वर्ष - 31
अंक - 40
01-10-2022

23 सितंबर 2022 की सांय 8 बजे बिक्रमगंज में अखिल भारतीय किसान महासभा का चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ जो दूसरे दिन किसान एकता के गगनभेदी नारों के बीच समाप्त हो गया.

अखिल भारतीय किसान महासभा के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन ने कामरेड रुलदू सिंह मानसा को राष्ट्रीय अध्यक्ष और कामरेड राजा राम सिंह को राष्ट्रीय महासचिव फिर से चुन लिया है.

अखिल भारतीय किसान महासभा का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 24 सितम्बर को किसान एकता के गगनभेदी नारों के बीच समाप्त हो गया. सम्मेलन स्थल पर बने हाल का नामकरण पंजाब का ऐतिहासिक मुजारा किसान आंदोलन और हाल के ऐतिहासिक किसान आंदोलन जैसे दो ऐतिहासिक किसान आंदोलनों में हिस्सा लेने वाले अभी हाल में दिवंगत हुए किसान महासभा के वरिष्ठ नेता किरपाल सिंह वीर के नाम पर रखा गया है. मंच का नामकरण शहीद भैयाराम यादव के नाम पर किया गया. पूरे बिक्रमगंज शहर को लाल झंडों से सजाया गया था और शहर में किसानों गरीबों के संघर्षों में हुए शहीदों और प्रमुख दिवंगत नेताओं के नाम पर कई स्मृति द्वार बनाए गए थे.

किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजा राम सिंह ने सम्मेलन में राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट पेश की. देश भर से आए 550 डेलीगेटों ने सम्मेलन में भागीदारी की. सम्मेलन में दक्षिण के तमिलनाडु, केरला, आंध्रा, उड़ीसा से लेकर हिमांचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,  महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा तक के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. दो दिन के इस सम्मेलन में लगभग 42 प्रतिनिधियों ने पेश राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट पर अपने विचार और सुझाव रखे. इस सम्मेलन में किसान महासभा के घटक संगठनों पंजाब किसान यूनियन, सत्यशोधक शेतकरी सभा, श्रमिक शेतकरी संगठना, जल्ला किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे.

सम्मेलन का संचालन सात सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया. जिसमें कामरेड रुलदू सिंह मानसा, प्रेम सिंह गहलावत, के डी यादव, फूलचंद ढेवा, शिव सागर शर्मा, मंजू वर्मा, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, कृपा वर्मा शामिल थे. जबकि संचालन समिति में राजा राम सिंह, शिव सागर शर्मा, गुरुनाम सिंह भिखी, दी हरिनाथ शामिल थे. सम्मेलन के राजनीतिक प्रस्ताव तरारी के विधायक कामरेड सुदामा प्रसाद ने रखे. सम्मेलन के आयोजक काराकाट के विधायक कामरेड अरुण सिंह ने सभी प्रतिनिधियों और अतिथियों का स्वागत किया. महासचिव राजा राम सिंह ने कृषि संकट के इस दौर में गरीब किसानों, बटाईदारों, मध्यम किसानों की गोलबंदी पर जोर देते हुए किसान आंदोलन को नई पहचान के साथ राष्ट्रीय स्वरूप देने का आह्वान किया. उन्होंने प्रतिनिधियों के सुझावों को दस्तावेज में जगह देने का भरोषा दिया.

अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में 550 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन में तीन दर्जन महिला प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पहली बार तीन महिला नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है.

सम्मेलन में भाकपा माले विधायक दल से कामरेड अरुण सिंह, कामरेड सुदामा प्रसाद, कामरेड मनोज मंजिल, कामरेड अजित कुशवाहा, कामरेड राम बली यादव, कामरेड महानंद, पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह आदि ने हिस्सा लिया. 23 सितंबर 2022 को अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा आयोजित एमएसपी पर महापंचायत बहुत सफल रही.

किसान महापंचायत ने किसानों की फसलों के लाभकारी मूल्य हेतु एमएसपी कानून बनाने तथा सस्ते दर पर कृषि उपकरण, बीज, खाद, डीजल मुहैया कराने, किसानों के फसलों की व्यापक खरीद करने व खाद्य पदार्थों से अखाद्य वस्तुओं के निर्माण पर रोक लगाने, स्वास्थ्य व शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने, फूट डालने व नफरत-हिंसा फैलाने अग्निपथ योजना पर रोक लगाते हुए सेना की स्थायी बहाली को पूर्ववत जारी रखने, दलितों पर अत्याचार और महिलाओं पर हिंसा पर रोक लगाने संबंधी प्रस्ताव लिये.

महापंचायत ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों पर गोली चलानेवाले मास्टर माइंड गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी पर फौरन मुकदमा दर्ज करने और आंदोलनरत किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग की.

महापंचायत ने देश के किसानों पर तमाम कर्ज मंसूख करने की मांग किया तथा उपरोक्त तमाम मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया.

महापंचायत ने सोन नदी और उसके निवासियों को कोइलवर (भोजपुर) और बिहटा (पटना) में  जहां एक ब्लैक लिस्टेड रामकी कंपनी का एक युद्ध रसायन उत्सर्जित करने वाला जहरीला संयंत्र बनाया जा रहा है और जिसका प्रमुख शेयरधारक एक अमेरिकी कंपनी है, की ओर बिहार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए, यहां के लोगों के जीवन पर आसन्न संकट के मद्देनजर कदम उठाने की मांग की.

सम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा के घोषित कार्यक्रमों – 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के किसान शहीद दिवस को किसानों के न्याय के लिए तथा 26 नवंबर ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दो साल पूरा होने पर किसानों के साथ सरकारी वादाखिलाफी के विरुद्ध – राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर लागू करने का ऐलान किया.

– अरुण सिंह

AIKM confrence was successful

एमएसपी खाद्य सुरक्षा यात्रा


अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले सोन नदी के तटवर्ती जिलों में 1 सितंबर से 9 दिवसीय एमएसपी खाद्य सुरक्षा यात्रा निकली. पटना स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा पर किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, वरिष्ठ किसान नेता कृष्णदेव यादव, महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवसागर शर्मा राज्य कार्यकारिणी सदस्य व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद आदि नेताओं द्वारा माल्यार्पण करने के बाद यह यात्रा आगे बढ़ती गई.
यात्रा के दौरान पटना, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, कैमूर और बक्सर तक करीब अठारह सौ किलोमीटर की दूरी तय की गई. 9 सितंबर तक चली यात्रा में करीब 105 जगहों पर सभाएं की गई जिनमें कुल मिलाकर 20 हजार से ज्यादा लोग जगह-जगह शामिल हुए.