वर्ष - 30
अंक - 12
20-03-2021

 

किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म दिवस (महाशिवरात्रि, 11 मार्च 2021) को अखिल भारतीय किसान महासभा तथा भाकपा(माले) की ओर से किसान दिवस के रूप में मनाते हुए बिहार के दर्जनों जिला मुख्यालयों पर किसान मार्च निकाला गया. उस दिन पटना जिले के बिहटा में जहां सहजानंद सरस्वती का ‘सीताराम आश्रम’ अवस्थित है, एक किसान-मजदूर महापंचायत आयोजित हुई जिसे भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के साथ ही अखिल भारतीय किसान महासभा व खेग्रामस नेताओं ने कई वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया.

साथ ही, उसी दिन ‘सीताराम आश्रम’ में स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने और बिहार को देश में चल रहे किसान आंदोलन की अकग्रम पांत में खड़ा कर देने के संकल्प के साथ पूरे बिहार को 7 हिस्सों में बांट कर सात किसान संघर्ष यात्रायें भी शुरू की गई. इनमें से  शाहाबाद, मगध, सारण-चंपारण, मिथिला-मुजफ्फरपुर, बेगूसराय-पूर्णिया के लिए निकली किसान संषर्ष यात्राओं के वाहनों भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने  स्वामी सहजानंद के सीताराम आश्रम से ही रवाना किया जबकि कोशी व मुंगेर क्षेत्र किसान यात्रायें भी उसी दिन सुपौल व जमुई से शुरू हुईं. ये किसान यात्रायें बिहार के कुल 35 जिलों से होकर गुजरीं. 15 मार्च की देर रात में पटना में ही इन किसान यात्राओं का समापन हुआ.

पहली किसान संघर्ष यात्रा मगध क्षेत्र के जिलों पटना, अरवल, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा और जहानाबाद के लिए चली. वह उसी दिन पटना जिले के लाला भदसारा, दुल्हिन बाजार, बाली पाकड़, पालीगंज से होते हुए अरवल जिले में पहुंची. अरवल जिले के प्रसादी इंग्लिश, अरवल, बलिदाद, कलेर, औरंगाबाद जिले के दाउदनगर, रेपुरा मोड़, पचरुखिया, झिंगुरी, अल्पा, बंगाली बीघा, कोइलवां व गोह; गया जिले के टिकारी, बेलहरिया, बेलागंज, नियामतपुर (पंडित यदुनंदन शर्मा के आश्रम स्थल) व मानपुर; नवादा जिले में नवादा शहर के प्रजातंत्र चौक; नालंदा जिले के जैतीपुर बाजार, परवलपुर, थरथरी, हिलसा, एकंगर सराय, व इस्लामपुर; जहानाबाद जिले के हुलासगंज, बोरी बाजार, सहो बीघा, विशुनगंज, नवाबगंज, मखदुमपुर, टेहटा व जहानाबाद पहुंची. 15 मार्च को पुनः पटना जिले के मसौढ़ी तथा लखना बाजार में सभा संबोधित करने के आद यात्रा का समापन हुआ. लगभग 40 कस्बों व शहरों में किसान संघर्ष यात्रा के दौरान अरयोजित हुई सभाओं में किसान-मजदूरों व अन्य मेहनतकश तबकों के दसियों हजार लोग शामिल हुए और सैकड़ों गांवों तक संवाद पहुंचाया गया. किसान संघर्ष यात्रा की गाड़ी ने कुल 650 किलोमीटर की दूरी तय की. इस यात्रा में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव का. रामाधार सिंह, राज्य सहसचिव राजेंद्र पटेल तथा कृपा नारायण सिंह, अरवल जिला के सचिव राजेश्वरी यादव आदि नेता मुख्य रूप से शामिल थे यात्रा की अगवानी तथा अपने-अपने जिले से विदाई के दौरान दर्जनों दोपहिया वाहनों (मोटरसाइकिल) व अन्य वाहनों के साथ जुलूस निकाले गए और सभाओं में फूल-मालाओं से नेताओं का जोरदार स्वागत किया गया.

Peasant struggle trips in Bihar arwal

 

नेताओं ने खेत-खेती से संबंधित तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों के संदर्भ में विस्तार से जनता के बीच अपनी बातों को रखा. एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने, एपीएमसी को पुनर्बहाल करने, 2020 बिजली बिल की वापसी, भूमिहीन व बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ देने की मांग उठाने के साथ ही देश में जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों व किसान आंदोलन समेत अन्य जनपक्षीय आसंदोलनों पर दमन बंद करने की मांग भी उठाई.

मगध जोन में सभाओं में शामिल किसानों ने इंद्रपुरी जलाशय (कदवन डैम) के निर्माण की मांग पर जोर देते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार सच्चे मायने में जल-जीवन-हरियाली बचाना चाहती है तो इंद्रपुरी जलाशय की जो प्रस्तावित योजना है, उसको अमली जामा पहनाये. उन्होंने मक्का खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर उसके सरकारी स्तर पर खरीद करने और गन्ना किसानों की बकाया राशि मिल मालिकों से दिलाने की मांग भी उठाई.

दूसरी यात्रा शाहाबाद क्षेत्र के भोजपुर, बक्सर, कैमूर व रोहतास जिलों के लिए निकली 11 मार्च 2021 को आरा शहर से निकल कर की संदेश पहुंची. उसके बाद सहार प्रखंड के मथुरापुर में रात्रि बैठक की गई. 12 मार्च को भोजपुर जिले के गड़हनी, मोपती बाजार, तरारी, हसनपुर बाजार, पीरो, चितौरा, बिहिया, शाहपुर होते हुए किसान संघर्ष यात्रा बक्सर जिले में प्रवेश कर गई जहां ब्रह्ममपुर मे सभा करने के बाद भदवर गांव में रात्रि बैठक की गई. 13 मार्च को बक्सर जिले के सोनबरसा, नवानगर, केशठ, डुमरांव, चौगाई, बक्सर, इटाढ़ी व धनसोई के रास्ते यह यात्रा कैमूर जिले में पहुंची जहां ठकुरी गांव में रात्रि बैठक की गई. 14 मार्च को कैमूर जिले के रामगढ़, मोहनिया, दुर्गावती, चैनपुर, भगवानपुर, हाटा, भभुआ, कुदरा व तेलारी में किसान यात्रा हुई. 15 मार्च को रोहतास जिले के चेनारी, आलमपुर, सासाराम, अकोढ़ी गोला, बांका, गोड़ारी, बिक्रमगंज में किसान संघर्ष याात्रा दल ने सभाओं को संबोधित किया. भोजपुर जिले के अगिआंव में यात्रा समाप्त हुई.

इस यात्रा का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक का. चंद्रदीप सिंह, भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य व युवा किसान नेता का. राजू यादव और विनोद कुशवाहा (भोजपुर), अलख नारायण चौधरी (बक्सर), विजय यादव (कैमूर), बबन सिंह (रोहतास) आदि किसान नेताओं ने की.

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तीसरी यात्रा जो वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी के लिए निकली, का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेष्वर प्रसाद यादव, किसासन नेत्री डाॅ. प्रेमा देवी यादव ने किया. इनके अलावा दीनबंधु प्रसाद, रामबाबू भगत, भिखारी सिंह, राम बहादुर सिंह, रामनाथ सिंह (वैशाली), शत्रुघ्न सहनी, रामनंदन पासवान, होरिल राय (मुजफ्फरपुर), रामकुमार, ब्रह्मदेव सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह (समस्तीपुर), जुमालुद्दीन अंसारी, जंगी यादव, नंदलाल ठाकुर (दरभंगा), श्याम पंडित, प्रेमकुमार झा, अनिल सिंह (मधुबनी) आदि नेता भी अपने जिलों में शामिल रहे. अन्जानपीर चौक, अक्षयवट राय नगर स्टेशन बाजार, मंझौली, राजापाकर, शनिचर हाट, वेलकुंडा चौक, महुआ, सौना चौक, लालगंज के तीन पुलवा चौक (वैशाली); शहीद जुब्बा सहनी स्मारक स्थल, बोचहां व गायघाट (मुजफ्फरपुर, जहां कई किसान पंचायत व सभाओं का आयोजन किया गया); पूसा स्थित खुदीराम बोस स्मारक परिसर, ताजपुर, समस्तीपुर के समाहरणालय स्थित अंबेदकर स्मारक, बाजार समिति चौक, कल्याणपुर (समस्तीपुर); डीलाही, हायाघाट, वसंतपुर, बहादुरपुर, कर्पूरी आश्रम, धोई घाट बाजार, मुरिया बाजार (दरभंगा) तथा बेनीपट्टी अंबेदकर चौक, रहिका, मधुबनी व लोहट (मधुबनी) में सभा हुई. इसके अतिरिक्त सौ से अधिक गांवों में प्रचार किया गया. सभाओं में 50 से लेकर 400 की संख्या में लोग शामिल रहे.

किसानों की ओर से बाढ़-सुखाड़ के स्थायी समाधान, बंद चीनी मिलों को चालू करने, गन्ने के बकाया का सूद सहित भुगतान करने, नीलगाय व घोड़परास से फसलों की रक्षा के लिए सरकारी खर्च से घेराबंदी कराने या फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग सुझाई गई. कुल 450 किलोमीटर की यात्रा में जगह-जगह फूल-मालाओं से स्वागत किया गया.

चौथी यात्रा सारण, सीवान, गोपालगंज, प. चंपारण व पूर्वी चंपारण जिले की यात्रा पर किसान नेता विजय सिंह के नेतृत्व में छपरा से शुरू हुई. इसमें विजेन्द्र मिश्र, सभापति राय व अनुज दास (छपरा), जयनाथ यादव, नैमुद्दीन अंसारी, विकास कुमार व अनीश  (सीवान), सुभाष पटेल, जीतेन्द्र पासवान व राजेश यादव (गोपालगंज) सुनील राव व वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता (प. चंपारण) तथा जीतलाल सहनी, रूपलाल शर्मा, सैफ अली व प्रभुदेव यादव (पूर्वी चंपारण) आदि नेता जगह-जगह इसमें शामिल हुए. यात्रा के दौरान मकेर व तरैया (छपरा); टेरीघाट, हुसैनगंज, रघुनाथपुर, आसांव, टंड़वा बाजार, गुठनी चौराहा, जतौर, मैरवां, पिपरा (सीवान); मजीरवा सब्जी मंडी, श्रीपुर सब्जी मंडी, खुशेपुर, भेंगारी चौक, काली मोड़, मुसेहरी बाजार, शनीचरी बाजार, बभनौली बाजार, पकहां, कटेयां (गोपालगंज); बैरिया प्रखंड के नाथ बाबा चौक, बेतिया समाहरणालय गेट, मझौलिया प्रखंड के सिरिसवा बाजार, सिकटा प्रखंड के शान्ति चौक, बैशाखवा बाजार, गौरीपुर बाजार और मैनाटांड़ बाजार (प. चंपारण) तथा नारायण चौक, मीना बाजार गांधी चौक, छतौनी चौक (पूर्वी चंपारण) से होकर गुजरी.

पांचवीं यात्रा जो बेगूसराय होते हुए खगड़िया, भागलपुर, पूर्णिया व कटिहार जिलों में गई उसका नेतृत्व भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य का नवकिशोर ने किया. का. राजेश श्रीवास्तव, दिवाकर कुमार चंद्रदेव वर्मा (बेगूसराय), अरूण दास, सुभाष सिंह, अरूण वर्मा (खगड़िया), विंदेश्वरी मंडल, धीर यादव, पृथ्वी मंडल, रेणु देवी (भागलपुर), इस्लामुद्दीन व अविनाश (पूर्णिया) मुख्य रूप से शामिल रहे.

यात्रा के दौरान बेगूसराय स्टेशन चौक, रतातुपुर चौक, लखमिनिया स्टेशन परिसर, कुरहा बाजार (बेगूसराय), जेपी चौक, कचहरी चौक, संसारपुर, सैदपुर, महेशखूंट बाजार, गोगरी (खगड़िया), बड्डी गांव, सुरहा, बिहपुर रेलवे स्टेशन अठगांवां, कदवा, तीनटंग्गा दियारा, रंगरा बाजार (भागलपुर) बेलथी महेशपुर (कटिहार) रूपौली, धमदाहा, डीएवी चौक पूर्णियां शहर तथा का. ब्रजेश मोहन ठाकुर प्रतिमा स्थल, धमदाहा (पूर्णिया) में सभा हुई.

आनेवाले दिनों में ही यह पता चलेगा कि इन किसान यात्राओं ने बिहार के ग्रामीण इलाकों में किसान-तजदूरों के बीच एक कैसी हलचल पैदा की है.

 

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मुजफ्फरपुर में किसान संघर्ष यात्रा

स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर उनके बिहटा स्थित आश्रम से शुरू भाकपा(माले) व किसान महासभा की किसान यात्रा 12 मार्च 2021 को मुजफ्फरपुर पहुंची. मिठनपुरा स्थित शहीद जुब्बा सहनी की प्रतिमा पर भाकपा(माले) व किसान नेताओं ने माल्यार्पण करने के साथ किसान आंदोलन और तेज करने का संकल्प लिया. माल्यार्पण करने वालों में यात्रा का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव, माले जिला सचिव कृष्णमोहन, मजदूर नेता शत्रुघ्न सहनी, किसान नेता होरिल राय, परशुराम पाठक, चंदेश्वर पाठक, महिला नेत्री डाॅ. प्रेमा, शिक्षक नेता हरेराम महतो, माले कार्यकर्ता विजय गुप्ता, अमोद पासवान, दशरथ दास, संतलाल पासवान, नौजवान सभा के मो. गुलजार सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.

इस दौरान मोदी सरकार से किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने का कानून बनाने, बिहार में सरकारी मंडी व्यवस्था बहाल करने, बटाईदारों को सभी तरह के सरकारी लाभ देने की गारंटी करने तथा बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने की मांग की गई.

अपने संबोधन में किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सभी तरह के हमलों व दुष्प्रचार से जूझते हुए किसान आंदोलन 100 दिन पार कर चुका है और चौतरफा तेजी से विस्तार पा रहा है. भाजपा को सत्ता से बाहर करने के संकल्प के साथ यह आंदोलन अब आजादी की दूसरी लड़ाई में बदल गया है. बिहार में नीतीश सरकार भी किसान आंदोलन के खिलाफ खड़ी है. लेकिन, बिहार के किसान बिहार में भी मंडी व्यवस्था चालू करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की मांग कर रहे हैं. सरकार बटाईदारों को भी सभी तरह के लाभ देने की गारंटी करे.

भाकपा(माले) जिला सचिव कृष्णमोहन ने कहा कि किसान यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में किसान पंचायत सभा का आयोजन होगा. किसानों से जोरदार अपील की जायेगी कि 18 मार्च को संपूर्ण क्रांति दिवस पर काले कृषि कानूनों की वापसी तथा किसान अधिकारों की गारंटी के लिए विधान सभा के समक्ष आयोजित किसान-मजदूर महापंचायत में हजारों की संख्या में भाग लें.

 

नालंदा जिले में किसान संघर्ष यात्रा

किसान संघर्ष यात्रा 14 मार्च 2021 को नालंदा जिले की हिलसा पहुंची जहां अखिल भारतीय किसान महासभा के हिलसा-कराय प्रखंड का द्वितीय सम्मेलन चल रहा था. सम्मेलन को संबोंधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव का. रामाधार सिंह ने काले कृषि कानूनों के जरिए मोदी सरकार द्वारा देश पर थोपे जा रहे कंपनी राज के खिलाफ 18 मार्च को पटना में आयोजित हो रही किसान-मजदूर महापंचायत बड़ी संख्या में लोगों से पटना चलने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आजादी और लोकतंत्र बचाने की है, आज मोदी सरकार निर्लज्जता से किसानों, मजदूरों, नौजवानों और आम जनता के हितों की तिलांजलि देकर कारपोरेट के पक्ष में खड़ी हो गई है. सम्मेलन को किसान महासभा के राज्य नेता राजेंद्र पटेल व कृपानारायण सिंह, भाकपा(माले) के जिला सचिव सुरेंद्र राम, हिलसा के प्रभारी अरुण यादव, खेग्रामस के नेता शिव शंकर प्रसाद, राजद के जिला उपाध्यक्ष सुखदेव यादव, इंनौस के जिला उपाध्यक्ष प्रोपफेसर शैलेश यादव ने भी संबोधित किया.

 

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गन्ना किसानों के बीच पहुंची यात्रा

14 मार्च 2021 को  किसान संघर्ष यात्रा को बेतिया जिला समाहरणालय गेट पर संबोधित करते हुए खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष और सिकटा के विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमारे देश के अन्नदाता अपने अनाज और खेती को कार्पाेरेटों के हाथों गुलाम होने से बचाने को लेकर पिछले 107 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर पर डटे हुए हैं. इस आंदोलन में लगभग 300 किसानों ने अपनी शहादतें दी हैं. यह किसान आंदोलन देश के किसानों-मजदूरों का समर्थन हासिल करते हुए पूरे देश में विस्तार पा चुका है. भाजपा को सत्ता से बाहर करने के संकल्प के साथ यह आजादी की दूसरी लड़ाई बन गया है. कंपनियों की दलाल मोदी सरकार द्वारा आंदोलन को कमजोर करने का कुचक्र सफल नहीं हो पा रहा है.

उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार ने बिहार में 2006 में ही एपीएमसी कानून को खत्म कर दिया. डी. बंद्योपाध्याय आयोग के सिफारिशों को रद्दी की सिफारिशों को रद्दी की टोकरी में फेंक कर इस सरकार ने छोटे-मंझोले व बटाईदार किसानों व भूमिहीनों को धोखा दिया है. मोदी सरकार के बहुप्रचारित किसान सम्मान योजना का लाभ भी इन किसानों को नहीं मिल रहा है.

किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि ये तीनों कृषि कानून हमारी खेती को बर्बाद कर देंगे और देश में गहरा खाद्य संकट पैदा करेंगे. जनवितरण, पोषाहार, आंगनवाड़ी जैसी योजनाएं ध्वस्त हो जाएंगी. आवश्यक वस्तुओं की अकूत भंडारण की अनुमति काला बाजारी और व्यापक महंगाई का विस्तार करेगी. इसकी सबसे अधिक मार गरीबों और आम लोंगो को झेलनी पड़ेगी और उनका जीवन और संकटग्रस्त हो जाएगा.

किसान महासभा के जिला नेता इन्द्रदेव कुशवाहा, किसान संघर्ष यात्रा में शामिल किसान नेता विजय सिंह, भाकपा(माले) के मैनाटांड़ प्रखंड सचिव अच्छेलाल राम, सिकटा प्रखंड सचिव रामप्रताप पासवान, सीताराम राम, सुभाषचन्द्र कुशवाहा, बन्धु राम, इंसाफ मंच के जिला अध्यक्ष अख्तर इमाम, शौकत अली, विनोद कुशवाहा आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया.