अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार राज्य पार्षद का. प्रफुल्ल पटेल (उम्र 65 वर्ष) का 31 अगस्त 2024 की सुबह 6 बजे असामयिक निधन हो गया.
नवादा जिले के काशीचक प्रखंड के हनुमान बिगहा गांव निवासी का. प्रफुल्ल का राजनीतिक जीवन अस्सी के दशक में शुरू हुआ. वे पटना के आशियाना नगर में रहते हुए भाकपा(माले) से जुड़े और कुछ ही दिनों बाद नालंदा जिले में एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर काम करने लगे. इस दौरान उन्होंने बिहार शरीफ पवार ग्रिड के खिलाफ किसानों के आंदोलन समेत कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया और उन्हें जीत की मंजिल तक पहुंचाया.
लंबे समय तक वे नालंदा जिले के बिहार शरीफ और रहुई प्रखंडों में भाकपा(माले) के सचिव और पार्टी की नालंदा जिला कमिटी के सदस्य रहे. उन्होंने शेखपुरा जिले में भी रेलवे ओवर ब्रिज के लिए उल्लेखनीय संघर्ष का नेतृत्व किया. कुछ वर्षों से वे अपने गृह जिले नवादा के काशीचक में भाकपा(माले) के प्रखंड सचिव और जिला कमिटी सदस्य की भूमिका में थे. वर्ष 2023 की शुरुआत से वे किसान महासभा के जिम्मेवार बने. किसान महासभा के 9वें राज्य सम्मेलन (28-29 अक्टूबर 2023, सिवान) में उन्हें राज्य परिषद में शामिल किया गया था.
वे काफी दिनों से अनियंत्रित डायबिटीज से प्रभावित थे और कुछ माह पहले टीबी जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो गए जो उनकी मृत्यु का कारण बनी. ऐसे वक्त में जब देश में फासीवादी खतरे के खिलाफ संघर्ष में है, उनका चला जाना वामपंथी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है.
कामरेड प्रफुल्ल पटेल अमर रहें!