22 दिसंबर 2020 को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों और प्रस्तावित बिजली बिल 2020 को वापस लेने की मांग पर देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में देशव्यापी प्रतिवाद दिवस आयोजित किया.
बिहार के फुलवारी शरीफ, पटना सिटी, भोजपुर, गया, हाजीपुर, दरभंगा; उत्तर प्रदेश के बनारस, लखनऊ, पीलीभीत व लखीमपुर; राजस्थान के अजमेर और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में प्रतिवाद सभायें आयोजित हुईं.
बनारस में कुसुम वर्मा, लखनऊ में मीना सिंह, देवरिया में गीता पाण्डेय, लखीमपुर में आरती राय, पीलीभीत में कृष्णा अधिकारी, राजस्थान में भंवरी देवी, पश्चिम बंगाल में इंद्रानी दत्त, आंध्र प्रदेश में नागमणि व अरुणा, कर्नाटक में ऐपवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ई रति राव ने नेतृत्व किया. कई जगह मांग पत्र भी सौंपा गया.
फुलवारी शरीफ में ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, नसरीन बानो व अफ्सां जबीं, पटना सिटी में राखी मेहता, भोजपुर में इंदू सिंह, गया में रीता वर्णवाल, दरभंगा में शनीचरी देवी, हाजीपुर में साधना सुमन और शीला देवी के नेतृत्व में प्रतिवाद कार्यक्रम हुए.
ऐपवा की वैशाली जिला कमिटी के बैनर तले प्रतिवाद मार्च निकालकर जिला समाहर्ता को प्रधानमंत्री को संबोधित मांग पत्रा सौंपा गया. प्रतिनिधिमंडल में जिला सचिव शीला देवी, सह सचिव कुमारी बब्बन सिंह, उपाध्यक्ष सुमन देवी तथा आशा देवी व काजल कुमारी शामिल थीं.
नेताओं ने मोदी सरकार की हठधर्मिता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार के तमाम मंत्री, सांसद और विधायक तथा भाजपा के सभी नेता किसानों और जनता को गुमराह करने के लिए जो चौपाल लगा रहे हैं, उससे एक शर्मनाक इतिहास बन रहा है. इस आंदोलन में बराबर की भागीदार आधी अबादी सरकार को पीछे हटने को मजबूर करेगी.
पटना सिटी में भी ऐपवा द्वारा उपरोक्त मांगों पर श्री गुरु गोविंद सिंह पथ से एक जुलूस निकाला गया जो त्रिमूर्ति चौक पर जाकर सभा में समाप्त हुआ. कार्यक्रम का नेतृत्व ऐपवा की सचिव राखी मेहता, गुड़िया देवी, मीना देवी व रूबी खातून ने किया.