30 जनवरी, जब कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया, से लेकर 15 मार्च तक भारत में संपुष्ट मामलों की संख्या 110 हो गई है, और दो लोगों की मौत हुई है. भारत सरकार ने इस महामारी पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में कटौतियां की, विदेशों से आनेवालों और उनसे संपर्कित व्यक्तियों की जांच करवाई, और उनमें वायरस पाया गया तो उन्हें अलग (आइसोलेशन) किया गया और अगर लक्षण संपुष्ट नहीं हुए तो उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया. बेशक, इससे महामारी के फैसले की रफ्तार धीमी हुई. लेकिन जैसा कि सरकार जानती है, बदतरीन स्थिति आना अभी बाकी हैै.