वर्ष - 33
अंक - 36
31-08-2024

10 अगस्त 2024 को रांची के प्रेस क्लब में  भाकपा(माले) और मासस के एकीकरण यानी भाकपा(माले) में मासस के विलय की घोषणा के बाद खासकर झारखंड के धनबाद, बोकारो, हजारीबाग व रामगढ़ समेत अन्य जिलों व प्रखंडों में बैठक संपन्न करते हुए 9 सितंबर को धनबाद में एक बड़ी एकता रैली करने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है जहां अंतिम तौर पर विलय का सार्वजनिक घोषणा की जाएगी.

मासस की भाकपा(माले) में विलय की घोषणा के साथ ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि विधानसभा के चुनाव में भाकपा(माले) की सीटें बढ़ेंगी. न केवल भाकपा(माले) का चुनावी जनाधार बढ़ेगा बल्कि राज्य में वामपंथी संगठनों में जो लगातार बिखराव देखा जा रहा था, वह भी रूकेगा. इस विलय से वामपंथियों के बीच एकता के दरवाजे भी खोल दिये हैं.

अतीत पर एक नजर

1969-70 के जिस तूफानी दौर में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी में भाकपा(माले) का निर्माण हुआ लगभग उसी दौर में धनबाद में मासस का भी गठन हुआ. मासस ने मजदूरों के बीच ट्रेड यूनियन के माध्यम से धनबाद, बोकारो से हजारीबाग जिला के कोलियरियों तक अपनी पैठ बनाई और इसके संस्थापक नेता कामरेड एके राय ने विनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा बनाई और हरे व लाल झंडे की ऐतिहासिक एकता को बुलंद करते हुए न केवल झारखंड अलग राज्य आंदोलन की नींव रखी बल्कि झारखंड को लालखंड में बदलने का सपना देखा. कामरेड एके राय न केवल विधायक बने बल्कि धनबाद से तीन-तीन बार सांसद भी रहे.

मासस के भाकपा(माले) में विलय से न केवल धनबाद जिले में बल्कि उत्तरी छोटानागपुर के विभिन्न जिलों में भी इसके विस्तार-विकास और मजबूती की संभावना बन गई है.

एकता की जमीनी शुरूआत

धनबाद के मासस कार्यालय में मासस और भाकपा(माले) दोनों ही पार्टियों की जिला कमिटियों की संयुक्त बैठक संपन्न हुई. बैठक की शुरुआत में का. बुद्ददेव भट्टाचार्य समेत दिवंगत नेताओं को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई. बैठक में मुख्य रुप से भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. मनोज भक्त एवं मासस के केन्द्रीय महासचिव का. हलधर महतो शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता संयुक्त रुप से का. बंदा पासवान और का. कार्तिक प्रसाद तथा संचालन का. सुभाष चटर्जी ने की. एकीकरण पर सभी वक्ताओं ने उत्साहवर्धक बातें रखीं. बैठक में 9 सितंबर 2024 को धनबाद में आहूत ‘एकता रैली’ की तैयारी पर भी बात हुई और भाकपा(माले) की एकीकृत कमिटी की घोषणा हुई और का. बृंदा पासवान को सचिव और का. कार्तिक प्रसाद को सहसचिव चुना गया. एकीकृत कमिटी ने 20 हजार की जन गोलबंदी और लक्षित आर्थिक सहयोग जुटाने का फैसला लिया. बैठक में दोनों ही कमेटियों के करीब 70 से ज्यादा सद्स्य शामिल हुए.

निर्णयानुसार इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए 20-25 अगस्त के बीच प्रखंड कमिटियों की संयुक्त बैठकें आयोजित हुईं. निरसा, एगयारकुंड और कलियासोल प्रखंडों में  मासस और भाकपा(माले) का संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ. इस कार्यकर्ता सम्मेलन में सैकड़ों के तादाद में नेता-कार्यकर्ता और महिला-पुरूष शामिल हुए. कन्वेंशन को मासस के केन्द्रीय अध्यक्ष का. आनन्द महतो, पूर्व विधायक का. अरुप चटर्जी, भाकपा(माले) नेता नागेंद्र कुमार, मनोरंजन मल्लिक, हरेंद्र सिंह, जगदीश शर्मा आदि ने संबोधित किया. इसके अलावे जिले के सभी प्रखंडों – सिन्दरी बलियापुर, गोविन्दपुर और बाघमारा में संयुक्त और स्वतंत्र रुप से रैली की तैयारी का पुरजोर अभियान चल रहा है. किसानों-मजदूरों के साथ-साथ आम लोगों में भी अच्छा-खासा उत्साह देखा जा रहा है. धनबाद जिला वामपंथ का गढ़ माना जाता रहा है और लोगों में यहां उसके पुनः स्थापित होने की संभावना दिखने लगी हैं.

बोकारो जिले में मासस के भाकपा(माले) में विलय की बात के सार्वजनिक होने के बाद से ही दोनों पार्टियों की कतारो में नया उत्साह का माहौल है. 14 अगस्त को भाकपा(माले) के जिला कार्यालय में दोनों पार्टियों के जिला कमिटियों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें 27 कमिटी सदस्य शामिल हुए. मासस के केंद्रीय महासचिव का. हलधर महतो की मौजूदगी में संपन्न हुई बैठक में 9 सितंबर को धनबाद में होने वाली एकता रैली के महत्व पर चर्चा हुई. सभी साथियों ने उत्साहपूर्वक पांच हजार की जन भागीदारी के लक्ष्य को पूरा करने की योजना बनाई गई. इसी योजना के अनुरुप चास, चंदनकियारी, जरीडीह, कथारा, बोकारो और गोमिया के कंडेर एरिया में बैठकें संपन्न कर ली गई हैं. गोमिया का ललपनिया, पेटरवार तथा चंद्रपुरा में बैठकें होना बाकी है. अधिकांश क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार के लिए पर्चा-पोस्टर भेजा जा चुका है.

चंदनकियारी में मासस का अच्छा जनाधार है. मासस के एक-दो नेताओं को छोड़ जो अलगाव में पड़ चुके हें, सारे नेता जमीनी एकता का निर्माण करने का जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं. सम्मिलित प्रयास से जनाधासर के भीतर नई सक्रियता पैदा करने की पूरी संभावना है.

जिले के कोल ब्लॉक, पर्वतपूर, अमलाबाद और इलेक्ट्रो स्टील में मासस ने कभी जबरदस्त संघर्ष छेड़ कर सैकड़ों लोगों को स्थायी रोजगार व नौकरी दिलवाया है. उसी तरह कथारा एरिया में भी मासस की यूनियन बीसकेयू ने संघर्ष कर सैकड़ों लोगों को स्थायी नौकरी दिलवाया है. भाकपा(माले) के जरिए भी विस्थापितों को जमीन के बदले नौकरी देने की मांग पर संघर्ष छेड़ कर लोगों को स्थायी नौकरी दिलवाई गई थी. हाल के दिनों में मजदूरों के बीच मासस और भाकपा(माले) के संपर्क में जो कमजोरी आई है, इस विलय के बाद उसके दूर हो जाने की प्रबल संभावना बन गई है. आनेवाले दिनों में यहां मजदूर वर्ग का एक मजबूत आंदोलन खडा़ हो सकता है.

हजारीबाग जिले में भी मासस के भाकपा(माले) में विलय की घोषणा से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में उत्साह है. जिले में इसकी सकारात्मक चर्चा भी शुरू हो गई है. इस विलय की प्रक्रिया का दोनों पार्टियों के जिला व प्रखंड स्तर की बैठकों से जमीनी शुरूआत भी हो चुकी है. कार्यकर्ताओं में नया जोश दिखाई दे रहा है.

17 अगस्त को हजारीबाग में मासस व भाकपा(माले) जिला कमेटियों की संयुक्त बैठक डेमोटांड़ सामुदायिक भवन में की गई. इसमें मासस केन्द्रीय सचिव मंडल के सदस्य का. मिथिलेश कुमार सिंह व जिला सचिव का. आरडी मांझी तथा भाकपा(माले) पालित ब्यूरो सदस्य का. जनार्दन प्रसाद और हजारीबाग जिला सचिव का. पचु राणा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में दोनों ही पार्टियों के 45 नेताओं ने भाग लिया. बैठक से दोनों ही पार्टियों की जिला कमेटियों में काफी उत्साह दिखा. बैठक में एकता रैली में जिले से दो हजार लोगों को शामिल कराने की योजना बनाई गई और सिभी प्रखंडों में मासस व भाकपा(माले) माले की संयुक्त बैठकें करने निर्णय लिया गया. इस बीच बड़कागांव केरेडारी, हजारीबाग, कटकमदाग सदर, इचाक, बरकट्ठा, चलकुशा, विष्णुगढ़, टाटीझरिया, दारु, चुरचू और डाडी प्रखंड में कार्यकर्ताओं की बैठकें संपन्न की जा चुकी हैं.

जिले के कोयलांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में जनता तथा असंगठित मजदूरों को संगठित करने की बड़ी संभावना हैं.

रामगढ़ जिले में 18 अगस्त को  मासस व भाकपा(माले) जिला कमेटियों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई जिसमें मासस नेता मिथलेश सिंह और वसंत कुमार और भाकपा(माले) जिला सचिव भुवनेश्वर बेदिया, बैजनाथ मिस्त्रा, देवकीनंदन बेदिया और हीरा गोप सहित 38 नेता शामिल थे. इस जिले में कुल छः प्रखंड हैं. मासस के मांडू, पतरातू, चितरपुर और गोला के प्रखंडों में कार्यकर्ताओं की बैठक पुरी हो चुकी है और अब वे जनगोलबंदी के लिए गांवों-कस्बों में बैठकें कर रहे हैं, परचा-पोस्टर वितरित कर प्रचार-प्रसार कर हैं. चितरपुर प्रखंड के रजरप्पा में सफाईकर्मियों व असंगठित मजदूरों के बीच मासस का जो पुराना कामकाज था और जो अब शिथिल पड़ा हुआ है, उसे पुनः सक्रिय व संगठित करने पर जोर दिया जाएगा.

– देवकीनंदन बेदिया