वर्ष - 30
अंक - 13
27-03-2021

 

23 मार्च 2021 को, शहीदे आजम भगत सिंह व उनके साथियों राजगुरू व सुखदेव के शहादत दिवस के मौके पर आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में भाकपा(माले) सपइरेशन, ऐक्टू, अखिल भारतीय किसान महासभा, अ. भा. खेग्रामस, ऐपवा, आइसा व इनौस ने एक जनपंचायत आयोजित कर तीन कृषि कानूनों और विशाखा स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले को अविलंब बिना शर्त वापस लेन की मांग की.

जनपंचायत को संबोधित करते हुए आइसा नेता और दिल्ली बाॅर्डर किसान आंदोलन के अखबार ‘ट्राॅली टाइम्स’ की संपादक नवकिरण नत्त ने कहा कि केन्द्र सरकार को तीन कृषि कानूनों और विशाखा स्टील प्लांट के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस ले लेना चाहिए. ये दोनों ही निर्णय उसकी जन विरोधी नीतियों को सामने लाते हैं.

का. नवकिरण नत्त ने कहा, “हम सभी किसानों की तरफ से केन्द्र सरकार से यह मांग करते हैं कि वह तीन कृषि कानूनों को बिना शर्त वापस ले क्योंकि उसने इन कानूनों को खेती को किसानों के हाथ से छीन कर कारपोरेट कंपनियों के हाथों गिरवी रखने के लिए ये कानून लाये हैं. अगर सरकाइ किसानों का कुछ भी भला चाहती है तो उसे मंडी व्यवस्था को सुधारना और उनकी फसलों का उचित न्यूनतम मूल्य देना चाहिए. यह कहना कि आंध्र प्रदेश के किसान पंजाब में जाकर जाकर अपनी उपज बेच सकते हैं महज किसानों की आंखों में धूल झोकंना और उन्हें बरगलाना है.

उन्होंने कहा कि विशाखा स्टील कारखाने का निजीकरण बिल्कुल ही नहीं होना चाहिए क्योंकि यह अयस्क् आधारित गिने-चुने समेकित कारखानों में है लाखों परिवार किसी न किसी रूप में इस पर निर्भर हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की अवधारणा जन सेवा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के रूप में हुई है. भारत को अभी भी सार्वजनिक क्षेत्र की भाी जरूरत है क्योंकि यह इसके अर्थतंत्र का आधार है. जबकि निजी क्षेत्र मुनाफा के बारे में ही सोचता है. यह देश की आर्थिक जरूरतों से मेल नहीं खाता क्योंकि इसमें देश की सारी संपत्ति चंद मुट्ठी भर लोगों के हाथों में संकेन्द्रित हो जाती है.

जन पंचायत को संबोधित करते हुए ऐक्टू राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य का. बिजेंद्र तिवारी ने कहा कि सेल समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील प्लांटों के मजदूर विशाखा मजदूरों और उनके आंदोलन के साथ खड़े हैं.

जन पंचायत में भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य का. एन मूर्ति, आंध्र प्रदेश राज्य सचिव बंगार राव, ऐपवा नेता का. नागमणि समेत ऐक्टू, खेग्रामस, किसान महासभा, आइसा, इनौस व ऐपवा नेताओं ने शिरकत की.

against privatization Visakhapattanam Steel Plant