वर्ष - 32
अंक - 24
10-06-2023

दिल्ली में महिला पहलवानों पर मोदी सरकार की सरपरस्ती में पुलिसिया दमन के विरोध में तथा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) व  इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाइए) ने विगत 3 जून 2023 को लखनऊ में परिवर्तन चौक से जीपीओ तक प्रतिरोध मार्च निकाला.

मार्च का नेतृत्व ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और सचिव कुसुम वर्मा, आइसा के प्रदेश अध्यक्ष आयुष श्रीवास्तव, और सचिव शिवम चौधरी तथा आरवाइए के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और सचिव सुनील मौर्य ने किया.

प्रतिरोध मार्च के दौरान महिला पहलवानों को न्याय दो, यौन हिंसा के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करो, बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई क्यों नहीं, मोदी सरकार जवाब दो? सभी कार्यस्थलों पर संवेदनशील महिला सेल का गठन करो, महिलाओं पर दमन करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करो, महिला विरोधी भाजपा सरकार मुर्दाबाद, महिलाओं पर हिंसा नहीं सहेंगे, इंकलाब जिंदाबाद, छात्र-युवा-महिला एकता जिंदाबाद आदि नारे लगा रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में हुए पहलवानों पर दिल्ली पुलिस के द्वारा दमन व मारपीट को लेकर पुरजोर आक्रोश व्यक्त किया.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि महिला पहलवानों के साथ विगत 28 मई को जो कुछ हुआ, वह 75 वर्ष के लोकतांत्रिक भारत के इतिहास का सबसे क्रूर व अमानवीय कृत्य है. जिस तरह महिला पहलवानों को घसीटा गया, पीटा गया  अपमानित किया गया, उनके कैंप को हटा दिया गया और उन्हें अलग-अलग थानों में बंद कर मानसिक रूप से उत्पीड़ित किया गया है. यह सेंगोली लोकतंत्र का पहला लक्षण है. हमें सेंगोल नहीं संविधान चाहिए. मोदी के अमृत काल में देश लगातार आफत झेल रहा है. उन्होंने जंतर-मंतर पर अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए बर्बरतापूर्ण व्यवहार की घोर निंदा और भर्त्सना की.

इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नई संसद का उद्घाटन कर रहे हैं जिसमें बलात्कार के आरोपी उस बृजभूषण शरण सिंह को भी बैठाया जायेगा जिनके खिलाफ महिला पहलवान एक महीने से अधिक दिनों से न्याय पाने के लिए धरने पर बैठी हैं. देश के लिए इससे शर्मनाक और कुछ भी नही हो सकता कि दिल्ली पुलिस उनको सड़कों पर घसीट रही है. जब देश का सम्मान बढ़ाने वाले और देश के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सड़क पर घसीटा जा रहा हो और प्रधानमंत्री इतने संगीन अपराधी के साथ संसद का उद्घाटन कर रहे हों तो देश में लोकतंत्र कहां बचता है?

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के प्रदेश अध्यक्ष आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओलंपिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतकर लाने वाली महिला पहलवान सत्तारूढ़ दल के सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत लेकर जंतर-मंतर पर अपने मान सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. अगर हम यह मानते हैं कि यौन शोषण बहुत गंभीर अपराध है तो ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद गिरफ्तारी नहीं होना कितनी शर्मनाक है. एक तरफ बृजभूषण सिंह को बचाया जा रहा है, तो दूसरी आोर न्याय मांगने वाली बेटियों पर लगातार जुल्म किया जा रहा है और तमाम तरह की फब्तियां कस कर उन्हें ही बदनाम करने के कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं.

अन्य वक्ताओं ने कहा कि यौन शोषण अपने आप में बहुत गंभीर अपराध है. ऐसे हाईप्रोफाइल मामले में गिरफ्तारी नहीं होना दिखाता है कि शासन में दबाव और रसूख की राजनीति का किस कदर दबदबा है. ये मामला शासन व भाजपा के महिला विरोधी चरित्र को भी उजागर करता है.

वक्ताओं ने जंतर-मंतर पर घटित हुए पूरे घटनाक्रम का पुरजोर विरोध करते हुए इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कराने की मांग के साथ, हम महिला पहलवानों की सभी मांगों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की संसद से सदस्यता तुरंत समाप्त किए जाने, पाॅक्सो एक्ट के तहत बृजभूषण पर तुरंत कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार करनेे, महिला पहलवानों पर बर्बरतापूर्ण व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने, एफआईआर करने वाली नाबालिग की पहचान उजागर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने, महिला पहलवानों समेत सभी प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमा समाप्त करने की मांग की.

प्रदर्शन के दौरान उपस्थित रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तार किये गये लोगों में ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा, आइसा प्रदेश अध्यक्ष आयुष, इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, विद्या रजवार, सरोजनी बिष्ट, मीना सिंह, कमला गौतम, अनीता, तपेश्वरी, माधुरी, सरोजिनी, रेखा, लीलावती, मोनिता निखिल, भानु, सुकीर्ति, अमन, समर, अर्पित, ज्योति अंकित, राजीव गुप्ता, मनोज कुशवाहा, ठाकुर प्रसाद, राम लौट, समीर, राम सेवक, नीरज, अर्जुन लाल व अन्य लोग प्रमुख रूप से शामिल रहे.