15 दिसंबर 2022 को बिहार विधानसभा सत्र के दौरान भाकपा(माले) विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर अपना एक ज्ञापन उन्हें सौंपा. इस ज्ञापन में बिहार के विभिन्न इलाकों में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए दलित-गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ तत्काल अध्यादेश लाने की मांग की गई है.
प्रतिनिधिमंडल ने विगत दिनों समस्तीपुर के उजियारपुर थाने परिसर में नकाबपोश गुंडों द्वारा भाकपा(माले) की नेता और बिहार राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रकाश के साथ धक्का-मुक्की की घटना का भी जिक्र किया और इस मामले में मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की. साथ ही डुमरांव विधायक का. अजीत कुशवाहा पर कोरान सराय थाने में दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे को भी अविलंब वापस लेने की मांग की गई.
भाकपा(माले) विधायक दल नेता का. महबूब आलम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों पर गंभीरता से बात की और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि दरभंगा के रजवाड़ा, नवादा, पश्चिमी चंपारण, बक्सर आदि जिलों में कानूनी पेंच की आड़ में अवैध तरीके से दलित-गरीबों को उजाड़ने के संबंध में भाकपा(माले) विधायक दल ने ठोस उदाहरणों व सबूतों को मुख्यमंत्री के सामने रखा.
उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी गरीब को नहीं उजाड़ा जाएगा लेकिन जमीन पर ठीक इसका उल्टा हो रहा है. हमने यह मांग की है कि नए तरीके से सर्वे कराकर बिहार सरकार नया वास-आवास कानून बनाए और बेदखली को तत्काल रोकने के लिए एक अध्यादेश लेकर आए.