वर्ष - 32
अंक - 28
08-07-2023

“देश के संविधान में दर्ज उद्घोषणा ‘हम भारत के लोग...’ के ‘हम’ के बहुआयामी निहितार्थ को पूरी एकजुटता के साथ स्थापित करना आज सबसे जरूरी हो गया है. केंद्र में काबिज मौजूदा शासन के फासीवादी हमलों से देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए व्यापक लेखक-कलाकारों का एकताबद्ध होना, समय की मांग है.” – जन संस्कृति मंच, पटना इकाई के सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए जाने-माने हिंदी आलोचक और जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण ने यह कहा.

विगत 3 जुलाई 2023 को पटना स्थित कालिदास कालिदास रंगालय परिसर के सभागार में ‘फासीवादी हमलों के खिलाफ प्रतिरोध की लोकतान्त्रिक संस्कृति के लिए’ आयोजित इस सम्मलेन में कई महत्वपूर्ण लेखक-कलाकार व सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. सम्मलेन में आये लोगों का स्वागत जसम पटना संयोजक युवा कवि राजेश कमल ने किया. सम्मलेन की शुरुआत महेश्वर के जनगीत ‘आज लड़ाई जारी है ...’ के समूह गायन से हुआ.

देर रात तक चले इस सम्मलेन ने जनता व जन सरोकारों से जुड़े सांस्कृतिक सवालों को लेकर जनता के बीच जाकर व्यापक जन सांस्कृतिक अभियान चलाने का निर्णय लेते हुए पटना में नुक्कड़-मुहल्लों व शैक्षिक संस्थानों में ‘सांस्कृतिक जन संवाद अभियान’ चलाने की कार्ययोजना पारित की.

जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह ने कहा कि बिहार समेत देश की बहुलतावादी संस्कृति व सामाजिक-सांस्कृतिक एकजुटता के साझे ताने-बाने और आपसी सौहार्द को नष्ट होने से बचने के लिए लेखक-कलाकारों को आगे आना होगा.

चर्चित साहित्यकार रणेंद्र ने कहा की वर्तमान शासन द्वारा ‘जुबानबंदी’ किये जाने के खिलाफ लेख-कलाकारों को मुखर होना होगा.

सम्मेलन में समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, प्रगतिशील लेखक संघ के राजकुमार शाही, अभियान सांस्कृतिक मंच के युवा रंगकर्मी जयप्रकाश, समकालीन जनमत के संपादक मंडल के सदस्य सुधीर सुमन, एआईपीएफ़ के कमलेश शर्मा व आइसा के दिव्यम समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे.
       
इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, एनआटी, पटना के पूर्व प्राध्यापक प्रो. संतोष कुमार, वरिष्ठ कथाकार संतोष दीक्षित, ‘रोशनाई’ पत्रिका की संपादिका कवियत्री सुनीता गुप्ता समेत कई महत्वपूर्ण लेखक-कवि-रंगकर्मी व मीडियाकर्मी मौजूद रहे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता जसम, बिहार के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार व संचालन अनिल अंशुमन ने किया. जसम, के राज्य सचिव दीपक सिन्हा सम्मेलन का पर्यवेक्षक थे. सम्मेलन ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गालिब को  अध्यक्ष चुना.