प्रयागराज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400% फीस वृद्धि के खिलाफा चल रहे आंदोलन के 27वें दिन विगत 2 अक्टूबर 2022 को, जिला प्रशासन की ओर से कमिश्नर, आईजी, जिलाधिकारी और एसएसपी ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की. आइसा समेत तमाम छात्र संगठनों ने फीस वृद्धि पूरी तरीके से वापस लिए जाने की मांग की. आइसा की तरफा से मनीष कुमार, शशांक और नीरज प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे.
मनीष कुमार ने प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद होती है शिक्षा और शिक्षा व्यवस्था छात्रों के पैसों से नहीं बल्कि सरकार की जिम्मेदारी से चलेगी, मनमाना फीस वृद्धि किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं होगा. जिला प्रशासन ने 4 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ फीस वृद्धि के मसले पर बातचीत कराने का आश्वासन देते हुए वार्ता को खत्म किया. सभी छात्र संगठनों और प्रतिनिधियों की स्पष्ट मांग थी कि फीस वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाए, छात्र संघ को बहाल किया जाए, निर्दाष छात्रों पर थोपे गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और विश्वविद्यालय में लड़कियों को कैद कर रखना बंद किया जाए. अनशन पर बैठे आइसा नेता शिवशंकर की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा. जबकि आइसा के विवेक सुलतानवी अभी भी अनशन पर बैठे हुए हैं. दा़ा संगठनों ने ऐलान किया कि फीस वृद्धि वापस न लिए जाने तक लड़ाई जारी रहेगी.
– मनीष कुमार