‘रोको महंगी, बांधो दाम-बेहतर मजदूरी, नियमित काम’ के नारे के साथ विनाशकारी मोदी सरकार के कंपनी राज, मजदूरों की गुलामी के 4 लेबर कोड, सांप्रदायिक बंटवारा आदि के खिलाफ और मजदूर अधिकारों की गारंटी, सामाजिक सुरक्षा व सम्मान के सवाल पर ऐक्टू का 10वां बिहार राज्य सम्मेलन 16 अक्टूबर 2022 को वैशाली के हाजीपुर स्थित बुवना स्मृति भवन में सम्पन्न हुआ. सम्मेलन स्थल कामरेड हरी सिंह, सभागार कामरेड गणेश पासवान और मंच कामरेड राम किशन की स्मृति को समर्पित था. सम्मेलन में 20 सम्बद्ध यूनियनों से 36 महिलाओं सहित कुल 186 प्रतिनिधि शामिल हुए. ऐक्टू के वैशाली जिला अध्यक्ष उमेशचन्द्र पटेल, सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह व सहसचिव संगीता देवी आदि ने सभी आगंतुक प्रतिनिधियों, अतिथियों, पर्यवेक्षक व उदघाटनकर्ता का लोकतंत्र की जननी भूमि पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.
सम्मेलन की शुरुआत झंडोत्तोलन, शहीद वेदी पर पुष्पार्पण और शहीद व दिवंगत साथियों की याद में दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने से हुई. सम्मेलन की अध्यक्षता श्यामलाल प्रसाद, एसके शर्मा, सरोज चौबे, शिवशंकर प्रसाद व मकसूदन शर्मा की पांच सदस्यीय टीम ने की जबकि संचालन रणविजय कुमार, मुकेश मुक्त व मनोज कुमार यादव तीन सदस्यीय टीम ने. सम्मेलन के पर्यवेक्षक ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड शुभेन्दु सेन थे.
सम्मेलन का उदघाटन करते हुए ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी ने अपने संबोधन में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और देशकाल की विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कहा कि मोदी शासन में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये जनता के मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है. सांप्रदायिक मुद्दों को उभारने के जरिए ये कोशिश की जा रही है कि आम मेहनतकश जनता अपने बुनियादी मुद्दों के बारे में न सोचे. मुसलमानों को देश के लिए खतरा बता कर संघ ब्रिगेड, देश पर कायम होते बड़े पूंजीपतियों व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के बर्चस्व के वास्तविक खतरे को छुपा रहा है. मजदूर विरोधी केंद्र सरकार सिर्फ अडानी-अम्बानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों के फायदे के लिए काम कर रही है. मोदी के शासनकाल में मजदूर तबाह और बर्बाद हैं.
उन्होंने कहा कि देश की संपदा को तेजी से पूंजीपतियों को हस्तांतरित किया जा रहा है. मजदूरों की छंटनी हो रही है. रसोइया, आशा, आंगनबाड़ी आदि स्कीम और ठेका-मानदेय मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम से भी काफी कम मजदूरी दी जा रही है. न्यूनतम मजदूरी का सबसे बड़ा लुटेरा सरकार है. निर्माण सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए रोजी-रोटी पर आफत हो गया है. लेबर कोड को लागू कर मोदी सरकार मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा व अन्य अधिकारों को छीन रही है, उसे खत्म कर रही है. हमें इस स्थिति को उलट देने के लिए तैयार होना होगा. अपने अधिकारों पर हो रहे पूंजीपतियों और उनकी पिठ्ठू मोदी सरकार के हमलों का मुकाबला करना ही होगा. इस जन विरोधी-देश विरोधी सरकार को ध्वस्त करने के अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है.
सम्मेलन के उदघाटन सत्र को एआईयूटीयूसी के प्रमोद कुमार, ऑल इण्डिया किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव, यूटीयूसी के वीरेंद्र ठाकुर, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की राज्य अध्यक्ष शशि यादव, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) के राज्य अध्यक्ष जियालाल प्रसाद ने भी संबोधित किया.
सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र में ऐक्टू के राज्य महासचिव आरएन ठाकुर द्वारा प्रस्तुत कामकाज की रिपोर्ट पर हुई बहस में दर्जनों प्रतिनिधियों ने हिस्सा किया और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. विदाई कमेटी की ओर से कामरेड एसके शर्मा द्वारा प्रतिनिधियों के सकारात्मक सलाह-सुझाव को स्वीकारते हुए बहस के समाहार के बाद रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद आय-व्यय की रिपोर्ट को भी सर्वसम्मति से पारित किया गया.
सम्मेलन ने अगले वर्ष तक ऐक्टू की सदस्यता को एक लाख तक पहुंचाने; वर्ष 2022 में पटना, भागलपुर, बेतिया, सहरसा, सुपौल और गया का जिला सम्मेलन कर 10 जिलों में ऐक्टू की सक्रिय जिला कमेटियों का गठन करने. वर्ष 2023 में 10 अन्य जिलों में सम्मेलन कर इस संख्या को 20 तक पहुंचाने तथा प्रखंड स्तर पर संगठन का विस्तार करते हुए 100 प्रखंड कमिटियों का निर्माण करने; सम्बद्ध यूनियनों के सांगठनिक ढांचों को मजबूत करते हुए उनका विस्तार करने; पांच नए सेक्टरों – घरेलू कामगार, कुरियर, ठेका सफाई मजदूर, वेंडर्स आदि का यूनियन बनाने; मजदूर वर्ग की वर्ग चेतना व राजनीति से लैस 100 कैडर तैयार करने तथा इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर नियमित कार्यशाला आयोजित करने और लेबर कोड, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण व विनाशकारी मोदी सरकार की कम्पनी राज के विरोध में तथा मजदूर हित के तमाम मुद्दों पर मजबूत व धारावाहिक आन्दोलन खड़े करने का कार्यभार लिया. राज्य सचिव रणविजय कुमार ने हाउस में पांच सूत्र महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया, जिसे हाउस ने जोरदार करतल ध्वनि से पारित किया.
सम्मेलन के पर्यवेक्षक, ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुवेन्दू सेन ने राज्य ढांचा का नियमानुकूल चुनाव सम्पन्न कराया. हाउस ने सर्वसम्मति से 55 सदस्यीय राज्य काउंसिल का चुनाव किया. काउंसिल ने 33 सदस्यीय कार्यकारिणी का और कार्यकारिणी ने 15 सदस्यीय पदाधिकारियों को चुना. कामरेड श्यामलाल प्रसाद राज्य अध्यक्ष और कामरेड आरएन ठाकुर पुनः महासचिव के रूप में चुने गये.
पर्यवेक्षक के संबोधन के बाद अध्यक्षमंडल की ओर से राज्य अध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद ने ऐक्टू के वैशाली जिला कमेटी और सभी कार्यकर्ताओं जिनके अनथक प्रयास व मेहनत से हाजीपुर में यह सम्मेलन शानदार तरीके से सफल हुआ, को धन्यवाद दिया कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के सामूहिक गान के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.