वर्ष - 29
अंक - 15
28-03-2020

लाॅकडाउन से प्रभावित दिल्ली छोड़कर बिहार आ रहे प्रवासी मजदूरों और अन्य गरीबों के लिए भाकपा(माले) ने राहत अभियान चला रही है. गरीबों को राशन देने की घोषणा अभी तक जमीन पर लागू नहीं हो रही है. सरकार ने घोषणा की है कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड है, उन्हें ही राशन मिलेगा, जबकि लाखों गरीबों के पास राशन कार्ड भी नहीं है. सरकार को इस संकट के दौर में सभी गरीबों के लिए राशन मुहैया कराना चाहिए था.

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भाकपा(माले) की गोपालगंज जिला कमेटी ने अपनी पहलकदमी पर गरीबों के बीच राशन वितरण आरंभ किया है. इसमें जनसहयोग भी लिया जा रहा है. कुटिया पंचायत के बेलवा, रतनपुरा आदि मुसहर टोली में 200 परिवारों के बीच 5 क्विंटल चावल, 1 क्विंटल प्याज आदि राशन का वितरण किया गया. इसके साथ माचिस भी दिया गया. इन गांवों के अलावा मठिया मुसहर टोली, सिंहपुर, हरदिया मुसहर टोलों में भी राशन वितरण करने की योजना बनाई गई है.

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बिहार: सिवान के गुठनी में बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए भाकपा(माले) का कैंप खोला गया है. इस कैंप में चूड़ा व गुड़ की व्यवस्था की गई है. कैंप में भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने मोर्चा संभाल रखा है. इसके पूर्व इसी बोर्डर पर माले विधायक सत्यदेव राम की पहलकदमी पर बोर्डर पर आए सैंकड़ों मजूदरों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी. बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों को सीमा के अंदर प्रवेश नहीं करने दे रही थी. माले विधायक की पहलकदमी पर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया.

उसी प्रकार, कटिहार के ग्वालटोली चौक में कोलकाता से पिकअप वान में आ रहे वैशाली व मुजफ्फरपुर जिले के 25 मजदूरों के लिए भाकपा(माले) व आइसा के कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर से पाव रोटी व पीने के पानी की व्यवस्था की.

भोजपुर के जवाहर टोला में भी भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने गरीबों के बीच राहत अभियान चलाया और जरूरत के सामान उपलब्ध करवाए.

पटना ग्रामीण में दुल्हिनबाजार के सोनियावां पंचायत के भाकपा(माले) की लोकप्रिय मुखिया विद्याबिहारी की पहल पर सोनीयावां में कोरोना से बचाव व बाहर से आए हुए लोगों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैया किया गया है तथा वहां समुचित इंतजाम किया गया है.

लाॅकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों व गरीबों के राशन व अन्य सुविधाओंके सवाल पर भाकपा(माले) ने पूरे बिहार में अपनी पहलकदमी तेज कर दी है. इस पहलकदमी के दौरान दो लोगों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी तथा कोरोना से बचाव के लिए अपनाए जा रहे तरीकों पर विशेष बल दिया जा रहा है. पीड़ितों की सहायता के साथ-साथ कोरोना रोकने का भी अभियान चल रहा है.

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भोजपुर में भाकपा(माले) विधायक सुदामा प्रसाद, आइसा-इनौस के नेतागण व अन्य लोग सक्रिय रहे. 1 अप्रैल को वहां के डीएम से सभी विषयों पर सुदामा प्रसाद की बातचीत हुई. बातचीत में कुछेक कार्यकर्ताओं के लिए पास निर्गत करने के बारे में भी चर्चा हुई. लेकिन डीएम ने कहा कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. फिर एसडीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिर्फ इलाज के लिए ही पास निर्गत करने का प्रावधान है. काफी बहस व समझाने के बाद वे पास निर्गत करने के लिए तैयार हुए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड के लिए दो-दो लोगों के नाम, आधार कार्ड व फोटो ऑफिस में पहुंचा दीजिए, पास बन जाएगा. पीरो के एसडीओ से भी बातचीत की गई, उन्होंने भी हामी भरी. पास निर्गत होने से राहत अभियान में गति आएगी.

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सुदामा जी के नेतृत्व में आरा नगर तथा जगदीशपुर में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए कैंपों की जांच भी की गई. आरा जैन कालेज में 89 लोग हैं जिनकी व्यवस्था ठीक-ठाक है. एक रूम में सिर्फ दो लोगों को रखा गया है व बिछावन मच्छरदानी भी दिया गया है. सुबह में चाय बिस्कुट दिया गया था तथा दोपहर में दाल चावल सब्जी दी गई है. यहां की व्यवस्था नगर निगम तथा प्रखंड के स्टाफ के जिम्मे है. जगदीशपुर में रामस्वारथ उच्च विद्यालय में कैंप बनाया गया है जहां पर 87 लोग हैं, लेकिन वहां व्यवस्था ठीक नहीं है. भीड़ की तरह लोगों को रखा गया है तथा खाना भी ठीक नहीं मिल रहा है. इस मामले पर वहां के मजिस्ट्रेट से बातचीत की गई तो उन्होंने सुधार करने को कहा है.

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आरा नगर के चंदवा मुसहर टोली में 140 परिवारों के बीच भाकपा(माले) द्वारा चावल, आलू और एक-एक साबुन वितरित किया गया. डीलरों से भी सभी जगह बातचीत की जा रही है कि सबको राशन दिया जाए. राज्य सरकार इस मामले में बिल्कुल संवेदनहीनता का परिचय दे रही है, वह सबकुछ स्थानीय प्रशासन पर छोड़कर निश्चिंत हो गई है. भाकपा(माले), आइसा व इनौस कार्यकर्ताओं ने आरा शहर के कई गरीब मुहल्लों में चावल, आलू, साबुन का पैकेट आदि वितरित किए हैं.

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सिवान: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के मेहरौन बाॅर्डर पर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हररियाणा और यूपी के मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए भाकपा(माले) विधायक सत्यदेव राम मोर्चे पर डटे रहे. मजदूरों को गंतव्य तक भिजवाने के लिए उन्होंने सिवान डीएम से कई बार बात की, बातचीत कभी-कभी तो बहुत तल्ख भी हो गई. खाने में मजदूरों को पानी, चिउड़ा, मीठा, संतरा, केला व आदि खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई है. सिवान के ललित बस स्टैंड में भी भाकपा(माले) द्वारा कोरोना राहत शिविर चलाया जा रहा है. इस शिविर में वरिष्ठ पार्टी नेता अमरनाथ यादव मोर्चा संभाले हुए हैं.

नालंदा: नालंदा के जिन-जिन गांवों में मजदूर बाहर से लौटे हैं, उन गांवों के रास्ते को दबंग लोग बांस-बल्ली लगाकर बंद कर रहे हैं. इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है. वे लगातार राशन की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसी प्रकार सिलाव के पास मितमा गांव के घुमन्तू जाति के करीब 30 परिवारों के पास कोई राशन नहीं था. उन्हें बीडीओ के पास भेजा गया ताकि राशन की व्यवस्था हो सके. कुछ मुस्लिम लोग उनकी मदद करने आए और आटा और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध करवाईं. कई जगह से राशन दुकान से पैसा लेकर गल्ला देने की बात सामने आ रही है. युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाने की आवश्यकता है.

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दरभंगा: यहां बहेड़ी प्रखंड के बघौनी पंचायत के धांगर टोल पर दो सौ परिवार हैं, जो रोड़ा-कोयला फोड़ कर अपनी भूख मिटाते हैं. पार्टी के प्रखंड सचिव सत्यनारायण मुखिया ने बहेड़ी के एमओ, बीडीओ को राशन उपलब्ध कराने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो सकी है. 3 अप्रैल को बीडीओ को फोन कर बाहर से आए 60 लोगों को गांव के स्कूल में रुकने की व्यवस्था की गई. बिरौल में माले कार्यकर्ताओं ने भोराम पंचायत में आइसोलेशन सेंटर बनाया और स्थानीय मुखिया के जरिये मजदूरों के खाने की भी व्यवस्था की गई.

पटना: पटना शहर के बुद्ध मूर्ति इलाके में लंबे समय से फुटपाथ पर रह रही जनता से भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने संपर्क किया. पार्टी की केंद्रीय कमेटी सदस्य सरोज चौबे, राज्य कमेटी सदस्य प्रकाश कुमार व पटना नगर के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र कुमार ने इन लोगों से मुलाकात की. किसी भी परिवार को अब तक राशन नहीं मिला है. इनमें कई सफाईकर्मी हैं जिन्हें दो माह से वेतन नहीं मिल रहा है. कचरा चुनकर गुजारा चलाने वालों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. वहां माले नेताओं ने लिस्ट बनाने को कहा है, ताकि एसडीओ को लिस्ट सौंपी जा सके. भोला पासवान शास्त्री भवन आशियाना, पटना में भी गरीब व भूख से पीड़ित 84 महिलाओं ने भाकपा(माले) की पहलकदमी पर अपनी सूची थाना प्रभारी को सौंपी है.

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भाकपा(माले) व एक्टू के कार्यकर्ताओं ने कंकड़बाग के असहाय वृद्धों के बीच पका हुआ भोजन वितरित किया. वहीं, निर्माण व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों तथा झुग्गीवासी 500 परिवारों के लिए सूखे राशन का वितरण किया. समाज के प्रबुद्धजनों से चावल, आलू, नमक, चूड़ा और गुड़ लेकर इन चीजों का वितरण किया गया.

गया जिले के मानपुर शहरी क्षेत्र के पार्टी के संघर्ष से हासिल भूूमि पर 200 गरीब भूमिहीन परिवार लंबे समय से रहते आ रहे हैं. उनके लिए भाकपा(माले) ने 3 क्विंटल चावल, आलू आदि का वितरण किया. ब्रजेश नगर, जोड़ा मस्जिद, नई मदरसा आदि जगहों में पार्टी नेता सुदामा राम, अरविंद तांती और अन्य साथियों ने दौरा किया और जरूरी सामानों का वितरण किया. रिपोर्ट है कि जिले में प्रशासन का रवैया बेहद दमनात्मक बना हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन के अनुसार कहीं भी राशन नहीं बांटा जा रहा है. राशन बांटने और खाना खिलाने तक पर मुकदमा दर्ज कर दिया जा रहा है.

कैमूर जिले में भभुआ प्रखंड के रतवार गांव के विद्यालय में मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लोग ठहरे हुए हैं. भाकपा(माले) जिला सचिव विजय यादव, लोकनाथ राम, सामाजिक कार्यकर्ता जोखू राम, रमेश यादव, गुड्डू यादव आदि लोगों ने चावल, आंटा, आलू, प्याज, तेल, मसाला आदि का वितरण किया.

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मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड के छपरा मेघ पंचायत में भाकपा(माले) की जांच टीम पहुंची और राहत अभियान का जायजा लिया. अचानक लाॅकडाउन के कारण निर्माण मजदूरों से लेकर खेत मजदूरों तक के काम बाधित हो गए हैं. लोगों के पास भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जांच टीम ने उस गांव में संजय राम के परिवार से मुलाकात की. उनके परिवार के सभी 6 सदस्य भुखमरी की कगार पर हैं. किसी तरह उनका जीवन चल रहा है. वहां न तो भोजन की व्यवस्था है, न मेडिकल की. भाकपा(माले) की टीम ने स्थानीय जन वितरण की दुकान से 25 किलो चावल लेकर जरूरतमंद परिवारों की मदद की.

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भोजपुर के गड़हनी में भाकपा(माले), इंसाफ मंच व शाहीनबाग के साथियों ने जरूरतमंद परिवारों के लिए चंदा करके 5500 रुपये एकत्र किए और फिर उससे जरूरी सामानों का उन परिवारों में वितरण करवाया.

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