वर्ष - 33
अंक - 50
07-12-2024

पटना, 27 नवंबर 2024 : बिहार राज्य जीविका कैडर संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने रिहा होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आपबीती सुनाई और कहा कि बिहार की नीतीश सरकार भी यूपी के योगी राज के तर्ज पर नागरिक अधिकारों का दमन करने पर अमादा है. उन्होंने सरकार पर सादे लिबास में पुलिस कर्मियों को भेजकर उनका अपहरण करवाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि यह सब महाजुटान को असफल करने की साजिश के तहत किया गया. ‘आंदोलन के नेता की इस तरह की गिरफ्तारी मौलिक अधिकार का उल्लंघन भर नहीं, कानून के शासन पर भी हमला है. सरकार और प्रशासन के इस गैर कानूनी, संविधान विरोधी हरकत के खिलाफ मैं उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज करूंगा और न्यायालय में भी याचिका दर्ज करूंगा – उन्होंने कहा.

उन्होंने कहा, ‘25 नवंबर की शाम लगभग 7.30 बजे मुझे गर्दनीबाग धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया, जहां मैं और ऐक्टू नेता का. रामविजय कुमार महाजुटान की तैयारियों का मुयायना करने गया था. पुलिस ने मुझे कोई गिरफ्तारी आदेश नहीं दिखाया, मेरा मोबाइल छीन लिया और अपने परिजनों या साथियों से बात तक नहीं करने दिया, मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया मानों मैं कोई हिस्ट्री शीटर अपराधी हूं.

पहले मुझे गर्दनीबाग थाना लाया गया. सिविल ड्रेस में हथियारबंद चार लोग 15-20 मिनट बाद ही मुझे वहां से आलमगंज थाना ले गए. वहां से 10.30 बजे रात्रि को फिर वही लोग मुझे लेकर किसी अज्ञात स्थान की ओर चल दिए. न वे पुलिस की वर्दी में थे. न गाड़ी पुलिस की थी. अलबत्ता  सभी के कमर में पिस्टल थी. मैं किसी अनहोनी की संभावना से विचलित था. गाड़ी जब बख्तियारपुर से होते हुए आगे बढ़ी तो मैंने पूछा कहां ले जा रहे हैं? उनलोगो ने कहा चुपचाप चलिए, आप पटना में ही रहेंगे. बाढ़ से आगे और मोकामा से पहले टाल क्षेत्र की तरफ जा रहे सुनसान रास्ते पर जब गाड़ी मुड़ी तो उनलोगों ने चाय पीने के बहाने मुझे गाड़ी से उतारने की कोशिश की लेकिन मैंने उतरने से इनकार कर दिया. अंत में मुझे भदौर थाना ले जाया  गया और एक कमरे में बंद कर दिया गया.

वे मेरे मोबाइल से बिहार भर से पटना महाजुटान में भाग लेने आनेवाले जीविका कैडरों-दीदियों को ट्रैक करने लगे. उसी आधार पर संघ का बैनर लगी लगभग 3 दर्जन से अधिक बसों को हाजीपुर में रोक दिया गया.

26 नवंबर को जीविका दीदियों एवं कैडरों के महाजुटान में मेरी गिरफ्तारी के खिलाफ जोरदार आवाज उठी. उसके बाद ही मुझे छोड़ा गया. इस प्रकरण में संघ के संरक्षक पूर्व विधायक डॉ अच्युतानंद, ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार और भाकपा(माले) के माननीय विधायकां – विधायक दल नेता महबूब आलम, उप नेता सत्यदेव राम तथा  महानन्द सिंह (अरवल), वीरेंद्र गुप्ता (सिकटा) और विधान पार्षद सह स्कीम वर्कर्स नेत्री शशि यादव एवं भाकपा(माले) नेतृत्व के भरपूर सहयोग के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मेरी गैरकानूनी हिरासत के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की, और जिनकी वजह से आज मैं यहां मौजूद हूं.