वर्ष - 32
अंक - 34
20-12-2023

नशा विरोधी आंदोलन के कार्यकर्ता परमिंदर सिंह झोटे की बिना शर्त रिहाई और नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर पंजाब के मानसा जिला मुख्यालय पर 14 अगस्त को पंजाब भर से दर्जनों संगठनों के बैनर तले हजारों किसान, मजदूर, युवा, महिला, व्यापारी जूटे. 

भाकपा(माले) लिबरेशन की पहल पर बनी ‘नशा विरोधी संयुक्त कार्रवाई समिति’ के आह्वान पर हजारों लोगों ने इस नशा विरोधी रैली में भाग लिया. सभा को संबोधित करते हुए पंजाब किसान यूनियन के नेता रुल्दू सिंह मानसा, चर्चित किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्ज गिल, बोघ सिंह, मजदूर मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष गोबिंद सिंह छाजली और काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि आज की सभा किसानों का दिल्ली मोर्चा जैसी है. पंजाब में ‘नशा नहीं रोजगार दो’ नारे के तहत इस ऐतिहासिक नशा विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाकपा(माले) लिबरेशन के नेता राजविंदर राणा ने ऊंचे स्वर में कहा कि यह सभा जागृत लोगों की है और अब लोगों का सैलाब पंजाब से सफेद और मेडिकल नशे को जड़ से उखाड़ कर ही रुकेगा. इन सभी नेताओं ने आरोप लगाया कि पंजाब की जवानी, खेती, विरासत, भाषा और संस्कृति को खराब करने के लिए सरकार की मदद से सब कुछ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराब और चिट्टे जैसे नशे की कमाई पर चलने वाली सरकारें कभी भी पंजाब को नशा मुक्त नहीं कर सकतीं.

वक्ताओं ने लोगों को बताया कि काॅरपोरेट घराने सरकार के सहयोग से युवा वर्ग को बर्बाद करने के लिए पांच “एम” लेकर आये हैं, एक होकर अपने बेटे-बेटियों को इस पांच “एम” से बचाएं – मुर्की, मोबाइल, मोटरसाइकिल, मौज, मस्ती (ड्रग्स लेकर). सभा में रुपिंदर सिंह, धन्ना मल्ल गोयल, सतनाम सिंह मनावा, लखिन सिंह साधना, लखवीर सिंह अकलिया और मुस्लिम फ्रंट के एचआर मोफर ने कहा कि जब तक गांव स्तर पर सरपंच, अन्य अच्छे लोग और घरम चौधरी जब तक आगे नहीं आएंगे उस समय तक नशे के कारोबार से गांवों को कोई नहीं बचा सकता.

नेताओं द्वारा लोगों को याद दिलाया गया कि पहले पंजाब में नशा करने वाले डरते थे, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि अच्छे लोग खेत जोतने व काम पर जाने से डरते हैं. भगवंत मान सरकार पर हमला बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि विधायकों और मंत्रियों के कार्यालयों में भगत सिंह और डाॅ. अंबेडकर की तस्वीरें लगाने से कुछ नहीं होगा; सरकार, पुलिस और नौकरशाही की सोच बदलनी होगी. उन्होंने कहा कि पगड़ी का रंग पीला करने से ही क्रांति नहीं आ जाती है.

सभा में निर्मल सिंह झंडूके, निर्मल सिंह फत्ता, कुलविंदर सिंह उदट, सीरा जोगा, कुलदीप सिंह चक भाईके, रघवीर सिंह बनीपाल, सूबेदार दर्शन सिंह और परमिंदर सिंह बालयांवाली ने कहा कि पिछली सरकारें खराब थीं लेकिन इस सरकार ने डेढ़ साल में ही ऐसा कर दिया है. सुखदर्शन सिंह नत्त, दर्शन सिंह जटाना, गुरसेवक सिंह मान और कुलविंदर काली ने कहा कि जिस तरह किसान फसलों को बचाने के लिए चूहों को गड्ढों में दबाते हैं, उसी तरह नशा तस्करों को भी दफन करना होगा. प्रोफेसर अजायब सिंह, हरदेव अरसी, झोटे की मां अमरजीत कौर, जसबीर कौर नत्त और गुरसेवक सिंह जवाहरके ने कहा कि पहले किसान, मजदूर और आम लोग केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ते थे, लेकिन अब उन्हें अपने बच्चों और अपनी जान बचाने के लिए लड़ना पड़ रहा है. कितने आश्चर्य की बात है कि नशा मुक्ति की बात करने वाले जेलों में बंद हैं और नशे के तस्कर बाहर घूम रहे हैं.  उन्होंने कहा कि आज की सभा नशे के तंत्र को खत्म करने के लिए है. अंत में नशा विरोधी संयुक्त कार्रवाई समिति के संयोजक भाकपा(माले) नेता राजविंदर सिंह राणा ने सभा में आए लोगों का धन्यवाद किया और नशा विरोधी अभियान चलाने वाले नशा विरोधी टास्क फोर्स के युवाओं का परिचय कराया.

कामरेड राजविंदर राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान गांवों के लोगों से कहते थे कि आप बुरे लोगों और नेताओं को गांवों में घुसने मत दो और उन्हें पीटो. हम नहीं कहते कि उन्हें मारो. लेकिन हमने आज की रैली में इकट्ठा हुए लोगों से कहा कि जब तक पंजाब को जानलेवा नशे से मुक्ति नहीं मिल जाती, तब तक सरकार के हर मंत्री और विधायक के गांवों में घुसने का पुरजोर विरोध करें और सीधे सवाल पूछें. इस मौके पर लोगों ने हाथ उठाकर इस घोषणा का समर्थन किया. एक्शन कमेटी ने ऐलान किया कि यह संघर्ष और मानसा में स्थायी धरना जारी रहेगा. यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 16 अगस्त को कमेटी की बैठक में और तीव्र संघर्ष का निर्णय लिया जा सकता है. नशा विरोधी संयुक्त एक्शन कमेटी ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर मुख्यमंत्री की पूर्ण चुप्पी की भी कड़ी आलोचना की है.

प्रशासन की ओर से एसएसपी, मानसा नानक सिंह रैली के मंच पर आए और कहा कि हम परमिंदर सिंह के खिलाफ आवेदन की जांच कर रहे हैं और तीन से चार दिनों के भीतर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा. परमिंदर सिंह झोटे के पिता ने मंच से घोषणा की कि जब तक परमिंदर सिंह झोटे के सहयोगियों के खिलाफ सभी मामले रद्द नहीं हो जाते, तब तक हमें परमिंदर सिंह को जेल से बाहर निकालने की कोई जल्दी नहीं है. सभा को कृष्ण चौहान, महेंद्र सिंह भैणीबाघा, अमन पटवारी, गगन शर्मा, हरदीप जटाणा, मान बठिंडेवाला, सतनाम सिंह मनावां, नौनिहाल सिंह, शहीद हरभगवान सिंह एक्शन कमेटी के कन्वीनर सादिक समेत दर्जनों नेताओं ने संबोधित किया.

– पुरुषोत्तम शर्मा

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