4 मार्च 2021 को उदयपुर (राजस्थान) में जिला कलेक्टर कार्यालय पर ऐपवा-ऐक्टू के द्वारा पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इसका नेतृत्व ऐपवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुधा चौधरी, ऐपवा नेत्री रजिया बानो, ऐक्टू नेता शंकरलाल चौधरी व सौरभ नरुका व माले जिला सचिव का. चंद्रदेव ओला ने किया.
प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा कि केंद्र मे बैठी भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते आज बेरोजगारी रेकार्ड स्तर पर पहुंच गई है. सभा काम-धंधे बर्बाद हैं और अर्थव्यवस्था चौपट है. खेती किसानी को पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए लाए गए तीनों कृषि विधेयकों के खिलाफ देश के किसान तीन महीने से संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे समय मे मोदी सरकार के द्वारा एक्साइज डयूटी तेज गति से बढ़ाने से पेट्रोल-डीजल का दाम, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम कम होने के बावजूद भी, आसमान छू रहा है. 16 फरवरी 2021 को जब दिल्ली में पेट्रोल रु 89.29/लीटर का बिका तो उसमें केंद्र सरकार की एक्साइज डयूटी रु. 32.90/लीटर वसूली गयी. इसी तरह यह आंकड़ा डीजल के लिए रु 79.70 के भाव मे रु 31.80/लीटर केंद्र की एक्साइज डयूूटी का है. अंतरराष्ट्रीय बाजार मे मई, 2014 में जब कच्चे तेल का भाव $106.85/बैरल था तब देश में पेट्रोल का भाव रु. 73/लीटर और डीजल का भाव रु. 56/लीटर था. वही आज जब कच्चे तेल का भाव $ 63/बैरल के आसपास है तो लगभग पेट्रोल प्रति लीटर 100/-और डीजल 90/-के भाव पर बहुत से राज्यों मे बिक रहा है.
इस लूट के साथ-साथ कोरोना आपदा के दौर मे केंद्र सरकार द्वारा गैस-सब्सिडी खत्म कर दी गयी है और साथ ही पिछले दो महीने में इसका दाम रु. 200/प्रति सिलिंडर से ज्यादा बढ़ा देने से आम उपभोक्ताओं की कमर ही टूट गई है. विरोध सभा के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया.