पश्चिम बंग संग्रामी रंधन कर्मी (एमडीएम) यूनियन (संबद्ध, ऐक्टू) का दूसरा राज्य सम्मेलन हावड़ा में 29 दिसंबर को संपन्न हुआ. झंडोत्तोलन कामरेड मीना पाल ने किया. शहीद वेदी पर माल्यार्पण एवं शोक श्रद्धांजलि के बाद सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक सरोज चौबे ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हो रहा है, जब हमारे देश की सरकार ने अपनी ही जनता के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है. रसोइयों की मांगें पूरा करना तो दूर, यह सरकार मजदूर संबंधी कानूनों को खत्म करके मजदूर-विरोधी चार कोड ले आ रही है. और कल्याणकारी योजनाओं के बजट में लगातार कटौती कर रही है. सरकार मध्याह्न भोजन योजना को एनजीओ के हवाले कर रही है, विद्यालयों का मर्जर कर रही है और रसोइयों की छंटनी कर रही है. सरकार वहीं पीछे हटती है जहां रसोइया एकजुट होकर आंदोलन करती हैं.
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में आर्थिक मंदी छाई हुई है. महंगाई एवं बेरोजगारी में रिकाॅर्ड वृद्धि हो रही है। उद्योग धंधों का निजीकरण किया जा रहा है. बैंकों में जमा आम जनता के पैसे को पूंजीपतियों को सौंपा जा रहा है. सरकार की नीतियों की वजह से ही आम जनता की क्रय शक्ति में लगातार गिरावट आ रही है जो आर्थिक मंदी का मूल कारण है. इन बातों से ध्यान हटाने के लिए सरकार एनपीआर, सीएए एवं एनआरसी जैसे काले कानूनों के जरिये पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद फैला रही है. इन कानूनों के लागू होने से लाखों जनता संदिग्ध नागरिक के रूप में तब्दील हो जाएंग. इसीलिए हमें अपने आर्थिक अधिकार के साथ इन काले कानूनों का भी विरोध करना होगा क्योंकि जब हम नागरिक ही नहीं रहेंगे तब रोजगार पाने की बात बेमानी हो जाएगी. उन्होंने रसोइयों से केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत 8 जनवरी की आम हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी लेने की अपील की.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक्टू के नेता बासुदेव बोस ने कहा कि 2-3-4 मार्च 2020 को ऐक्टू का राष्ट्रीय सम्मेलन पश्चिम बंगाल में आयोजित है जिसकी सफलता के लिए भी रसोइयों को काम करना होगा. आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन की भी तैयारी करनी होगी. ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव इंद्रानी दत्ता ने रसोइयों से 8-9 फरवरी 2020 को उदयपुर में आयोजित हो रहे ऐपवा के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी में भी मदद करने की अपील की.
विदाई समिति की ओर से जयश्री दास ने सम्मेलन के मसविदा रिपोर्ट एवं वरिष्ठ ऐक्टू नेत्री मीना पाल ने संविधान का पाठ किया. मसविदा रिपोर्ट पर दर्जन भर प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी. अंत में सर्वसम्मति से उसे पारित किया गया. इसके बाद 47-सदस्यीय राज्य परिषद एवं 15-सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष मीना पाल एवं महासचिव जयश्री दास को चुना गया. अंतरराष्ट्रीय गान के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.