शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 155वीं जयंती मौके पर राजधानी लखनऊ में इंसाफ मंच व ऐपवा के द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा प्रदेश सह सचिव मीना सिंह ने कहा कि भगत सिंह के जिन क्रांतिकारी विचारों से डरकर ब्रिटिश साम्राज्यवादी हुकूमत ने उन्हें भौतिक रूप से मिटाने में अपनी भलाई समझी थी, उन विचारों को छुपाने या मिटाने की कोशिश नए शासक वर्ग ने भी भरसक की है.
सभा को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के अध्यक्ष आरबी सिंह ने कहा कि पूरे देश में दलितों, गरीबों, आदिवासियों और महिलाओं पर हिंसा व दमन की जैसे बाढ़ सी आ गयी है. महिला और दलित हिंसा में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है. आज भी हमारे समाज में गैर बराबरी और छुआछूत कायम है. इंसाफ मंच के उपाध्यक्ष प्रद्दुम्न ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कारण शिक्षा अब दलितों, गरीबों और लड़कियों के पहुंच से बाहर हो गई है.
सभा का संचालन करते हुए इंसाफ मंच के सचिव ओमप्रकाश राज ने कहा कि मोदी सरकार देश के नौजवानों को रोजगार देने में पूरी तरह से असफल रही है. देश के नौजवान आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे है. साथ ही महंगाई ने आम जनता का जीना दूभर कर दिया है.
सभा में कारपोरेट-साम्प्रदायिक-फासीवादी निजाम के खिलाफ लड़ते हुए शहीदों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया. सभा में आकाश, अनीता, राम खेलावन, राम अवतार, यूएन सिद्धकी, ओमकार राज व आकाश राना आदि प्रमुख लोग शामिल हुए .
मानसा स्थित शहीद भगतसिंह पार्क में भाकपा(माले) शहर कमेटी ने स्मृति सभा का आयोजन किया गया. सबसे पहले वहां स्थापित भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. स्मृति सभा को भाकपा(माले) केंद्रीय कमेटी सदस्य और पंजाब के प्रभारी पुरुषोत्तम शर्मा, केंद्रीय कमेटी सदस्य व राज्य सचिव राजविंदर सिंह राणा, ऐपवा अध्यक्ष जसबीर कौर, भाकपा(माले) के शहर सचिव सुरेंद्र पाल, जिला कमेटी सदस्य बिंदर औलख आदि ने संबोधित किया. सभा में भाकपा(माले) के मानसा तहसील सचिव गुरुसेवक मान, छज्जू सिंह, कृष्णा कौर, पुरुषोत्तम, आरती आदि दर्जनों नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.
पंजाब किसान यूनियन द्वारा मानसा जिला कलेक्ट्रेट पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिमें बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी. सभा को अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. रुल्दू सिंह, पंजाब किसान यूनियन के सचिव गुरुनाम सिंह भिक्खी व कई अन्य नेताओं ने संबोधित किया.
जिला पंचायत भवन मानसा में 55 दिन से चल रहे मजदूरों के धारावाहिक आंदोलन के मंच पर भी भाकपा(माले) और मजदूर मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मनाया. यहां हुई सभा को का. पुरुषोत्तम शर्मा, राजविंदर राणा, भगवंत समाऊं, सुरेंद्र पाल, सुखविंदर बोहा, निक्का बोहा, गुरसेवक मान आदि नेताओं ने संबोधित किया. आइसा और मजदूर मुक्ति मोर्चा की ओर से यहां एक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया था जिसमें कई लोगों ने रक्तदान किया. कार्यक्रम में शहीद भगतसिंह पर आधारित एक नाटक भी खेला गया.
मानसा जिले के ही चुनीर में भी भाकपा(माले) की द्वारा शहीद भगतसिंह की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूरे कस्बे में एक मोटरसाइकिल रैली में भी बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. यहां आयोजित सभा को भाकपा(माले) के केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. सुखदर्शन नत्त, जिला सचिव गुरमीत नंदगढ़, तहसील सचिव बलविंदर घरांगना ने संबोधित किया.
शाम को गांव बुर्ज झब्बर में आइसा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. यहां आयोजित सभा को आइसा के प्रदेश संयोजक प्रदीप गुरु और जिला संयोजक गुरविंदर नन्दगढ ने संबोधित किया.
गुरुदासपुर स्थित भाकपा(माले) कार्यालय के सभागार में शहीद-ए-आजम की जयंती आयोजित की गई. यहां पूरे जिले से आए लगभग 90 कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह को याद किया. यहां आयोजित सभा को केंद्रीय कमेटी सदस्य का. गुरमीत भक्तपुरा, का. गुलजार, अश्विनी कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया.
अमृतसर जिले के गांव मुधल में पंजाब किसान यूनियन ने का. बलबीर सिंह झामका के नेतृत्व में शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मनाया. कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. एकता नगर धापई में भी लोक भलाई मंच के बैनर तले एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
लुधियाना जिले के रायकोट में जिले के प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक बैठक की और शहीद भगतसिंह को याद किया. बैठक में राज्य कमेटी सदस्य हर भगवान भिक्खी, चरण सिंह, जय प्रकाश आदि ने अपना वक्तव्य दिया.
आरा, भोजपुर में भाकपा(माले), आइसा और इनौस की ओर से पूर्वी रेलवे गुमटी से करमन टोला तक मार्च निकालकर भगत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.
पटना जिले के मसौढ़ी में गांधी मैदान स्थित शहीद भगत सिंह स्मृति पार्क में जुटे सैकड़ों लोगों ने शहीद-ए-आजम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ उनकी जयंती मनाई और उनके बताए हुए रास्ते पर चलने और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया. वहां आयोजित सभा को जिले के वरिष्ठ भाकपा(माले) नेताओं -खेग्रामस नेता सत्यनारायण प्रसाद तथा खेग्रामस के प्रखंड अध्यक्ष विनेश चौधरी ने संबोधित किया.
फुलवारी स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में उनकी जयंती मनाई गई. सबसे पहले भाकपा(माले) के विभिन्न नेताओं ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि दी और महंगाई, बेरोजगारी, खाद्य सुरक्षा समेत जनता के तमाम सवालों पर आंदोलन को तेज करने, देश में जारी कारपोरेट-फासीवादी लूट के खिलाफ जनता को गोलबंद करने तथा मेहनतकश जनता की जुझारू एकता के बल पर देश मे मजदूर-किसानों का राज स्थापित करने का संकल्प लिया.
नालंदा जिले के बिहारशरीफ स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय में ‘साम्प्रदायिकता और भगत सिंह’ विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की गई.
परिचर्चा की शुरुआत करते हुए भाकपा(माले) के नगर प्रभारी पालबिहारी लाल ने कहा कि नफरत फैला कर भाजपा 2024 का चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने बताया कि यद्यपि कि भगत सिंह नास्तिक थे, लेकिन वे किसी की भी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते थे. आज शासक वर्ग से मुकाबला में उनके विचार बहुत ही प्रासंगिक हैं.
परिचर्चा में शामिल लोगों में एक्टू के राज्य उपाध्यक्ष मकसूदन शर्मा, भाकपा(माले) नेता विनोद रजक, नसीरूद्दीन, सुभाष शर्मा, सफाई कर्मियों के नेता मनोज, पुटपाथी दुकानदारों के नेता कृष्णा, हारून, कौशल, लक्खी, श्रवण पंडित तथा महेश, रामप्रीत, रुखसाना खातून, करण आदि प्रमुख थे.
हिलसा स्थित भाकपा(माले) कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उनके विचारधारा पर चलने का संकल्प लेते हुए राष्ट्रीय रोजगार अधिकार दिवस मनाया गया.
इस मौके पर इनौस के जिला सचिव शत्रघन कुमार, जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय परिषद सदस्य विरेश कुमार, प्रखंड सचिव ब्रहमदेव प्रसाद विंद तथा संतोष पासवान, राजेश रविदास आदि दर्जनों साथी उपस्थित हुए.
बक्सर में इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के बैनर तले भाकपा(माले) के विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह की अगुआई में ‘साम्प्रदायिक-फासीवाद विरोधी मार्च’ निकाला गया. यह मार्च कवलदह पोखरा से शुरू होकर अम्बेडकर चौक, ज्योति चौक, पीपी रोड होते हुए शहीद भगत सिंह स्मारक स्थल पर पहुंचा. इस दौरान विभिन्न स्थानों पर मौजूद डॉ. भीम राव अम्बेडकर, ज्योति प्रकाश और कुंवर सिंह की प्रतिमाओं पर भी माल्यार्पण किया गया.
मार्च में भाकपा(माले) के जिला सचिव नवीन कुमार, नीरज कुमार, राजेश शर्मा, गनेश सिंह, अंकित सिद्धार्थ सहित सैकड़ों युवा शामिल थे. भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और एक मिनट का मौन रखकर तमाम शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वहां एक सभा आयोजित की गई जिसे का. अजीत समेत कई लोगों ने संबोधित किया.
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के 115वीं जयंती पर भी उनकी प्रासंगिकता वैसी ही है जैसी तब थी. उन्होंने आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों – एबीवीपी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी की उन्माद-उत्पात की राजनीति को आड़े हाथों लिया.
धनबाद के मैथन रोड स्थित भाकपा(माले) स्थित कार्यालय में देर शाम भागत सिंह जयंती को संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया गया.
सबसे पहले उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रखकर उन्हे याद किया गया. मौके पर उपस्थित भाकपा(माले) नेता नागेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही क्रान्तिकारी विचारों को अपना लिया था और देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने लगे थे.
उन्होंने शहादत से एक दिन पहले उनके द्वारा अपने साथियों को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि फांसी से बचने का उनको कोई लालच नही था और वे इस अंतिम परीक्षा का बेताबी से इंतजार कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आज हमें शहीद-ए-आजम भगत सिंह व डॉ. अम्बेडकर के के अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प लेने की जरूरत है और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आना है.
इस अवसर पर मनोरंजन मलिक, अखिलेश्वर झा, असीम घोष, सत्येन्द्र चौहान, मोहन भगत, लालबाबू रजक, रोहित कुमार आदि लोग मौजूद थे.
देश के अन्य हिस्सों में भी बहुतेरे कार्यक्रम हुए.