वर्ष - 33
अंक - 33
10-08-2024


मोदी सरकार की तानाशाही, जनविरोधी- मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के सवाल पर ऑल इंडिया सेंट्रल काउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्ट) 25 जुलाई से 8 अगस्त तक 15 दिवसीय देशव्यापी अभियान चला रहा है. इस अभियान की समाप्ति 9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस के दिन देश भर में प्रदर्शन से हुई.

ऐक्टू का देशव्यापी अभियान मजदूरों की गुलामी वाला 4 श्रम संहिता कानून रद्द करने, निजीकरण-ठेका व आउटसोर्स प्रथा पर रोक लगाने, 3 नए फौजदारी कानूनों को रद्द करने, ओपीएस लागू करने, निर्माण-असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के अधिकारों में लूट बन्द करने, आशा-रसोइया-आंगनबाड़ी- ममता आदि को भुखमरी की मजदूरी पर खटाना बन्द करने, वैधानिक मजदूरी 35 हजार रूपये व पेंशन 10 हजार रूपये प्रतिमाह करने, 12 घंटे के कार्य दिवस को रद्द करने, ईपीएफ जुर्माना में मालिक पक्षीय छूट को रद्द करने, बढ़ती बेरोजगारी-महंगाई पर रोक लगाने जैसे 11 सूत्री मांग पर चल रहा है. अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में विविध कार्यक्रम आयोजित हुए.

लखनऊ: एनएचएम-एएनएम कर्मचारियों का प्रदर्शन

5 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश एनएचएम एएनएम कर्मचारी यूनियन (संबद्ध – ऐक्टू) के आह्वान पर लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से सैकड़ों एएनएम कर्मी अपनी मांगो के समर्थन में विधान सभा मार्च के लिए एकत्र हुईं. विधान सभा मार्च को रोकने के प्रशासन ने सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात कर सारे रास्तों में कड़ी नाकेबंदी कर दी थी. स्टेशन पर ही एएनएम कर्मी धरने पर बैठ गईं.

प्रदर्शनकारी एएनएम कर्मियो को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुमन साहनी ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में नियोजित हम सहायक नर्स मिडवाइव्स (एएनएम) के रूप में भर्ती  होने के बाद से नियमित रूप से सेवारत  हैं. हमारा  काम नियमित और स्थायी प्रकृति का है, हम हर वर्ष परफार्मेंस अप्रेजल में 100% कुशलता और कार्य संपादन का बेहतर परिणाम देती हैं. इसलिए हम सभी सामान्य भत्तों के साथ उचित वेतनमान में वेतन की  हकदार हैं. एएनएम के पद पर सेवाओं को नियमित न किया जाना और नियोजन की तिथियों से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत के आधार पर उनके नियमित समकक्षों की तुलना में समान वेतन का भुगतान न करना अवैध और दुर्भावनापूर्ण है. नियमित और स्थायी प्रकृति की नौकरी पर नियुक्तकरना और हमे संविदा कर्मचारी के रूप में मानना अन्यायपूर्ण है.

राज्य सचिव पूजा सिंह ने कहा कि हमें किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा भी प्रदत्त नही है. स्वास्थ्य बीमा किसी भी कर्मचारी का बुनियादी अधिकार है जिससे हमें आच्छादित करना तो दूर, ईएसआई तक की न्यूनतम सुविधा भी नहीं प्रदान की जा रही है. अपने घरों से सौ से तीन सौ किलोमीटर या इससे भी दूर नियोजित एएनएम कर्मियों का बेहद अल्प वेतन उनके आवासीय किराए भर के लिए ही होता है. गृह जनपद में नियोजित करने के लिए स्वेच्छिक अदला-बदली की स्थानांतरण करने की प्रचलित व्यवस्था के साथ प्रदेश के हर जनपद में रिक्तियों के सापेक्ष उनको गृह जनपद में नियोजन तक की मांग सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

उपाध्यक्ष इमराना खातून ने कहा कि वर्षाे से कर्मचारी भविष्य निधि के काटे गए अंशदान को भी हमारे खातों में जमा नही किया जा रहा है. बहुत से भविष्य निधि के खाते निष्क्रिय पड़े हुए हैं. पूरे प्रदेश में सभी कार्यों के सापेक्ष मिलने वाली प्रोत्साहन राशियों में 25 से 50% तक एक रिवाज की तरह वसूली कर ली जाती है. इसका विरोध करने पर उस राशि से वंचित होना पड़ता है, साथ ही, तरह तरह का उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है.

ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा कि सरकार बेगार करा रही है. पूरे प्रदेश में आउट सोर्सिंग और संविदा में सस्ते श्रम की लूट को बढ़ाया जा रहा है. इसके विरुद्ध एक लंबी लड़ाई की जरूरत है.

मजदूर नेता रमेश सेंगर ने कहा कि आज मजदूर वर्ग पर जिस तरह का  हमला है उसमे हमे सभी मेहनतकश हिस्सों को एकताबद्ध हो कर संघर्ष की जरूरत है. धरने को ममता, अनुपम, शिखा आदि ने भी संबोधित किया. इसके बाद सभी जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए स्टेशन से बाहर जाने के लिए बढ़ीं तो पुलिस चौकी के पास रोक लिया गया और 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ले जाया गया. वहां सचिव को स्थाईकरण, समान काम का समान वेतन दिए जाने, स्वास्थ्य बीमा और गृह जनपद में स्थानांतरण सुनिश्चित करने, ईपीएफ के काटे गए अंशदान को खाते में जमा कराने तथा अवैध वसूली पर रोक लगाने सम्बंधी मांगो का ज्ञापन दिया. सचिव 10 दिनो में समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.

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बांदा: म्युनिसिपल वर्कर्स यूनियन का गठन

उत्तर प्रदेश म्युनिसिपल वर्कर्स यूनियन (संबद्ध-ऐक्टू) के बैनर तले नगरपालिका, बांदा से जुड़े सफाई कर्मचारियों की आमसभा नगर निगम के सामने स्थित अवस्थी पार्क में हुई. आमसभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया म्युनिसिपल वर्कर्स यूनियन के राष्ट्रीय काउंसिल के सदस्य व उत्तर प्रदेश के संयोजक संतोष कुमार ने कहा कि आज मोदी सरकार मजदूरों के अधिकारों को लगातार खत्म कर रही है. काम के घंटे को बढ़ा रही है, काम के दायरे को बढ़ा रही है लेकिन समय से पेमेंट नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि सफाई का काम नियमित और स्थाई प्रकृति का है लिहाजा इसमें संविदा व आउटसोर्सिंग भर्ती के बजाय परमानेंट भर्ती होनी चाहिए ताकि समान काम का समान वेतन दिया जा सके. उन्होंने कहा कि संगठन सरकारों के मजदूर विरोधी फैसले के खिलाफ सफाई मजदूरों की मांग को लेकर 9 अगस्त को होने वाले देशव्यापी प्रदर्शन में हिस्सा लेगा. अपनी मांगों को उठाने के लिए बांदा, इलाहाबाद, लखीमपुर, मथुरा, कानपुर, उरई, चित्रकूट, कर्वी समेत पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने संगठन को मजबूत किया जाएगा. आमसभा में प्रेम नारायण को अध्यक्ष, सुनीता, मातादीन, व धीरज गुप्ता को उपाध्यक्ष, कालिका प्रसाद को सचिव चुना गया. जबकि श्याम बाबू, राजवंती, पूरन भाई को सह सचिव, देवीदीन को कोषाध्यक्ष व रामगोपाल, सुभाष,दिलीप, उमेश, सुनीता, गीता, सरस्वती व गोमती को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया. आज हुई आमसभा को भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य सुनील मौर्य, कताई मिल के नेता रामप्रवेश यादव आदि समेत कई लोगो ने संबोधित किया.

जालौन में एआइएसडब्ल्यूएफ के बैनर तले प्रदर्शन

2 अगस्त 2024 को जालौन (उरई) में ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन के बैनर तले मजदूरों ने पुराने श्रम कार्यालय (बाबा साहब भीमराव अंबेडकर चौराहा) से प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व राम सिंह चौधरी, राजीव कुशवाहा, मदन सीरोठिया कोच, इसरार, लाखन कुसमरा आदि नेताओं ने किया.

जोशीले नारे लगता हुआ जुलूस उरई जिला अधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर एक सभा में परिवर्तित हो गया. सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन के प्रदेश सह सचिव कामरेड राम सिंह चौधरी ने कहा कि निर्माण मजदूर का लंबे समय से वेबसाइट बंद होने के चलते उनके पंजीकरण लाभांश रिन्यूवल नहीं हो पा रहे हैं और ना ही उन्हें लाभांश मिल पा रहा है. कल्याणकारी बोर्ड को जगह-जगह बंद करने की सियासत रची जा रही है  बल्कि कल्याणकारी बोर्ड भी आज बंद होने की कगार पर है. निर्माण मजदूरों के पास आज संकट का दौर है. कामकाज के अभाव में वे लगातार पलायन कर रहे हैं. इसी क्रम में ग्राम कुसमरा के मजदूरों से बैंक जवरिया वसूली कर रहा है. इससे भी वे पालायन करने को मजबूर हो रहे हैं जबकि उनका लोन पुराना है और मुलायम सरकार के समय माफ हो चुका है. यह वसूली शीघ्र बंद की जाए.

उन्होंने कहा कि निर्माण मजदूरों के करोड़ों रुपए पंजीकरण के नाम पर अपात्रों, ठेकेदारों, माफियाओं और दलालों में बंदरबांट किये गये हैं. उन्होंने कहा कि योगी के बुलडोजर राज को खत्म करना होगा क्योंकि यह संविधान और कानून की धज्जियां उड़ा रहा है. गरीबों की बस्तियां उजाड़ने के लिए बुलडोजर का प्रयोग असंवैधानिक है. ऐसी जितनी भी बस्तियां गरीबों की उजाड़ी गई है उन पर हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट को तुरंत संज्ञान लेना होगा.

अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता राजीव कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार मजदूरों के लिए आफत बनकर आई है. किसानों के साथ भी विश्वासघात किया गया है. किसानों का बिजली के नाम पर चौगुना पैसा वसूला जा रहा है. किसान निधि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. पूरे बुंदेलखंड में हजारों की तादाद में किसानों ने आत्महत्या की है जबकि यहां सरकारों ने अरबों-खरबों रुपए की खनन चोरी की है. मोदी सरकार अडानी-अंबानी का कर्ज तो माफ कर देती है लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करती. सभा को हरिशंकर और रामकुमार परासन ने भी संबोधित किया. राजीव कुशवाहा, राम सिंह चौधरी, पल्लेदार मजदूर यूनियन के अध्यक्ष राजाराम वर्मा व कार्यालय प्रभारी अशोक, रामबाबू अहिरवार, हरिशंकर, प्रताप जाटव, हीरा सिंह, हरिदास लाखन, वालादीन, भोला शंकर आदि ने ज्ञापन दिया.

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पटनाः  संविदा एएनएम व एनएचएम कर्मियों की सभा

5 अगस्त को पटना में संविदा एएनएम व एनएचएम कर्मियों ने ठेका-मानदेय-आउटसोर्स प्रथा पर पूरी तरह रोक लगाने, निजीकरण पर रोक व सेवा का स्थायीकरण करने तथा समान काम का समान वेतन देने के अभियान के मुद्दे पर तथा अपनी मांगों यथा एफआरएएस सिस्टम पर रोक लगाने, सेवा स्थायी करने की प्रमुख मांग पर मोदी-नीतीश सरकार के इन शोषण वाली नीतियों के खिलाफ अटल पथ,पटना में  महासंघ (गोप गुट) के राज्य कार्यलाय के समक्ष सभा आयोजित की.

सभा को महासंघ (गोप गुट) के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, संविदा एएनएम कर्मियों की नेता अर्चना कुमार, उषा कुमारी, एनएचएम कर्मी नेता अभिमन्यु कुमार, हेतराम मीणा, गोप गुट पटना जिला सचिव मनोज कुमार यादव, बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (गोप गुट) के महासचिव कृष्णनंदन सिंह शामिल थे.

4 अगस्त को सिवान में ऐक्टू के अभियान के तहत अधिकार सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसे एमएलसी व स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव शशि यादव ने सम्बोधित किया. इस अधिकार सम्मेलन में आशा, रसोइया व सफाई कर्मियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.

फुलवारी शरीफ: सुधा डेयरी मजदूरों का प्रदर्शन

6 अगस्त को 4 श्रम संहिता रद्द करने, निजीकरण, स्थायी कार्य में ठेका व आउटसोर्स प्रथा पर रोक लगाने, 3 नए फौजदारी कानूनों को रद्द करने, 36 हजार रूपये वेतन व 10 हजार रूपये पेंशन देने, ईपीएफ जुर्माना में मालिक पक्षीय छूट को रद्द करने, बढ़ती बेरोजगारी-महंगाई पर रोक लगाने समेत की 11 सूत्री मांगों के साथ ऐक्टू से सम्बद्ध सुधा डेयरी के मजदूरों ने फैक्ट्री मुख्य गेट के समक्ष ऐक्टू राज्य सचिव सह सुधा डेयरी पटना जिला निजी वाहन चालक एवं कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष रणविजय कुमार, यूनियन महासचिव निनी कुमार, मनीष कुमार, रणजीत कुमार के नेतृत्व में जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

कर्मचारियों ने ओपीएस लागू करने, निर्माण व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के अधिकारों में लूट बन्द करने, आशा-रसोइया-आंगनबाड़ी-ममता आदि को भुखमरी की मजदूरी पर खटाना बन्द करनेकी भी मांग की.

इस अवसर पर मजदूरों को संबोधित करते हुए ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने मोदी-नीतीश सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों पर जनकर हमला किया. उन्होंने कहा कि बिहार में हुए जाति जनगणना व आर्थिक सर्वे में 95 लाख (94 लाख 33 हजार 312 परिवार) गरीब परिवारों कोे 6 हजार से कम मासिक आमदनी वाला बताते हुए नीतीश सरकार ने 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. सरकार को सुधा डेयरी कर्मियों, आशा, रसोइया तथा आंगनवाड़ी केंद्रों पर काम करने वाली आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को भी इसमें शामिल कर 2-2 लाख सहायता राशि देनी चाहिए.

पटना: वैंकोश फैक्ट्री कामगारों का प्रदर्शन

7 अगस्त 2024 को पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया स्थित ऐक्टू से सम्बद्ध वैंकोश कर्मचारी यूनियन के कामगारों ने उपरोक्त मांगों पर फैक्ट्री गेट के समक्ष प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के जरिये मजदूरों ने मोदी सरकार से 4 श्रम संहिता कानून रद्द करने, निजीकरण व स्थायी कार्यों में ठेका व आउटसोर्स पर रोक लगाने, 3 नए फौजदारी कानूनों को रद्द करने, ओपीएस लागू करने, निर्माण व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के अधिकारों में लूट बन्द करने समेत 11 सूत्री मांगों को उठाया गया.

प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, जितेंद्र कुमार, ऐक्टू पटना जिला अध्यक्ष सह वैंकोश कर्मचारी यूनियन महासचिव सुरेंद्र प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष रामनरेश प्रसाद, सचिव उपेंद्र प्रसाद व वीरेंद्र प्रसाद और कोषाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद कर रहे थे. वहां हुई सभा को ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, जितेंद्र कुमार,  वैंकोश कर्मचारी यूनियन महासचिव सुरेंद्र प्रसाद ने संबोधित किया.

पटना: नालन्दा बिस्कुट कम्पनी मजदूरों का  प्रदर्शन

8 अगस्त 2024 को ऐक्टू से सम्बद्ध फुलवारीशरीफ स्थित नालन्दा बिस्कुट कम्पनी मजदूर यूनियन से जुड़े मजदूरों ने फैक्ट्री गेट के समक्ष प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को बुलंद किया.

फैक्ट्री मुख्य गेट के समक्ष हुण् इस प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, ऐक्टू नेता जितेंद्र कुमार, नालन्दा बिस्कुट कम्पनी मजदूर यूनियन के सचिव विनय कुमार व महासचिव देवेंद्र पंडित, विनय झा आदि ने किया. सैंकडो मजदूरों ने मोदी नीतीश सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी किया.

इस अवसर पर मजदूरों को संबोधित करते हुए ऐक्टू नेता रणविजय कुमार व जितेंद्र कुमार ने मोदी सरकार को मजदूर विरोधी और कारपोरेट-पूंजीपतियों की पक्षधर बताया. कहा कि मोदी राज में रसोइया, आशा व आंगनवाड़ी कर्मी, और ठेका व आउटसोर्स मजदूर भुखमरी के पगार पर जिंदा है. मोदी सरकार ने दस वर्षों में इन कर्मियों के वेतन में एक रुपए की भी वृद्धि नहीं की है.

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