दर्दनाक सारण जहरीली शराब कांड के मृतक परिजनों को 10 लाख रूपये का मुआवजा, पुनर्वास, उनके बाल-बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय पर नशा मुक्ति केंद्र खोलने और शराब माफियाओं को मिल रहे राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण की जांच की मांग पर विगत 19 दिसंबर 2022 को भाकपा(माले) ने बिहार में राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन किया. इन मांगों को लेकर पूरे राज्य में भाकपा(माले) कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और बिहार सरकार से मृतक परिजनों के प्रति सहानुभूति के साथ पेश आने की मांग की.
पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के पास आयोजित विरोध सभा को भाकपा(माले) के राज्य सचिव कुणाल, विधायक दल नेता महबूब आलम, विधायक गोपाल रविदास व संदीप सौरभ, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे आदि नेताओं ने संबोधित किया, सभा का संचालन पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य कमलेश शर्मा ने किया. मौके पर वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव, अभ्युदय, जितेन्द्र कुमार, मुर्तजा अली, समता राय, संजय यादव, नागरिक आंदोलन के नेता गालिब सहित आइसा-इनौस के दर्जनों नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे.
भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने इस मौके पर कहा कि हमारी पार्टी शराबबंदी कानून के हमेशा से समर्थन में रही है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि शराब पीने वालों को अपराधी बना दिया जाए. यह एक सामाजिक बुराई है, इसलिए सारण कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार को मुआवजा देना ही चाहिए. उन्होंने शराबबंदी कानून का हवाला देते हुए कहा कि उसमें शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर मुआवजा देने का प्रावधान है. गोपालगंज के खजूरबनी कांड में सरकार मुआवजा दे भी चुकी है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के बावजूद राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण में शराब माफिया गिरोहों का पूरा तंत्र खड़ा है. इसकी जांच होनी चाहिए और ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. यह भी कहा कि भाजपा इस मामले में घड़ियाली आंसू बहा रही है. भाजपा शासित मध्यप्रदेश व गुजरात में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा सबसे अधिक है. भाजपा नेता रामसूरत राय द्वारा संचालित स्कूल से शराब की बोतलों भरी ट्रक बरामद हुई थी. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा के एक रिश्तेदार के यहां से भी शराब की बोतलें पाई गईं. सारण कांड में भी यूपी से शराब आने की चर्चा है. यदि सारण कांड की जांच हो तो शराब माफियाओं के भाजपाई कनेक्शन का खुलासा हो जाएगा.
विधायक दल नेता महबूब आलम ने कहा कि इस मसले पर आज मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री ने इस पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है. हम ऐसी मांगों पर सदन से लेकर सड़क तक लड़ते रहेंगे. भाजपा को मृतक परिजनों से कुछ भी लेना-देना नहीं है.
गोपाल रविदास ने कहा कि मसौढ़ी के हांसाडीह में पुलिस ने शराबबंदी के नाम पर दलित टोलों पर हमला किया. महिलाओं को नंगा करके पीटा गया जिससे सोनवां देवी की मौत हो गई. इसके पहले भी शराबबंदी कानून के नाम पर गिरफ्तार किए गए कई लोगों की हाजत में मौत हुई है. शराबबंदी कानून का तो ऐसा मकसद कहीं से नहीं था. हम सरकार से पुलिस दमन की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग करते हैं.
राजधानी पटना के अलावा राज्य के विभिन्न जिला केंद्रों पर आज का प्रतिवाद आयोजित हुआ.
छपरा (सारण) में सैकड़ों भाकपा(माले) कार्यकार्ताओं ने विभिन्न चौक तथा मुख्य बाजार में जहरीली शराब से मृत परिवारो को मुआवजा के लिए विरोध मार्च निकाला. छपरा के मशरक, इसुआपुर तथा अमनौर सहित विभिन्न प्रखंडों में जहरीली शराब से अबतक करीब सत्तर से अधिक लोगों की जान जा चुकी है तथा अभी भी यह सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है. ऐसे मे वैसे परिवार जिनके घर में कोई भी कमाऊ सदस्य नहीं है उसकेी देखभाल कौन करेगा? इन सभी सवालों को लेकर भाकपा(माले) जिला सचिव सभापति राय के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने विरोध मार्च में हिस्सा लिया. विरोध मार्च नगरपालिका मैदान से निकलकर नारे लगाते हुए विभिन्न चौक होते हुए नगरपालिका चौक पर समाप्त हुआ. मार्च समाप्त होने से पूर्व जिला सचिव सभापति राय ने कहा कि शराब कारोबार का यह खेल बहुत दिनों से चल रहा है. कई शराब माफियाओं को पकड़ा भी गया लेकिन राजनेताओ तथा प्रशासन का संरक्षण होने के कारण कोई कार्रवाई नही हुई. राजनेताओं तथा प्रशासन की उच्चस्तरीय जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. मार्च में भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य विजयेंद्र मिश्र, दीपंकर मिश्र, जीवनंदन राय, नागेंद्र प्रसाद, रामपुकार साह सहित सैकड़ो महिला-पुरूष कार्यकार्ता थे.
पटना जिले में मसौढ़ी, धनरूआ, पुनपुन, पालीगंज व दुल्हिन बाजार सहित तमाम प्रखंड मुख्यालयों में जुलूस निकाले गए और सभा आयोजित की गई. मसौढ़ी में मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य कमलेश कुमार व मसौढ़ी प्रखंड सचिव राकेश कुमार ने किया जो भाकपा(माले) कार्यालय से निकलकर थाना रोड होते हुए कर्पूरी चौक के पास पहुंचा, जहां सभा आयोजित की गई. मार्च में भाकपा(माले) नेता संजय पासवान, जिला कमेटी सदस्य नागेश्वर पासवान, धर्मशिला देवी, मनीष पासवान आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
धनरूआ में मार्च का नेतृत्व प्रखंड कमेटी सदस्य रामजीवन पासवान, जितेंद्र राम, खुर्शीद अंसारी आदि ने किया. पुनपुन में मिथिलेश प्रसाद व मदन पासवान के नेतृत्व में सैकड़ों लोग प्रतिवाद मार्च में शामिल हुए. पालीगंज में प्रदर्शन का नेतृत्व भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य सुरेंद्र पासवान व जिला कमेटी सदस्य संगीता सिन्हा ने किया. दुल्हिन बाजार में राज्य कमेटी सदस्य अमरसेन दास व प्रखंड सचिव मंगल यादव ने मार्च का नेतृत्व किया.
सासाराम (रोहतास) में भाकपा(माले) जिला कार्यालय से मार्च निकला जो सासाराम पोस्ट ऑफिस मोड़ पर सभा में तब्दील हो गया. सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव नंदकिशोर पासवान ने कहा कि में सारण-सिवान जहरीली शराब जनसंहार में अभी तक 120 से ऊपर लोग मारे गए हैं. घर के घर उजड़ गए और बच्चे अनाथ हो गए. शराब माफिया सृजित इस आपदा पीड़ितों के प्रति सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं है. गिरफ्तारियां भी हुई है लेकिन अभी तक न तो प्रशासन के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई की गई है और न हीं कोई राजनीतिक संरक्षक पकड़ा गया.
सभा को रविशंकर राम, जवाहरलाल सिंह यादव, मार्कण्डेय, जितेन्द्र प्रसाद, नरेन्द्र राम, मदन गोपाल पंडित, धनजी पासवान, राम किशुन सिंह, बिजेंद्र पटेल, राजकुमार राम, आदि नेताओं ने सभा को संबोधित किया.
नवादा में सारण शराब कांड के खिलाफ विरोध जुलूस निकाला गया. जुलूस अंबेडकर पार्क से निकाल कर प्रजातंत्रा चौक तक गया जहां सभा आयोजित की गई. सभा को जिला सचिव का. भोला राम, खेग्रामस जिला सचिव का. अजीत कुमार मेहता सुदामा देवी, सावित्री देवी, मंटु कुमार आदि ने संबोधित किया.
हिलसा (नालंदा) में भाकपा(माले) जिला सचिव सुरेंद्र राम व हिलसा प्रखंड सचिव अरुण यादव केे नेतृत्व में मार्च किया गया. इस मार्च में बड़ी संख्या में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. भाकपा(माले) प्रखंड कार्यालय से निकलकर काली स्थान वरुण तल सिनेमा मोड़ होते हुए जोगीपुर मोड़ के पास पहुंचकर सभा आयोजित की गई. सभा को संबोधिात करनेवालों में भाकपा(माले) जिला सचिव सुरेन्द्र राम, इनौस के प्रखंड सचिव ब्रह्मदेव प्रसाद बिंद, किसान महासभा के प्रखंड सचिव दिनेश कुमार यादव, भाकपा(माले) प्रखंड कमेटी सदस्य शिव शंकर प्रसाद व ऐपवा नेत्री सविता देवी प्रमुख रूप से शामिल थे.
गया में ऐपवा जिला सचिव रीता बर्णवाल व भाकपा(माले) नेता तारिक अनवर के नेतृत्व में प्रतिवाद मार्च निकालकर शराब माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने, तमाम पीड़ित परिवारों को 10 लाख रूपये मुआवजा देने व घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई.
बेगूसराय में भाकपा(माले) जिला कार्यालय, कमलेश्वरी भवन से, भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने झंडा-बैनर के साथ मार्च निकाला गया और समाहरणालय के द्वार पर पहुंच कर सभा आयोजित की. सभा को जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, चन्द्रदेव वर्मा, बैजू सिंह, राजेश श्रीवास्तव, नूरूल इस्लाम जिम्मी, गणेश साह, प्रमोद कुमार राय व आईसा जिलाध्यक्ष अजय कुमार आदि ने संबोधित किया.
भागलपुर में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने स्थानीय सुरखीकल यूनियन कार्यालय से तिलकामांझी चौक तक मार्च निकाला और जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. प्रतिनिधिमंडल में भाकपा(माले) के जिला सचिव बिन्देश्वरी मंडल, नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, नगर सचिव विष्णु कुमार मंडल, ऐपवा जिला सचिव रेणु देवी व निर्माण मजदूर यूनियन के संयुक्त जिला सचिव अमर कुमार शामिल थे.