कोई ऐसा शब्द कहो
जिसका सचमुच कोई अर्थ हो
कोई ऐसी नदी दिखाओ
जिसमें न बह रहा हो हमारी आंख का पानी
कोई ऐसा फूल उपहार में दो
जिसकी गंध बाजार में न बिकती हो
अपने प्रेम और घृणा के लिए दलीलें देना बंद करो
ताकि मैं भरोसे पर पुनः भरोसा कर सकूं
अर्थ, रस, गंध और स्पर्श
सब अपनी सवारियों से पलायन कर रहे हैं
और यही इस दौर की सबसे विकराल महामारी है
अगर नहीं तो
एक ऐसे मनुष्य से मिलाओ
जिसे मनुष्य कहकर पुकारूं और वह पलटकर जवाब भी दे.