लक्ष्मणपुर-बाथे जनसंहार के 25वीं बरसी पर विगत 1 दिसंबर 2022 को बाथे में शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद संकल्प सभा आयोजित की गई. कार्यक्रम में भाकपा(माले) जिला सचिव का. जितेन्द्र यादव भी मौजूद रहे. विदित हो कि अरवल जिले के लक्ष्मणपुर-बाथे गांव में रणवीर सेना द्वारा 58 दलित-गरीबों का जिनमें महिलायें व बच्चे भी शामिल थे, निर्दयतापूर्ण जनसंहार किया गया था. रणवीर सेना को भाजपा द्वारा संरक्षण प्राप्त था और जनसंहार में भाजपा की संलग्नता की जांच करने वाला ‘अमीर दास आयोग’ जबतक इसका खुलासा करता, उसे भंग कर दिया गया था.
संकल्प सभा के बाद भाकपा(माले) की ओर से अरवल जिले के परासी एवं अइयारा में दलित समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रतिवाद मार्च किया गया. भाकपा(माले) जिला कार्यालय से जुलूस निकला जो विभिन्न मार्गों से होते हुए अरवल प्रखंड परिसर पहुंचा जहां प्रतिवाद सभा आयोजित की गई.
प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव का. जितेंद्र यादव ने कहा कि परासी की घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. पुलिस के उस मुखबिर को भी जांच के दायरे में लाना चाहिए जिसने एक सप्ताह पहले रामजीत पासवान को सूचना देकर गिरफ्तार करवाने का काम किया था. उसकी और नंद की नीयत उस परिवार की महिला के प्रति ठीक नहीं थी.
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा दलित प्रेम का केवल नाटक करती है. भाजपा के लोगों द्वारा दलितों पर जुल्म की दास्तानें भरी पड़ी हैं. अइयारा में उनके नेता नहीं जा रहे हैं और न ही उन अपराधियों के खिलाफ कुछ बोल रहे हैं. यह उसकी दोहरी नीति है जहां एक ही जिले में दलितों के खिलाफ हिंसा की दो अलग-अलग घटनाओं पर उसका रूख अलग-अलग है. विधानसभा में उनके नेता अथवा अरवल के भाजपाई नेता अइयारा के अपराधियों के खिलाफ एक शब्द भी क्यों नहीं बोल रहे हैं. उन्होंने परासी थाने की संदिग्ध भूमिका को भी जांच के दायरे में लाने की मांग की.
उन्होंने सरकार से मांग की कि परासी घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, अइयारा घटना में शामिल अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के जरिये कड़ी सजा दी जाए, दोनों दलित परिवारों के आश्रितों को 20 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए, एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए तथा परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए.
का. जितेंद्र यादव के अलावे रविन्द्र यादव, महेश यादव, शाह शाद, अवधेश यादव, महेंद्र प्रसाद, गणेश यादव, मिथलेश यादव, नंदकिशोर कुमार, रामाकांत कुमार उर्फ टुन्ना, सुएब आलम आदि प्रतिवाद कार्यक्रम का नेतृत्व किया.