वर्ष - 31
अंक - 50
03-12-2022

विगत 29 नवंबर 2022 को रांची मेनरोड स्थित भाकपा(माले) राज्य कार्यालय का. महेंद्र सिंह भवन में  भाकपा(माले) के पूर्व महासचिव कामरेड जौहर व उनके साथ शहीद हुए का. निर्मल व रामायण राम (रतन) को को उनके 48वीं शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई.

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाकपा(माले) के महासचिव का. सुब्रत दत्त (जौहर) ने नक्सलबाड़ी में भाकपा(माले) के आंदोलन के दमन के बाद फिर से पार्टी को संगठित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा. इन्हीं दूरदर्शी नेताओं के योगदान के कारण ही आज भाकपा(माले) भारत के मौजदा परिस्थितियों में पूंजीपतियों और ताना शाही सरकार के खिलाफ क्रांतिकारी विपक्ष की जिम्मेदारी निभाती हुई नजर आ रही है.

उन्होंने कहा कि कामरेड जौहर, निर्मल व रतन इसी लड़ाई के आदर्श रहे हैं. उनकी प्रेरणा से ही भाकपा(माले) ने आज के दौर में अपनी भूमिका निभाते हुए संविधान व लोकतंत्र की रक्षा और पूंजीवाद-फासीवाद के खिलाफ संघर्ष की अगुआई की है.

सभा के मुख्य वक्ता भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य का. जनार्दन प्रसाद ने कहा कि कामरेड जौहर, निर्मल व रतन 1974 में दमन के दौर में किसान आंदोलन को संगठित करने के काम में लगे रहे. 1975 में पुलिस द्वारा उनकी हत्या कर दी गई.

उन्होंने कहा कि आज देश उससे भी बड़े उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. ऐसे वक्त में हमें पूरी ताकत लगा कर अपने देश की साम्प्रदायिक फासीवादी सरकार के खिलाफ लाल झंडे के नीचे संगठित होकर संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा. मोदी के खिलाफ किसानों, मजदूरों, छात्र-युवाओं व महिलाओं के आंदोलन को और मजबूत करते हुए हमें एक बड़े जनसमूह को अपने साथ जोड़ना है और अपनी पार्टी भाकपा(माले) के 11वें महाधिवेशन को शानदार ढंग से सफल बनाना है.

सभा मे मुख्य रूप से जनार्दन प्रसाद, शुभेन्दु सेन, मोहन दत्ता, भुनेश्वर केवट, तरुण सिंह, किशोर खंडित, एचएन सिंह, नौरिन अख्तर, शान्ति सेन, एती तिर्की, सोनाली केवट, सुभम कुमार, जगरनाथ जी, नन्दिता भट्टाचार्य आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.