के कामगार थे: इनमें दो तो प्रवासी मजदूर थे –  नूर आलम मियां और मनिरुज्जमन मियां; एक पहली बार वोट डालने गया समीउल हक था; और चौथा एक राजमिस्त्री हमीदुल मियां था. इनके अलावा, एक अलग घटना में 18-वर्षीय पहली बार के वोटर आनंद बर्मन को अनचीन्हे अपराधियों ने गोली से मार डाला.

म्यांमार सेना द्वारा किये जनसंहार के विरोध में भारत को बोलना होगा

 

म्यांमार के सैनिक शासकों द्वारा एक तखतपलट के जरिये चुनी हुई नागरिक सरकार का तख्तपलट करने के बाद, अब सेना ने म्यांमार की जनता, जो तख्तपलट के प्रतिवाद में सड़कों पर उतर पड़ी है, के खिलाफ बर्बर दमन अभियान चला रखा है. म्यांमार की सेना ने गोलियां चलाकर 500 से अधिक नागरिक प्रतिवादकारियों को मौत के घाट उतार दिया है.

सुकमा में 22 जवानों की हत्या निंदनीय

 

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सुकमा में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 22 जवानों की हत्या निन्दनीय व दुखद घटना है. मारे गए जवानों के परिजनों के प्रति हम गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. रिपोर्टों के अनुसार इस हमले में शामिल 15 माओवादी भी मारे गए.

हाथरस में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा क्यों नहीं कर पाए, मुख्यमंत्री जवाब दें

 

लखनऊ, 3 मार्च. भाकपा(माले) की राज्य इकाई ने हाथरस में अपनी बेटी के साथ छेड़खानी की रिपोर्ट लिखाने वाले अधेड़ पिता की सरेआम मुख्य आरोपी व उसके गुर्गों द्वारा गोली मारकर हत्या कर देने की घटना की कड़ी निंदा की है. पार्टी ने सवाल किया कि हाथरस में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा क्यों नहीं कर पाए, मुख्यमंत्री योगी जवाब दें.

भारत के नागरिकों को आंदोलनजीवी होने पर गर्व है!


मोदी राज के छः साल नागरिक स्वतंत्रता, भारत के संविधान और लोकतंत्र पर अनवरत हमले के साल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रदर्शनकारियों और विरोधियों को ‘परजीवी’ बताकर अपनी असल मंशा को स्पष्ट कर दिया है.

विरोध करने वाली जनता को अमानवीय और खलनायक बताने वाली भाषा दुनिया भर के निरंकुश तानाशाहों की भाषा रही है. यह जनसंहार की ओर ले जाने वाली भड़काऊ भाषा है.