पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में कार्यरत भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता कामरेड श्रीकांत शर्मा (65 वर्ष) का विगत 5 दिसंबर 22 की रात निधन हो गया. वे 1989 में भाकपा(माले) के संपर्क में आए और 1992 में पार्टी के सदस्य बने. वे तुरत ही पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर काम करने लगे. बाढ़ अनुमंडल में यद्यपि पार्टी का काम काफी पुराना था, लेकिन का. श्रीकांत शर्मा के कार्यरत होने के बाद क्षेत्र के पार्टी कार्यों में नई सक्रियता आई.
सामंती दबदबे वाले इस इलाके में वे हमेशा मजदूरों और गरीब तबके के पक्ष में खड़ा रहे तथा उनके संघर्षों का नेतृत्व किया. वे समय-समय पर पार्टी के राज्य और पटना जिला कार्यालय के कार्यों में भी सहयोग किया करते थे. जब पर्व-त्योहार के समय कार्यालय खाली हो जाता, का. श्रीकांत शर्मा जिला कार्यालय संभाला करते थे.
विगत दिनों उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था. इलाज चल रहा था और वे स्वस्थ भी हो रहे थे, लेकिन अचानक उनकी मौत की खबर आई. उनकी अंतिम यात्रा के दौरान उनके पार्थिव शरीर को बाढ़ पार्टी कार्यालय के पास अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और गंगा किनारे उमानाथ घाट पर अग्नि को सुपुर्द किया गया.
उनकी अंतिम यात्रा में भाकपा(माले) के पटना जिला सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य का. अमर, राज्य कमिटी सदस्य का. उमेश सिंह व का. जयप्रकाश पासवान, जिला कमिटी सदस्य का. मोहन, का. नागेश्वर पासवान व का. आनन्दी पासवान, फतुहा प्रखंड सचिव का. शैलेन्द्र यादव, बेलछी के पार्टी नेता का. राजाराम सहित बाढ़ इलाके के अनेक साथी शामिल थे.
का. श्रीकांत शर्मा पार्टी के प्रतिबद्ध पूर्णकालिक कार्यकर्ता और बाढ़ अनुमंडल में पार्टी के एक मजबूत स्तंभ थे. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है.