9 अगस्त 2022, पटना
भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार की तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थिति पर टिप्पणी व्यक्त करते हुए कहा कि इसका संदेश देशव्यापी है. भाजपा द्वारा संविधान-लोकतंत्र पर लगातार किए जा रहे हमले व देश में तानाशाही थोपने के प्रयासों के खिलाफ जनाधिकारों की रक्षा में बिहार का यह राजनीतिक डेवलपमेंट पूरे देश को एक नई दिशा देगा और नए राजनीतिक ध्रुवीकरण का आधार तैयार करेगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा की चरम किस्म की सत्तालोलपुता, विपक्ष की तमाम पार्टियों को खत्म कर देश में सिंगल पार्टी सिस्टम लागू करने की बेचौनी, अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार किए जा रहे हमले इस कदर बढ़ गए कि उनके घटक दल भी आतंकित हो गए.
ऐसी परिस्थिति में जद-यू ने देर से ही सही, लेकिन भाजपा से अलग होने का जो फैसला किया है, उसका हम स्वागत करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की नफरत व विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष को मजबूती से लड़ना होगा. हमें उम्मीद है कि बिहार की वैकल्पिक सरकार इस दिशा में सही कदम उठाएगी, जनता के चिरलम्बित सवालों को हल करेगी और बुलडोजर राज में उठाए गए तमाम कदमों को वापस लेगी. इस वैकल्पिक सरकार को भाकपा(माले) सहित महागठबंधन के सभी दलों का समर्थन है.
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की पूरी कोशिश बिहार को यूपी बना देने की है. इस दिशा में वह लगातार नीचे तक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का अभियान चलाती रही है. इस नफरत भरे अभियान से मुक्ति की चाहत आज पूरे बिहारी समाज की चाहत बन गई है.