बिहार में इस माह संपन्न होने वाले नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के नियमों को लेकर भाजपा की साजिश, जिसकी वजह से इस माह संपन्न होनेवाले चुनाव को स्थगित करना पड़ा है, के खिलाफ विगत 8 अक्टूबर 2022 को राज्यव्यापी प्रतिवाद संगठित किया गया.
नालंदा जिले के हिलसा में प्रतिवाद मार्च निकाला गया जो भाकपा(माले) के प्रखंड कार्यालय से निकलकर काली स्थान और सिनेमा मोड़ होते हुए जोगीपुर मोड़ के पास पहुंचा. प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) जिला सचिव का. सुरेंद्र राम व हिलसा प्रखंड सचिव का. अरुण यादव ने संयुक्त रूप से किया. मार्च में दर्जनों महिला और पुरुषों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. इस प्रतिरोध मार्च को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि भाजपा द्वारा संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ रची जा रही साजिश और दलित-पिछड़ों के अधिकारों पर लगातार हमलों को नाकाम कर भाकपा(माले) उसके मंसूबों को चकनाचूर करेगी. रामदास अकेला, मुनीलाल यादव, रविंद्र पासवान, शिव शंकर प्रसाद, चुन्नू चंद्रवंशी ने भी सभा को संबोधित किया.
अरवल में आयोजित प्रतिवाद सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) विधायक कामरेड महानन्द सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के जरिए अचानक अंतिम चरण में चुनाव को स्थगित करवाने का आदेश कहीं से भी उचित नहीं है. 2007, 2012 एवं 2017 में भाजपा-जदयू राज के दौरान चुनावों पर हाईकोर्ट ने क्यों नही रोक लगाया.
उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर एवं आर्थिक रूप से पिछड़े जातियों को नगर निकाय एवं पंचायतों में आरक्षण का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कोर्ट के जरिए अति पिछड़ों के आरक्षण समाप्त करने की भाजपाई साजिश का पुरजोर विरोध करने का आह्वान किया.
सभा को जिला सचिव जितेंद्र यादव, रविंद्र यादव, उपेंद्र पासवान, रामकुमार सिन्हा समेत कई नेताओं ने संबोधित किया. इससे पहले भाकपा(माले) जिला कार्यालय से प्रतिरोध मार्च निकला जो जीए हाई स्कूल और भगत सिंह चौक होते हुए प्रखंड परिसर पहुंचा, जहां यह प्रतिवाद सभा हुई. मार्च में भारी संख्या में नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए.
पटना जिले के मसौढ़ी, धनरूआ, पुनपुन, पालीगंज दुलहिन बाजार, विक्रम, बिहटा, मनेर, फुलवारी व संपतचक प्रखंडों में प्रतिवाद मार्च निकाले गए.
मसौढ़ी में भाकपा(माले) कार्यालय से ‘आरक्षण विरोधी भाजपा शर्म करो’, ‘अति पिछड़ा प्रेम का ढोंग बंद करो’ आदि नारों के साथ प्रतिवाद मार्च निकाला गया जो मेन रोड होते हुए तारेगना स्टेशन परिसर पहुंचा. मार्च कीअगुवाई भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य कमलेश कुमार और प्रखंड सचिव राकेश कुमार ने की. मार्च में जिला कमेटी सदस्य नागेश्वर मांझी, बिनेश चौधरी, संजय पासवान, सुदामा पासवान, वार्ड पार्षद शशि यादव और किसान नेता बिटेशवर यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे. स्टेशन परिसर में आयोजित सभा को का. कमलेश कुमार ने संबोधित किया.
धनरूआ में प्रखंड सचिव अकलू पासवान, जिला कमेटी सदस्य निरंजन वर्मा, दमयंती सिन्हा, कमला देवी, प्रमोद यादव, शशि रंजन, जितेंद्र राम, विनोद जनवादी आदि के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने बडिहा मोड़ से प्रखंड कार्यालय तक मार्च किया और सभा आयोजित किया. पुनपुन में कामरेड मोहन व जयप्रकाश पासवान, पालीगंज में कामरेड सुधीर कुमार, दुलहिनबाजार में अमरसेन दास, विक्रम में शंकर पासवान और मंटू यादव, विहटा में राज्य कमेटी सदस्य माधुरी गुप्ता व प्रखंड सचिव सुरेंद्र दास, मनेर में सुधीर कुमार, फुलवारी में विधायक गोपाल रविदास, साधु शरण प्रसाद व गुरुदेव दास, फतुहा में शैलेंद्र यादव और संपतचक में सत्यानंद ने प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व किया.
गया में अंबेदकर पार्क से जीबी रोड होते हुए केपी रोड टावर चौक तक जूलूस निकेला गया और सभा आयोजित की गई. जहानाबाद में भाकपा(माले) विधायक कामरेड रामबलि सिंह यादव, जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा और किसान नेता रामाधार सिंह की अगुआई में ‘आरक्षण विरोधी भाजपाईयों शर्म करो-अतिपिछड़ङों से प्रेम का ढोंग बंद करो’, ‘आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश का भंडाफोड करो’ आदि नारों के साथ प्रतिवाद जूलूस निकाला गया.
मधुबनी में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने मालेनगर स्थित भाकपा(माले) कार्यालय से मार्च निकाल कर मधुबनी-कलुआही मुख्य सड़क पर भाजपा नेताओं का पुतला दहन कर विरोध दर्ज किया.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह मधुबनी नगर संयोजक बिशंभर कामत ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण को गैरकानूनी बताते हुए आरक्षित सीटों पर चुनाव को रद्द कर दिया है. इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है और दो चरणों वाले संपूर्ण नगर निकाय चुनाव को ही राज्य चुनाव आयोग ने अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है. दरअसल नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण भाजपाई साजिश का शिकार हुआ है. अगर इसकी प्रक्रिया को देखें तो साफ पता चलता है कि आरक्षण के मामले में यह अड़ंगा लगाना ही है. पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों का पिछड़ापन कोई अबूझ पहेली नहीं है. इसकी जरूरत दिन के उजाले की तरह साफ है. शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के साथ पंचायतों/नगर निकायों सहित अन्य राजनीतिक संदर्भों में पिछड़ों-अतिपिछड़ों को आरक्षण उनके ऐतिहासिक पिछड़ेपन को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव अंतिम चरण में था, आर्थिक संकट के इस गंभीर दौर में सरकार और जनता के करोड़ों रुपए खर्च हो चुके थे. इसे रोकना न सिर्फ एक भारी आर्थिक क्षति है, बल्कि स्थानीय स्तर पर कार्यरत लोकतांत्रिक प्रणाली को भी बाधित करना है. इस कार्यक्रम में मोहम्मद ईमरान, धनिक लाल पासवान, शंभू साह, योगी पासवान, अरुण साह,बैज्जू साह, अर्जुन साह सहित दर्जनों माले कार्यकर्ता शामिल हुए.
नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण में व्यवधान पैदा करने वाली भाजपाई साजिश के खिलाफ भागलपुर में स्थानीय घंटाघर चौक से प्रतिवाद मार्च निकाला गया. ‘आरक्षण विरोधी भाजपाइयों शर्म करो-अतिपिछड़ों से प्रेम का नाटक बन्द करो’, ‘आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश का भंडाफोड़ करो’, ‘न्यायालय-न्यायालय का खेल बन्द करो-निकाय चुनाव सहित हर क्षेत्रा में आरक्षण लागू करो’, ‘आरक्षण पर हमला नहीं सहेंगे’ आदि नारों को बुलंद करते हुए यह मार्च बड़ी पोस्ट ऑफिस के रास्ते कलेक्ट्रेट गेट पहुंचा और जोरदार प्रदर्शन किया.
प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य कामरेड एसके शर्मा, जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल और नगर प्रभारी कामरेड मुकेश मुक्त ने किया.
नेताओं ने सभा को सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण भाजपाई साजिश का शिकार हुआ है. सत्ता खोने से बौखलाई भाजपा बिहार के सामाजिक-राजनीतिक जीवन में हर हाल में खलल डालने और व्यवधान पैदा करने में लगी है और ऊपर से पिछड़ा प्रेम का ढोंग भी कर रही है. प्रतिवाद मार्च में भाकपा(माले) के नगर सचिव विष्णु कुमार मंडल, पूर्व नगर सचिव सुरेश प्रसाद साह, जिला कमिटी सदस्य रेणु देवी, सिकंदर तांती व अशुतोष यादव, खरीक प्रखंड सचिव सुशील कुमार भारती, अमर कुमार, बिहारी शर्मा, सिकंदर यादव, ब्रजेश शर्मा, अमीर राय, श्यामलाल मंडल, मोहन यादव, सत्यनारायण यादव, प्रवीण कुमार, दीपक कुमार, अमरेश कुमार आदि प्रमुख रुप से शामिल हुए.
सीवान में भी प्रतिवाद मार्च निकाला गया जो ललित बस स्टैंड से शुरू होकर बबुनिया मोड़ होते जेपी चौक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) जिला सचिव हंस नाथ राम, भाकपा(माले) केंद्रीय कमेटी के सदस्य नैमुद्दीन अंसारी, वरिष्ठ माले नेता अमरनाथ यादव, महिला नेत्री मंजीता और स्वर्णिमा सिंह आदि ने किया. जिले के गुठनी में भी प्रखंड सचिव सुरेश राम व जिला कमिटी सदस्य रामा जी यादव के नेतृत्व में प्रतिवाद मार्च निकाला गया. मैरवा प्रखंड मुक्ष्यालय पर हुए प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व जीरादेई विधायक कामरेड अमरजीत कुशवाहा ने किया. राज्य के कई अन्य जिलों में भी जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालयों पर प्रतिवाद मार्च और सभा के कार्यक्रम आयोजित हुए.