झारखंड विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू से सम्बद्ध) का दूसरा राज्य सम्मेलन विगत 24 सितंबर 2022 को फूलो-झानो इंडोर स्टेडियम दुमका में सम्पन्न हुआ. सम्मेलन में 55 सदस्यीय कमिटी बनाई गई जिसकी महासचिव गीता मंडल व अध्यक्ष अनिता देवी चुनी गई. इसके अलावा 9 उपाध्यक्ष व 9 सचिव बनाए गए. जिनमें भुंडा बास्की, मनोज कुशवाहा, कल्पना महारानी, सुरेश्वरी देवी, रवीन्द्र भुइयां, मीनू देवी, रुस्लिन टुड्डू, सावित्री टुड्डू, पुकारी मरांडी, तस्मीना खातून, बसंती केरकेट्टा, सुनीता देवी, जितेंद्र शर्मा, लीलावती देवी, मुन्नी देवी आदि प्रमुख हैं.
सम्मेलन में राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर रसोइयों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, 21 हजार रुपए मानदेय देने, नियुक्ति नियमावली बनाने, प्रति 25 बच्चों पर पद सृजित कर रिक्त पदों पर रसोइयों को बहाल करने, मर्जर किए गए विद्यालयों को पुनः बहाल करने की मांग सरकार से की गई. इन मांगों पर 28 सितंबर को राजभवन मार्च करने का भी निर्णय लिया गया.
सम्मेलन के बाद स्टेडियम में ही ऑल इंडिया मिड-डे मील वर्कर्स की बैठक की गई जिसमें 5 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक सरोज चौबे ने किया.
बैठक को संबोधित करते हुए का. सरोज चौबे ने कहा कि जब से मोदी सरकार आई है, रसोइयों का मानदेय एक पैसा भी नहीं बढ़ाया गया. उल्टे, कोरोना काल में ‘आपदा में अवसर’ तलाश करते हुए मध्यान्ह भोजन योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना कर दिया गया. साथ ही, इस योजना की समय सीमा 5 साल तक सीमित कर दी गई. जबकि यह 2005 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए नियमित चलने वाली योजना थी. बैठक में रसोइया विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की बात की गई.
बैठक से 29 सदस्यीय संयोजन समिति बनाई गई जिसकी राष्ट्रीय संयोजक सरोज चौबे को बनया गया. गीता मंडल (झारखंड), जयश्री दास (पश्चिम बंगाल), सोहिला गुप्ता (बिहार) को सह संयोजक,बनाया गया है. अन्य प्रमुख सदस्य हैं – अनिता देवी, भुंडा बास्की, विभा भारती, कल्पना महारानी, कुंती देवी, महेंद्र परिदा, साधना पाण्डेय आदि.
विदित हो कि स्कीम वर्कर्स की मांगों को लेकर आगामी 28 नवंबर 2022 को दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा.