30 जुलाई को पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज परिसर में आइसा ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने एवं नई शिक्षा नीति, 2020 को वापस लेने की मांग को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा का जोरदार विरोध किया. आइसा कार्यकर्ताओं ने नड्ढा को काला झंडा दिखाया एवं ‘जेपी नड्ढा, गो बैक’ के नारे भी लगाए.
दो दिवसीय बिहार दौरे पर आए जेपी नड्ढा पटना कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं. इसी के नाते वे पटना कॉलेज आए थे. जेपी नड्ढा का काफिला जैसे ही पटना कॉलेज के प्रशासनिक भवन तक पहुंचा, आइसा कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और काला झंडा दिखाने लगे. काफी देर तक आइसा कार्यकर्ताओं ने नड्ढा को घेरे रखा. पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज भी किया.
आइसा के बिहार राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने की मांग बिहार के छात्रों की लंबे समय से लोकप्रिय मांग रही है, लेकिन भाजपा के लोग छात्रों की इस मांग को खारिज करके बिहार की भावना के साथ मजाक ही करते आए हैं. इसी विश्वविद्यालय का छात्र होने के बावजूद जेपी नड्ढा ने इस मांग पर एक शब्द कहना उचित नहीं समझा. आज से 4 साल पहले साइंस कॉलेज के मैदान में जब प्रधान मंत्री मोदी आए थे, तब आइसा ने उस वक्त भी यह मांग उठाई थी, लेकिन प्रधान मंत्री ने उस मांग को सिरे से खारिज करके बिहार की भावना का अपमान किया था.
आइसा नेताओं ने कहा कि हम नई शिक्षा नीति, 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं. यह नीति निजीकरण को बढ़ावा देने वाली नीति है. शिक्षा को बाजार के हवाले कर देने की इस नीति को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे.