लखनऊ ग्रामीण के सीतापुर रोड स्थित राम सागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय (बीकेटी) में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ और माल क्षेत्र के रनियांमऊ दलित हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर ऐपवा और इंनौस ने विगत 8 अगस्त को राजधानी के परिवर्तन चौक से स्वास्थ्य भवन (निदेशालय) तक मार्च निकाल कर प्रर्दशन किया. मुख्यमंत्री को सम्बोधित दो ज्ञापन मौके पर मौजूद अधिकारी को सौंपे गए. मार्च व प्रदर्शन का नेतृत्व ऐपवा की जिला सहसंयोजिका का. कमला गौतम और इंनौस के का. नीरज ने किया.
प्रदर्शनकारी महिलाएं ‘आरएस मिश्र अस्पताल में भ्रष्टाचार की जांच कराओ, भ्रष्टाचार में लिप्त कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक को बर्खास्त करो, अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था करो, अस्पताल को नर्क बना देने वाले डा. सुमित कुमार महराज समेत सभी को दंडित करो और रनियांमऊ के दलित नौजवान शिवम की हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच कराओ’ के नारे लगा रही थीं.
ऐपवा नेता ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उक्त अस्पताल बीकेटी क्षेत्र की जनता के लिए वरदान था. लेकिन विगत 6-7 वर्ष से यहां तैनात डॉ. सुमित कुमार महराज और प्रत्यूष पाण्डेय (एक्स-रे टेक्नीशियन) व उनकी मंडली ने अस्पताल को नर्क बना दिया है. उनका गुण्डों जैसा व्यवहार तथा भ्रष्टाचार में लिप्त कारनामों से न सिर्फ अस्पताल के डाक्टर व कर्मचारी भारी संकट महसूस कर रहे हैं, बल्कि मरीज भी उनके उत्पीड़न और लूट के शिकार हो रहे हैं. मरीजों को अपने चहेते अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है, सरकारी रोक के बावजूद बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं और अल्ट्रासाउंड में इतनी लम्बी डेट दी जा रही है कि मरीज अपने आप ही भाग जा रहे हैं. लिहाजा, इनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है.
विरोध प्रर्दशन में बबली रावत, हिमांशी चौधरी, मंजू गौतम, सुमन सेंगर, राम देवी, सावित्र रावत, कमला रावत, रेखा यादव, सुशीला शर्मा, सहित कई महिलाएं शामिल थी.