1. आज हम एक ऐसे वैश्विक पर्यावरण और जलवायु संकट के दौर में रह रहे हैं, जिसकी प्रत्यक्ष अनुभूतियाँ लगातार बढ़ते ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन, ग्लोबल वार्मिंग और अन्य तमाम रूपों में हो रही हैं. 28 जुलाई, 2022 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “स्वच्छ, स्वस्थ, और पोषणीय वातावरण” हासिल करने का सार्वजनीन अधिकार इस संदेश के साथ स्वीकार किया था कि कोई भी हमसे प्रकृति, स्वच्छ हवा और पानी, दूसरे शब्दों में, सुसंगत जलवायु नहीं छीन सकता, कम से कम बिना संघर्ष के तो बिल्कुल भी नहीं.