वर्ष - 31
अंक - 45
05-11-2022

जमीनी स्तर पर दलितों-गरीबों-आदिवासियों के भूमि-अधिकार, वास-आवास के अधिकार, रोजी-रोटी के सवालों और सामंती-दबंग ताकतों के हमले के खिलाफ सम्मानजनक जिन्दगी के मुद्दों के लिए हमेशा संघर्षरत अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा का 5वां जिला सम्मेलन विगत 28 अक्टूबर 2022 को बुधन राम मंच, हरेराम पासवान सभागार, सियाराम राय नगर (हायाघाट, दरभंगा) में संपन्न हुआ. जंगी यादव, शनिचरी देवी, हरि पासवान, बैद्यनाथ यादव, पप्पू कुमार पासवान, सत्यनारायण मुखिया, डॉ. शोएब के अध्यक्ष मंडल ने सम्मेलन कीइ अध्यक्षता की.

सम्मेलन की शुरुआत कामरेड फूलो देवी के द्वारा झंडोत्तोलन से हुई. इसके बाद शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया.

सम्मेलन के उद्घाटन करते हुए खेग्रामस राज्य कार्यकारिणी सदस्य का. शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि आज देश में हम ऐसी साम्प्रदायिक फासीवादी हुकूमत का समना कर रहे हैं जो मजदूरों के साथ घोर क्रूरता बरत रही है. यह सरकार लगातार मजदूर विरोधी कानून ला रही है. मजदूरों के रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा के लिए उसके पास कोई योजना नहीं है. जदूरी बढ़ नहीं रही है लेकिन मंहगाई चरम पर है.

उन्होंने खेग्रामस आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि 2005 में अनेक आंदोलनों के बाद मनरेगा को लागू करवाया गया था. 2014 के बाद मोदी सरकार द्वारा मनरेगा को कारपोरेट को सौंपने की तैयारी हो रही है.

खेतिहर-मजदूरों की बहुत बड़ी आबादी है. राजनीतिक रूप से दक्ष होकर गांव-गांव में संगठन बना कर भाजपा जैसी फासिस्ट हुकूमत को उखाड़ फेंकना होगा. इसके लिए वर्गीय आंदोलन को बहुत तीव्र करना अनिवार्य हो गया है.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता कामरेड आरके सहनी ने केंद्र सरकार की तमाम दमनकारी नीतियों को बारीकी से जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बिहार ने पूरे देश को एक मॉडल दिया है. सभी राज्यों में भाजपा को सत्ता से बाहर करना करना ही 2024 में देश को बचाने की दिशा है.

उन्होंने आगे कहा कि आज सरकार गरीबों को उजाड़ रही है. रजवाड़ा में गरीबों को उजाड़ा गया और प्रतिवाद करने पर भाकपा(माले) नेता पप्पू खान को झूठे मुकदमे में पफंसा दिया गया. यही तो तानाशाही है, जिसके खिलाफ लड़ना है. खेग्रामस ने तय किया है कि जब तक भूमिहीनों को बसाया नहीं जाएगा तब तक खेग्रामस आंदोलन करता रहेगा. यह देश मजदूरों-मेहनतकशों का है और उन्हें हीअपने देश को बचाना है.

सम्मेलन के मुख्य वक्ता भाकपा(माले) जिला सचिव का. बैद्यनाथ यादव ने कहा कि यह जिला सम्मेलन देश में संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा को समर्पित है. संविधान व लोकतंत्र ही दलित-गरीबों-मजदूरों के सामाजिक-राजनीतिक दावेदारी का आधार प्रदान करता है. फासीवादी हमले के खिलाफ गांव और गरीबों का प्रतिरोध खड़ा करना हमारा फौरी और दूरगामी लक्ष्य है.

जन संकृति मंच के जिला सचिव समीर ने राजनीतिक-सामजिक प्रतिरोध के साथ-साथ सांस्कृतिक आंदोलन को और प्रतिरोध की संस्कृति को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया.

आइसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस कर्ण ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 गरीबों-दलितों-स्त्रियों को शिक्षा से वंचित रखने का कारपोरेट षड्यंत्र है. यह शिक्षा नीति यह सुनिश्चित करने जा रही है कि गरीबों के बच्चे पढ़-लिख कर अपना जीवन नहीं बदल सकते. शिक्षा को एक कमोडिटी बनाने के प्रतिरोध में आइसा आगामी 10 नवम्बर को ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय में ‘शिक्षा बचाओ सम्मेलन’ करने जा रहा है. अभी मजदूरों और छात्र-नौजवानों की एकजुटता की बड़ी जरूरत है. उद्घाटन सत्र का संचालन विदाई जिला कमिटी के सचिव प्रो. कल्याण भारती ने किया.

सांगठनिक सत्र की शुरुआत में विदाई जिला कमिटी के सचिव कल्याण भारती ने कामकाज की रिपोर्ट पेश की. जिसे 7 प्रतिनिधियों ने बहस में भाग लेकर समृद्ध किया. सर्वसम्मति से रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई.

सम्मेलन के पर्यवेक्षक जीवछ पासवान की देखरेख में चुनावी प्रक्रिया को सम्पन्न कराते हुए 51 सदस्यीय नई जिला परिषद का गठन किया गया. इसमें 11 युवा व 6 महिला हैं. सर्वसम्मति से कामरेड सत्यनारायण मुखिया जिलाध्यक्ष तथा कामरेड जंगी यादव जिला सचिव चुने गए.

सम्मेलन में महिलाओं की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई. महिला साथियों ने कामकाज की रिपोर्ट पर बहस में भी भाग लिया. इस सम्मेलन में जिले के 12 प्रखण्डों से कुल 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बिरादराना संगठनों के नेतृत्वकारी साथियों की भी मौजूदगी रही.

नई जिला कमिटी ने अगले सम्मेलन तक के लिए भूमि सुधार कानून को लागू करवाने, सभी भूमिहीन मजदूरों को एक एकड़ कृषि योग्य भूमि दिलवाने, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घर उजाड़ने के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध खड़ा करने एवं सभी भूमिहीनों को 5 डिसमिल वास की जमीन और स्वच्छ पानी, शौचालय, 200 यूनिट मुफ्त बिजली आदि को लेकर जमीनी आंदोलन खड़ा करने, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने, नफरत और विभाजन की साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ वर्गीय गोलबंदी और दावेदारी को आगे बढ़ाने, ब्लॉक, बैंक, थाना के लूट-भ्रष्टाचार, महाजनी लूट के खिलाफ आंदोलन को तेज करने के अलावा पश्चिम बंगाल में आगामी 15 नवंबर से होने वाले खेग्रामस के राष्ट्रीय सम्मेलन तक 1 लाख सदस्यता, मुकम्मल हिसाब-किताब, आगामी वर्ष में 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में होनेवाली भाकपा(माले) की विशाल रैली में बड़ी गोलबंदी करने का प्रस्ताव पारित करते हुए अन्य कई प्रमुख कार्यभार तय किए गए.

खेग्रामस के इसी वर्ष नवम्बर माह में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में जाने के लिए 7 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के अलावा 26 प्रतिनिधियों के चुनाव पर उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति जताई.

इस अवसर पर एक्टू के जिला उपाध्यक्ष एवं जसम के वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी भोला पासवान एवं रामविलास मंडल के द्वारा जनवादी गीत प्रस्तुत किये गए.

मौके पर आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, भाकपा(माले) नेता नंदलाल ठाकुर, अशोक पासवान, पप्पू पासवान, विनोद सिंह, अनुपम, मो. लालू, मो. राशिद, मंजू देवी, पप्पू कुमार पासवान, शीला देवी, गीता देवी, किसुन पासवान, शत्रघ्न पंडित, मो. रोजिद, सियाशरण पासवान उपस्थित रहे.

– प्रिंस राज

5th Darbhanga District Conference