झारखंड में आइसा (आॅल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) का प्रथम राज्य सम्मेलन 20 अक्टूबर 2019 को रांची के अंजुमन इस्लामिया हाल में सम्पन्न हुआ. सम्मेलन में झारखंड के विभिन्न जिलों से करीब100 प्रतिनिधि शामिल हुए. इसकी शुरूआत भाकपा(माले) केंद्रीय कमिटी सदस्य का. शुभेन्दु सेन के उदघाटन भाषण से हुई. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति ने छात्रों को विद्यालयों से बाहर धकेल देने का प्रयास किया है. झारखंड में शिक्षा का हाल बेहाल है. सरकारी स्कूलों का विलय कर शिक्षकों की छंटनी करने की तैयारी चल रही है. नई बहाली भी नहीं हो रही है.
आइसा के बिहार राज्य सचिव का. सबीर ने, जो सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे, कहा कि आज सरकार ने जिस तरह से फीस में बढ़ोत्तरी, छात्रवृत्ति में कटौती और सीटों में कटौती की है उससे मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग से शिक्षा छिनती जा रही है. आज एकजुट होने की जरूरत है ताकि हम अपनी अवाज बुलंद कर सकें, गरीबों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल बन सके और सरकारी स्कूलों की उचित व्यवस्था कायम की जा सके. इंकलाबी नौजवान सभा के नेता का. अमल घोष ने कहा कि आज के समय में आइसा किसी पहचान की मोहताज नहीं है और हमारे साथी इस पहचान को बनाये रखेंगे. हम दोषपूर्ण शिक्षा नीति का पुरजोर विरोध करेंगे और मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे.
सम्मेलन ने आइसा की 19 सदस्यीय राज्य कमेटी और 43 सदस्यीय राज्य परिषद का चुनाव किया. का. सोहेल अंसारी को अध्यक्ष, का. त्रिलोकीनाथ को सचिव, का. अभय साहू को उपाध्यक्ष, का. इजहार अली हैदर को सहसचिव और का. तरुण को राज्य कार्यालय सचिव बनाया गया. सम्मेलन के अवसर पर आइसा ने राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए और बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया है.
नवनिर्वाचित राज्य सचिव का. त्रिलोकीनाथ ने सम्मेलन मंच से जनपक्षीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए और बेरोजगारी के खिलाफ एक बड़ा राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की और सभी वामपंथी छात्र-युवा संगठनों को इस आंदोलन में एकजुट करने का संकल्प रखा. 8 से 10 नवंबर 2019 को हैदराबाद में आयोजित होनेवाले आइसा के राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल करने की योजना भी बनाई गई. आइसा के प्रथम झारखंड राज्य सम्मेलन का संचालन 4 सदस्यीय अध्यक्षमण्डल द्वारा किया गया. पलामू, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, देवघर, धनबाद आदि जिलों से आइसा के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए. सम्मेलन के खुले सत्र में झारखंड आंदोलन के चर्चित नेता का. बशीर अहमद और भाकपा(माले) के रांची जिला सचिव का. भुवनेश्वर केवट भी उपस्थित थे. उन्होंने यह उम्मीद जताई कि आनेवाले दिनों में आइसा झारखंड के छात्र-युवा आंदोलन के एक मजबूत केन्द्रक के रूप में विकसित होगा.